सरसों सोयाबीन बिनोला खल तेजी मन्दी विशेष रिपोर्ट

कीमतें देख किसानों ने सरसों स्टॉक करना बेहतर समझा
। बीते कई वर्षों के मुकाबले इस वर्ष देश
में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस वर्ष सरकार द्वारा
सरसों की फसल पर लिए गए कुछ निर्णयों के कारण इसका
बंपर उत्पादन होने के बावजूद भी कीमतें आसमान छूने
लगी है। घरेलू बाजारों में सरसों की कीमतें सरकार द्वारा
निर्धारित समर्थन मूल्य से लगभग दोगुनी है जिसके कारण
इस वर्ष सरसों किसानों ने सरकार को अपनी फसल बेचने
से साफ इनकार कर दिया है।
जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस वर्ष
देश में जिस प्रकार सरसों की कीमतें दिन प्रतिदिन बढ़ रही
हैं उसको मध्य नजर रखते हुए मुरैना के हजारों किसानों ने
तकरीबन 100000 क्विंटल सरसों का स्टॉक अपने पास
रख लिया है। राजस्थान सरसों उत्पादन का प्रमुख राज्य है
जिसके बाद हरियाणा और मध्य प्रदेश में इसकी पैदावार
सबसे ज्यादा मात्रा में होती है। बताया जा रहा है कि इस वर्ष
मुरैना क्षेत्र में 152656 हेक्टेयर में सरसों का उत्पादन किया
गया। कहा जा रहा है कि इस वर्ष क्षेत्र में न केवल पैदावार
और रकबा ही रिकॉर्ड स्तर पर रहे बल्कि इसके अलावा इस
वर्ष इसकी कीमतें भी आसमान छूने लगी। केंद्र सरकार
द्वारा इस वर्ष सरसों की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर
4650 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई थी परंतु जैसे ही सरसों
मंडियों तक पहुंची इसकी कीमतें बढ़कर 5000 रुपए प्रति
क्विंटल तक पहुंच गई, जो अब बढ़कर हाल फिलहाल 7400
रुपए प्रति क्विंटल के आसपास के स्तर पर चल रही हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि यही मुख्य कारण है जिसके
कारण मुरैना क्षेत्र के किसान ने समर्थन मूल्य पर अभी तक
सरसों की बिक्री नहीं की है। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र
के किसानों ने अब तक व्यापारियों को लगभग 550/575
क्विंटल सरसों बेच दिया है। सरसों की बढ़ती कीमतों को
देख क्षेत्र के किसान काफी परेशान है जिसके लिए उन्होंने
अपने घरों में ही सरसों का बड़ा स्टॉक अपने घरों में ही रख
लिया है।

केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष 8 जून से तेल कारोबारियों के
मिश्रित तेल लाइसेंस को खत्म करने का निर्णय लिया गया
है। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा देश में आयात किए
जाने वाले सोया ऑयल, राइस ब्रान ऑयल और पाम ऑयल
का आयात शुल्क भी बढ़ जाने के कारण इसकी आवक
बहुत ही कमजोर हो चुकी है जिसके कारण देश में सरसों
की मांग में काफी मात्रा में इजाफा हुआ है जिसको देखते
हए इसका स्टॉक होना बताया जा रहा है।

सरसों तेल-मंदे के आसार कम
नई दिल्ली,,ऊंचे भाव पर ग्राहकी
कमजोर होने के कारण सरसों तेल के भाव 14700 रुपए
प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे। टीनों में इसके भाव 2425/
2525 रुपए बोले गए। हरियाणा की मंडियों में उठाव न होने
से इसके भाव 14500 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे।
हाल ही में आई भारी तेजी को देखते हुए आने वाले दिनों में
इसमें और ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं लग रही है बाजार
सीमित दायरे में घूमता रह सकता है।

राइसब्रान ऑयल-सोया रिफाइंड में नरमी : अखाद्य तेल
मजबूत
नई दिल्ली, विदेशों के मंदे समाचार
आने तथा ग्राहकी कमजोर होने से अधिकांश खाद्य तेलों व
तिलहनों की कीमतों में तेजी को ब्रेक लग गया। सप्लाई
कमजोर होने से अखाद्य तेलों में मजबूती का रुख रहा।
तेल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण लारेंस रोड
पर सरसों के भाव 6970/7000 रुपए प्रति क्विंटल पर
सुस्त रहे। सरसों तेल में मांग कमजोर होने से 14700 रुपए
प्रति क्विंटल पर दबा रहा।टीनों में इसके भाव 2425/2525
रुपए बोले गए। हरियाणा की मंडियों में इसके भाव 14500
रुपए प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे। हाल ही में आई भारी तेजी
के कारण रिसेलरों की बिकवाली का दबाव देखा गया।
दूसरी ओर सरकार द्वारा बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के
लिए कठोर कदम उठाए जाने की आशंका बनी हुई है।
रिफाइंड वालों की मांग कमजोर होने से बिनौला तेल के
भाव 13750 रुपए प्रति क्विंटल पर सुस्त रहे। उठाव न होने
से राइसब्रान आयल के भाव 50 रुपए घटकर
11850/11850 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। सोया तेल भी
मांग कमजोर होने से 50 रुपए गिरकर 14650 रुपए प्रति
क्विंटल रह गया।आयातको की बिकवाली आने से कांदला
में इसके भाव 14300 रुपए बोले गए। विदेशों के मंदे
समाचार आने के कारण सीपीओके भाव 10 डॉलर घटकर
1190 डॉलर प्रति टन रह गया। विदेशों में आई नरमी तथा
आयातको की बिकवाली आने से कांदला में इसके भाव
100 रुपए घटकर 8700 रुपए प्रति क्विंटल रह गए।
सटोरिया लिवाली कमजोर होने से केएलसी में सीपीओ
जून डिलीवरी के भाव 91 रिंगिट घटकर 4280 तथा जुलाई
डिलीवरी के भाव 80 रिंगिट घटकर 4095 रिंगिट प्रति टन
रह गए।खाद्य तेलों में नरमी का रुख होने तथा मांग कमजोर
होने से वनस्पति घी के भाव टीनों में दबे रहे।
अखाद्य तेलों में आपूर्ति कमजोर होने से राइस फैट्टी के
भाव 9800 रुपए तथा एसिड ऑयल के भाव 7400 रुपए
प्रति क्विंटल पर मजबूत रहे। पशु आहार वालों की मांग
कमजोर होने से सरसों खल के भाव दबे रहे।

बिनौला खल-ज्यादा घटबढ़ नहीं
नई दिल्ली, 27 मई (एनएनएस) पशु आहार वालों की
मांग निकलने तथा आपूर्ति कमजोर होने से बिनौला खल
के भाव 3200/3400 रुपए प्रति क्विंटल पर टिके रहे हैं।बिकवाली घटने से भटिंडा मंडी में इसके भाव 3500/
3600 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। हालांकि सटोरिया
लिवाली बिकवाली के चलते एनसीडीएक्स में मामूली उतार-
चढ़ाव बना रहा। सप्लाई को देखते हुए आने वाले दिनों मेज्यादा घटबढ़ की संभावना नहीं है।

भविष्य
सोया तेल-ज्यादा मंदा नहीं
नई दिल्ली, विदेशों के मंदे समाचार
आने तथा ऊंचे भाव पर ग्राहकी कमजोर होने से सोया तेल
रिफाइंड के भाव 50 रुपए मुलायम होकर 14650 रुपए
प्रति क्विंटल रह गए। आयातकों की बिकवाली आने सेकांदला में इसके भाव 50 रुपए घटकर 14300 रुपए प्रति
क्विंटल बोले गए। सोयाबीन में नरमी का रुख होने के
कारण ही मंदे को बल मिला। सप्लाई व मांग को देखते हुए
आने वाले दिनों में इसमें गिरावट की संभावना नहीं है।