मेथी ,सरसो में मंदी ,देखिये आज के ताजा मंडी भाव ,मंडी भाव राजस्थान

जानिए आज के ताजा मण्डी भाव

आज के ताज़ा मण्डी भाव

जनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)*

*22/05/2021*

*🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6600-6800 Extra bold

*🌿मूंग🌿*
6000-6600

*🌿ग्वार🌿*
3900/4096

*🌿चना नया🌿*
5000/5050

*🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5500

*🌿मेथी नई 🌿*

6000/6100

मेथा 6300 से 6500

*🌿नया जीरा 🌿*
12000/13000

*🌿इसबगुल नया 8800 से 10500 (ज्यादातर माल 9400 से 9900)तक बिक रहा है ।

*🌿काला तिल🌿* 7500/7675

*🌿कणक🌿*
1650/1900

*🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5900/6200

*🌿मतीरा बीज🌿* 4000/4800

*🌿काकड़िया बीज🌿* 7000/7700

*🌿जौ🌿*
1400 से 1500

🔈तारामीरा 5000 से 5150🔈

नोखा कृषि उपज मंडी आने वाले किसानों से निवेदन है कि कृपया करके वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक मंडी परिसर गेट तक आ जाए उसके बाद आने वाले वाहन को मंडी परिसर में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।

, दिल्ली-22.05.2021*

*दलहन कारोबार ठंडा*
★ महाराष्ट्र व कर्नाटक में दालों के लिवाल गायब, बाजार ठन्डे।
★ पूरा माल न मिल पाने से कई मिलें उत्पादन रोकने को मजबूर, फ़िलहाल इसका सीधा असर मूंग पर पड़ सकता है क्योंकि देश में नई मूंग की आवक बढ़ रही है।
★ कई क्षेत्र में मूंग की आवक बढ़ रही है, जैसे जैसे मंडियां खुलेंगी आवक बढ़ेगी।
★ जैसे ही सरकार ने तुवर, मूंग, उड़द आयात खोला वैसे ही बाजारों में अलग अलग तरह की चर्चा होने लगी जिसमें मटर आयात खोले जाने की बात भी सामने आई।
★ सरकार ने केवल वही दलहन का आयात खोला है जिसका विदेशों में पहले से ही कम उत्पादन होता है।
★ सरकार यह जानती है कि अगर मटर आयात खोला गया तो दलहन बाजार पूरी तरह टूट जायेंगे जिसकी जवाबदेही मुश्किल होगी।
★ जब तक मटर आयात पर कोई फैसला नहीं लिया जाता तब तक तेजी की पूरी सम्भावना बनी रहेंगी।
★ केंद्र ने 20 मई तक 676103.57 टन मूंग, उड़द, तुवर, चना, मसूर, मूंगफली, सरसों व सोया की सरकारी खरीद की, जो गत सीजन से कई गुना कम है, आई ग्रेन इंडिया का मानना है कि यह खरीद अधिकतम 7-7.25 लाख टन ही पहुंच सकती है यानि इस वर्ष देश की केंद्रीय एजेंसी में दलहन स्टॉक नहीं होगा।
★ सरकार को बफर स्टॉक बनाने में परेशानी हो सकती है शायद इसी वजह से दलहन कारोबारियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है ।

22/05/2021

*मसूर: हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम घट गए दूसरी और, देसी मसूर की कीमतें लगभग स्थिर बनी रही केंद्र सरकार के मिल मालिकों व व्यापारियों और आयातकों के साथ ही सभी शेयरधारकों से दालों के स्टॉक की घोषणा करने से बाजार में दबाव बना हुआ है, तथा केंद्र के इस कदम ने उद्योग में एक डर का माहौल पैदा कर दिया है। जबकि पहले से ही बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई थी। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।*

*बाजार के लोग इस बात से डर रहे हैं कि सरकार मसूर पर आयात सीमा शुल्क को कम या फिर समाप्त कर सकती है कनाडा में निर्यातकों को उम्मीद है कि भारत बढ़ी हुई खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति और दालों की आपूर्ति बढ़ने के लिए जल्द ही आयात शुल्क समाप्त कर सकता है। भारतीय आयातकों ने आयात शुल्क में कमी की संभावना को देखते हुए जून डिलवरी के मसूर के आयात सौदे पहले ही शुरू कर दिए हैं, क्योंकि उनकों विश्वास है कि सरकार के पास मसूर के आयात शुल्क में कमी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।*

*कनाडा के सांख्यिकी के अनुसार मसूर के सभी वर्गों का स्टॉक 1.435 मिलियन मीट्रिक टन (एमटी) है, जो पिछले साल इसी अवधि के 1.678 मिलियन मीट्रिक टन से कम है, लेकिन पिछले पांच साल के औसत 1.335 मिलियन से ऊपर है कुल स्टॉक में से किसानों के पास 1.26 मिलियन मीट्रिक टन मसूर है, जो पिछले साल 1.508 मिलियन से कम है वाणिज्यिक सूची पिछले वर्ष की इसी अवधि के 170,000 मीट्रिक टन से कुछ ही ऊपर 175,000 मीट्रिक टन है।*

*कनाडा के कृषि मंत्रालय ने 2021-22 के सीजन में मसूर का उत्पादन 8 प्रतिशत घटकर 26.50 लाख टन पर सीमित तथा इसकी कुल उपलब्धता गिरकर 28 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है। इसी तरह मसूर का निर्यात 24 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की है और सीजन के अंत में मसूर का बकाया स्टॉक 1 लाख टन रह सकता है। अमरीका में मसूर का उत्पादन क्षेत्र 16 प्रतिशत बढ़कर 6.10 लाख एकड़ पर पहुंच सकता है।*

22/05/2021

*गेहूं की खरीद पिछले वर्ष से 17 प्रतिशत अधिक सरकारी एजेंसियों ने चालू सत्र में 3.82 करोड़ टन से अधिक गेहूं की खरीद की है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है शुक्रवार को जारी एक एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कार्यक्रम के अंतर्गत 20 माई तक 39.55 लाख किसानों से 75,514.61 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा गया। पिछले साल इसी अवधि में करीब 3.25 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया था।*

*बयान के मुताबिक मौजूदा खरीफ विपणन सत्र 2020-21 और रबी विपणन सत्र में 113.30 लाख किसानों से लगभग 760.06 लाख टन धान खरीदा गया है। इसके अलावा नोडल एजेंसियों के माध्यम से 6,76,103.57 टन दलहन और तिलहन खरीदा गया है, जिससे 4,04,224 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिला है विज्ञप्ति के मुताबिक गेहूं की खरीद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू- कश्मीर राज्यों में सुचारु रूप से जारी है।*

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