प्रदेश के प्रमुख मंडियों के ताजा भाव की जानकारी
***नोखा(बीकानेर)**15/09/2021**
रिपोर्ट
🌿मोठ 🌿*
*6700-7350(नया मोठ)
पुराना मोठ 6600 से 7000
🌿मूंग🌿*
5800-6400*
🌿ग्वार🌿5800/5850 ( NCDEX वायदा बाजार में ग्वार तेज है लेकिन हाजिर बाजार में कोई तेजी नही है , )
🌿चना नया🌿*
5000/5150
🌿मेथी नई 🌿*7000/7100
मेथा 7000 से 7500*🌿
नया जीरा 🌿*
12500/14400*
🌿इसबगुल नया 11800 से 14400
*🌿काला तिल🌿* 8700 से 8800
🌿कणक🌿*
1900/2100*
🌿रायडा सरसो नया 🌿*
7100/7200*
🌿मतीरा बीज🌿* 6800 से 7000
काकड़िया बीज🌿* 7200*
तारामीरा 5800 से 6400——
*बीकानेर*
चना बिल्टी-5300
चना-5150/5200+50
आवक-200
गेहूँ-1950/2070+20
आवक-100
सरसों- 7300/7600
आवक- 100
मूंगफली-5700/6000
आवक-150
ग्वार-5800/6000
आवक-100
*भामाशाह कोटा मण्डी*
* दिनाक 15/09/2021,
धनिया रेंडेमेज 5500 से 5600
धनिया बादामी 6600से 6750
धनिया ईगल 6800से 6900
सरसों 7250से 8251
सोयाबीन 6500से 8775
उड़द 2000से 7199
उड़द नया 5000 से6500
मक्का गजर 1600से 1641
मक्का सफेद 1750से 1831
मक्का पीली 1700से 1831
कलोंजी
अलसी 6500से 8371
मेथी 6000से 7000
गेंहू मिल1875से 1900
गेहूँ एवरेज 1900se1961
गेहूँ बेस्ट 1991से 2100 मूँग 6000 से6300
तिल्ली 6000 से 9700 जो 1800से 2075 चना देशी4900 से 5000 काटीया 4600 से 4750 चना डंकी 4200 से 4700 गवार अंडोली 5025 बाजरा , 1350 से 1551
*ये सभी भाव लूज ऑक्शन के है*
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*कृषि उपज मंडी समिति* *मंदसौर*
*आज के भाव*
*15/09/21 बुधवार*
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मक्का 1680–1782
उडद 5500–7300
सोयाबीन 7250–10001
गैहु 1825–2178
चना 4550–5250
मसुर 5600–7200
धनिया 5000–7090
लहसुन 1500-10500
मैथी 6001—7661
अलसी 7500—8550
सरसो 6880–7473
तारामी 6484—6612
इसबगोल 10000-13504
प्याज 0300–1301
कलोंजी 6000-22000
डॉलर 5000–8826
तुलसी 18000-19352
तिल्ली 7200–9800
मटर 2400—5060
असालीया 5801–6441
*आवक 30,300 बोरी*
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*SADUL SHAHAR*
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*Dhan mandi update*
*Date 15.09.2021*
*वार बुधवार*
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*सरसो*250*किव*बोली*
**भाव निम्न रहै*
*7622,से ,7965*तक*
*चना बोली भाव*
*5001 से 5151 तक*
*गेहू दडा बोली *भाव*
*1846 से 1972 तक*
*जौ बौली भाव*
*1900 तक*
*नरमा बोली भाव*
*6600 से 6970 तक*
*मूग बोली भाव*
*5900 से 6600 तक*
**गुवार आमदनी 80 किव:*
*बोली भाव**
*5602 ,5751 ऊपर मे 5875 तक*
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New Delhi
*कई राज्यों में सूखा एवं बाढ़ से खरीफ दलहन फसलों को भारी क्षति की आशंका*
स्वदेशी दलहन-दाल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र की अग्रणी संस्था- इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) के वाइस चेयरमैन का कहना है कि बेशक खरीफ कालीन दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन प्रमुख उत्पादक राज्यों में फसल को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान भी होने की खबर है इसलिए वास्तविक उत्पादन की जानकारी कटाई सीजन के दौरान ही मिल पायेगी। यदि कटाई-तैयारी के समय भारी वर्षा का दौर जारी रहा तो उड़द एवं मूंग की फसल को क्षति हो सकती है।
मूंग के सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त राजस्थान में अगस्त माह के दौरान मौसम शुष्क रहा इसलिए वहां उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका बनी हुई है। सितम्बर के बाद ही इसकी तस्वीर स्पष्ट हो पायेगी। खरीफ सीजन में करीब 70 प्रतिशत मूंग का उत्पादन राजस्थान में होता है। वहां इसकी बिजाई तो कुछ बढ़ी है लेकिन वर्षा की अनिश्चित हालत को देखते हुए कुछ विश्लेषक औसत उपज दर में 50 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। राजस्थान में मानसून की आवक देर से हुई और शुरुआत में वहां मौसम शुष्क एवं गर्म चल रहा था।
उसके बाद कई क्षेत्रों में अत्यन्त मूसलाधार वर्षा हुई। व्यापारियों एवं बाजार स्रोतों से प्राप्त फीड बैंक के आधार पर वहां मूंग का उत्पादन घटकर इस बार 7-8 लाख टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान है जबकि आमतौर पर खरीफ सीजन में उत्पादन 12-13 लाख टन होता है। राष्ट्रीय स्तर पर मूंग का कुल उत्पादन 22-23 लाख टन के करीब होता है जो चालू सीजन में घटकर 18-19 लाख टन या इससे भी नीचे आ सकता है। कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में फसल की हालत अपेक्षाकृत अच्छी है। ऑल इंडिया दाल मिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन के अनुसार हालांकि मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुछ भागों में भी उड़द की फसल अच्छी है मगर इस पर भी प्राकृतिक आपदाओं का कुछ असर पड़ा है। तुवर की फसल को अभी ज्यादा खतरा नहीं है और हालांकि बारिश से इसे फायदा हुआ है। राजस्थान में हो रही वर्षा से मूंग की फसल को थोड़ी राहत मिली है।
कर्नाटक के प्रमुख दलहन उत्पादक जिले- कलबुर्गी एवं बीदर में अत्यन्त भारी वर्षा होने से खेतों में पानी भर गया है जिससे वहां 80 प्रतिशत क्षेत्र में तुवर की फसल के लिए खतरा पैदा हो गया है। यदि तुवर के खेतों में दो दिन से ज्यादा समय तक पानी जमा रहा तो फसल पर कीड़ों-रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ सकता है। कलबुर्गी में 10 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। महाराष्ट्र में बारिश से उड़द की क्वालिटी प्रभावित होगी लेकिन तुवर की फसल को फायदा होगा। इसकी कटाई दिसम्बर में होगी।