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जीरे के भाव में स्थिरता बरकरार जानिए नोखा मंडी नागौर मंडी के ताजा भाव

आज नोखा कृषि उपज मंडी समिति में जीरे की आवक लगभग 4000 बोरी के करीब रही कल एनसीडीएक्स वायदा कारोबार में जीरा का भाव ₹250 की मंदी के साथ बंद हुआ था और आज गुड फ्राइडे की वजह से एनसीडेक्स कॉमेडीटी का बाजार बंद रहा और बाबू के अंदर किसी प्रकार की कोई तेजी मंदी देखने को नहीं मिली आज नोखा मंडी में जीरे का भाव ₹11000 से लेकर ₹13000 तक दर्ज हुआ अधिकतर माल ₹12000 से लेकर ₹12800 तक बिक रहा है ।

श्रीमाधोपुर मण्डी
ग्वार नया 30 क्विंटल भाव 3550
ग्वार पुराना 35 क्विंटल भाव 3475 – 3530
टोटल गुवार आवक 65 क्विंटल
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जौ 18000 क्विंटल । भाव 1470 से 1595
सरसों आवक 5 क्विंटल। भाव 5000 – 5250 ।
तारामीरा आवक 200 क्विंटल भाव 5000 से 5225
बाजरा आवक 300 कट्टे भाव 1150 से 1200 तक
🙏🏼🙏🏼

NAGAUR नागौर भाव
Moong 2700 / 3000 q
Bhaw 4700 / 7240
Guar 100 q
Bhaw 3571
Sarsoo 1200 bags
Bhaw upper 5240
Jeera 7000 / 7500 bags
Bhaw upper 15200
Esab 1000 bags
Bhaw upper 9100

*कृषि बाजर भाव सर्विस-8889456572* 02/04/2021

*जलगांव*: चना-4711
चापा-4811
उड़द एमपी-7250+0
महाराष्ट्र -7850
मूंग एमपी-6600+0
पोलिश-7700+0
महाराष्ट्र मीडियम -6400/7300+0
बेस्ट-7900/8300+0

*सेलम*: तुअर-7100+0

*बीकानेर*: चना-4950/4975-25

*सुमेरपुर*: चना-4600/4610आवक-2000
मूंग-5000/7000आवक-50

*भवानी मंडी*
सोयाबीन-4800/5950
उड़द बढ़िया-5500/6100
मसूर-5000/5700
चना-4300/4600आवक-1500
धनिया-5300/6700
मेथी-4800/5200
सरसो-4800/5200
मेहंदी-2500/4700
मक्का-1100/1260
अलसी-5500/5820
लहसुन-2000/5200आवक2000

*झाँसी*: चना-4700/4800
उड़द-6000/6400
मसूर-5000/5400
मटर-4500/4800

*राठ*: मटर-4600/4950-150
हरी मटर-9250+0
चना-4700/4850+0
मसूर-4450/5500+0

*उरई*: चना-4850
मसूर-5460
मटर-4750/5100

*_सरकारी भाव से 1000 रुपए ऊंचे भाव पर बिक रही सरसों_*

उन किसानों के लिए ये बहुत अच्छी खबर है जिन्होंने इस बार सरसों की बुआई कि है इस बार मंडियों में सरसों का भाव तेज चलने से किसानों को उनकी सरसों का अच्छा भाव मिल रहा है मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बाजार में किसानों की सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य से करीब 800 रुपए तक ज्यादा में भाव में बिक रही है जिससे उन्हें फायदा हो रहा है सरसों का बाजार भाव 5,500 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है जबकि रबी सीजन के लिए सरकार ने सरसों का एमएसपी 4,650 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है अलवर मंडी की बात करें तो कुछ दिन पहले 6000 रुपए क्विंटल के हिसाब से सरसों मंडी में बिकी थी हालांकि अभी के ताजा भावों में गिरावट आई है फिर भी सरसों के भाव एमएसपी से ऊंचे बने हुए है
*_सरसों के भाव में तेजी आने का क्या है कारण_*
कारोबारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाने के तेलों के भाव ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी आई है आगे आमदनी जोर पकडऩे के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम ही नजर आती है आयातित खाद्य तेलों के भाव महंगे चल रहे हैं इसलिए सरसों तेल की खपत बढ़ गई है क्रूड पाम तेल का भाव भी ऊंचा है वहीं अन्य तेलों में मिलावट की जा सकती है लेकिन सरसों के तेल में मिलावट की गुंजाइश नहीं है क्योंकि दुसरे तेल तेज हे जिससे लोगों को शुद्ध तेल मिल रहा है
*_इस बार सरसों का अच्छे उत्पादन का अनुमान_*
देश में इस साल सरकारी अनुमान अनुसार सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन बैठने का है हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन *_सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा)_* के आकलन के अनुसार देश में इस साल सरसों का उत्पादन 89.50 लाख टन रहेगा इसके मुताबिक राजस्थान में सबसे अधिक 35 लाख टन उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन पंजाब व हरियाणा में 10.5 लाख टन मध्य प्रदेश में 10 लाख पश्चिम बंगाल में पांच लाख और गुजरात में चार लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया इसके अलावा दस लाख टन अन्य राज्यों में होने का अनुमान है कुल मिलाकर 89.50 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया वहीं पिछले साल 72 से 75 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान जताया गया था अभी फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों में इस समय रबी फसल की कटाई का काम चल रहा है 30 मार्च तक रबी फसलों की 60 फीसदी तक कटाई की जा चुकी है मंडियों में सरसों की आमदनी का प्रैशर है प्रतिदिन पहुंच रहे 15,000 कट्टे राजस्थान की अलवर मंडी में सरसों की आमदनी हर रोज अच्छी हो रही है मंडी में प्रतिदिन सरसों के 15 हजार से ज्यादा कट्टे बिकने आ रहु हैं किसानों को सरसों के भाव बेहतर मिल रहे हैं मंडियों में मई माह तक सरसों की आमदनी रहेगी अलवर के अलावा खैरथल खेड़ली‌ नगर गोविंदगढ़ सहित जिले की अन्य मंडियों में भी बड़ी संख्या में सरसों बिकने के लिए आ रही है अलवर के अलावा धौलपुर भरतपुर करौली दौसा के आसपास के जिलों में भी सरसों की बंपर पैदावार होती है अलवर के आसपास क्षेत्र की सरसों अन्य जगहों की तुलना में बेहतर होती है इसलिए अलवर के तेल की डिमांड अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा है सीजन के समय अलवर मंडी में 50 हजार बोरी सरसों की आमदनी होती है
हरियाणा के सिरसा जिले की मंडियों में पिछले दिनों 7846 क्विंटल सरसों पहुंच चुकी है जिले में प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा 4700 से लेकर 5471 रुपए प्रति क्विंटल सरसों खरीद की जा रही है हालांकि यहां एक अप्रैल से सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है जिसे लेकर सभी तैयारियां कर ली गई हैं
*_तेल की मात्रा के आधार पर तय होते है सरसों के भाव_*
व्यापारियों के अनुसार सरसों का आकलन तेल की मात्रा के हिसाब से होता है एक क्विंटल सरसों में 42 किलो सरसों का तेल निकलना चाहिए व्यापारी सरसों में ज्यादा से ज्यादा 42 प्रतिशत तेल की मात्रा होने के हिसाब से ही किसान को भाव देते हैं इस बार सरसों की फसल में समय-समय पर हुई बरसात से सरसों में तेल की मात्रा बढ़ी है सरसों में यदि तेल की मात्रा 42 प्रतिशत से ज्यादा होगी तो उसी हिसाब से अधिक भाव दिया जाएगा इस समय सरसों में 43 से 45 प्रतिशत तेल की मात्रा मिल रही है इसलिए किसानों को भी अच्छे भाव मिल रहे हैं
*_इस बार समर्थन मूल्य नहीं होगी सरसों की खरीद_*
इस बार किसानों को मंडियों में व्यापारियों द्वारा ऊंचे भावों में सरसों की खरीद की जा रही है इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद नहीं हो पाएगी बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ और किसानों ने रिकार्ड सरसों की सरकारी भाव पर बिकवाली की इसका लाभ किसानों को मिला अब चूंकी इस बार सरसों का बाजार भाव ज्यादा होने से किसानों की रूचि समर्थन मूल्य पर अपनी सरसों बेचने पर कम ही नजर आ रही है किसानों का कहना है कि सरकार को भी बाजार भाव पर सरकारी खरीद करनी चाहिए
*_सरसों का तेल और तेज होने की उम्मीद_*
सरसों का तेल अब बाजार में 140 से 150 रुपए लीटर रिटेल मै बीक रहा है जिसका भाव पिछले एक महीने में 20 से 30 रुपये लीटर तक बढ़ गये है इस साल सरसों की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है इसका असर तेल पर भी पड़ेगा तेल कारोबारियों का कहना है कि सरसों का अच्छा उत्पादन हुआ तो बढ़े हुए तेल के भाव से आमजन को महंगाई महसूस तो होगी लेकिन सरसों का तेल खाने की उनकी मजबूरी भी होगी क्योंकि देशी घी में बहुत ज्यादा मिलावट होने और हार्ट अटेक के डर से ज्यादा तर लोग सरसों का तेल का बना भोजन ज्यादा पसन्द करने लग गए है