जानिए आज के ताजा मण्डी भावआज के ताज़ा मण्डी भावजनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)**2/06/2021**
🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6000-6900
*🌿मूंग🌿*
6000-6800*
🌿ग्वार🌿3900/4070
🌿चना नया🌿*
5000/5100
🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5600*🌿
मेथी नई 🌿*6000/6250
मेथा 6300 से 6600*🌿
नया जीरा 🌿*
12000/12600*
🌿इसबगुल नया 10200 से 10990 (ज्यादातर माल 10300 से 10500)तक बिक रहा है ।*
🌿काला तिल🌿* 7000/7100*
🌿कणक🌿*
1650/1930*
🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5900/6200*
🌿मतीरा बीज🌿* 5300/5600 (आज 200 रुपये की तेजी)
🌿काकड़िया बीज🌿* 7700/8000*
तारामीरा 5000 से 5200🔈
नोखा कृषि उपज मंडी आने वाले किसानों से निवेदन है कि कृपया करके वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक मंडी परिसर गेट तक आ जाए उसके बाद आने वाले वाहन को मंडी परिसर में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।
02/06/2021
*सरसों तेल में मांग बढ़ने से सुधार आयात शुल्क मूल्य में सोमवार रात की गई बढ़ोतरी से विदेशी बाजारों में गिरावट का रुख रहा। जबकि स्थानीय मांग बढ़ने के कारण दिल्ली तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल तिलहन कीमतों में सुधार देखा गया। बाजार सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क मूल्य बढ़ाये जाने का तेल कीमतों पर कोई विशेष असर नहीं दिखा लेकिन मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट देखी गई। सीपीओ के आयात शुल्क मूल्य में आठ रुपये प्रति क्विन्टल बढ़ाये गये जबकि सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क मूल्य में 340 रुपये क्विन्टल की बढ़ोतरी की गई। इस वृद्धि का आयात पर कोई विशेष असर नहीं हुआ लेकिन सरकार को राजस्व लाभ जरूर होगा उन्होंने कहा कि आयात शुल्क मूल्य बढ़ने से मलेशिया एक्सचेंज में एक प्रतिशत की गिरावट रही जिससे सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं।*
*दूसरी ओर आठ जून से सरसों में दूसरे तेलों के मिश्रण पर रोक लगाने के सरकार के फैसले से पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में सरसों तेल की मांग बढ़ गई है। बाजार सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों में अचार बनाने वालों की मांग आने लगी है। राजस्थान में भी सरसों तेल की मांग निरंतर बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग के चलते सरसों तेल तिलहन कीमतों में सुधार दर्ज किया गया सूत्रों का कहना है कि सोयाबीन की ऐन बिजाई के समय आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि एक अच्छा संकेत है जो देशी तेल तिलहन उत्पादक किसानों का हौसला बढ़ायेगा सूत्रों ने कहा कि सरकार को तिलहन उत्पादन पर अधिक ध्यान देना चाहिये। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सोयाबीन के अच्छे दाने की किल्लत है। सरकार को सोयाबीन बिजाई के लिये उत्तम बीज की व्यवस्था करनी चाहिये।*
*व्यापार अपने विवेक से करें*
02/06/2021
दलहन भाव्यिष
*तुवर: आगे का व्य्यापार भरपूर लाभकारी तुवर की नई फसल आने में अभी 8 माह का समय बाकी है। पिछली आई हुई खरीफ एवं रबी दोनो की फसल कम रही है, तथा सूडान के आये कंटेनर रिलीज होने में दिक्कत हो रही है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए तुवर के व्यापार में मंदे की गुंजाइश नही है तुवर नीचे में एक सप्ताह पहले 6350 रूपए प्रति क्विंटल बिकने के बाद पुनः 6500 रूपए पर पहुंच गयी है। अमरावती, जलगांव, अकोला व जालना लाईन में माल कम होने से आवक घट गयी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए तुवर के व्यापार में आगे जोखिम नही है।*
*चना: जड़ में मंदा नही वर्तमान में देशी चने की उत्पादक मंडिया आपूर्ति लगातार घटने से दिल्ली के पड़ते से तेज चल रही है गौरतलब रहे कि मध्य प्रदेश का माल इंदौर, ग्वालियर व कानपुर लाईन की दाल मिलें पहले ही खरीद चुकी है, जिससे अब इस राज्य में ज्यादा माल नही है। जबकि मध्य प्रदेश, तेलगांना, आंध्र प्रदेश व कर्नाटक में कुछ सरकारी खरीद भी की गयी है राजस्थान में पहले से ही माल की कमी रही है। महाराष्ट्र में भी माल की कमी रहने से इस बार दिल्ली चापा चना कम आया है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए किसी भी मंडी में आज की तारीख से खरीद करने पर 5600 रूपए से कम का पड़ता नही लग रहा है, इन सभी परिस्थितियों को देखते अब आगे बाजार तेज ही रहने वाला है।*
*मसूर: महँगी आयात पड़तल से मंदी की गुँजाइश नही दाल मिलों में माल की कमी रहने तथा आयात पड़ता महंगा रहने से मसूर की कीमतें धीरे-धीरे फिर नीचे वाले स्तर को छोड़ने लगे है। इस समय कनाडा 6550/6600 रूपए तथा बिल्टी में 6775 रूपए देशी मसूर बिक रही है मसूर में आने वाले समय में और तेजी के आसार दिखाई दे रहे है क्योकि कनाडा से आज की तारीख में सौदा करने पर मसूर काफी महंगी पड़ रही है तथा मंडियों में स्टॉक ज्यादा नही है। वही उत्पादन खपत की अपेक्षा 50 फीसदी कम हुआ है।*
*मटर: कोरोना महामारी के चलते मटर की खपत बाधित हुयी है जिससे घरलू खपत में होने वाले बालक माल कोरना महामारी के चलते पिछले 2 महीने से केवल 15% ही बिक पाए है दूसरी और बिजाई में बढ़ोतरी होने के कारन मटर का उत्पादन बढकर करीब 7 लाख मेट्रिक टन हुवा है पिछले साल मटर के रिकॉर्ड भाव होने से घरेलु किसानो ने सब्जी में बेचीं जाने वाली मटर के बजाय उसे पूरा तैयार करके उत्पादन किये है इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए देशी माल की उपलब्धता को देखते हुए मटर में तेजी की संभावन नजर नहीं आ रही है।*
*उड़द: बाजार आगे तेज ही रहने के आसार उड़द की नई फसल सितंबर से पहले कोई आने वाली नही है बर्मा में कीमतें ऊंची सुनी जा रही है, तथा पहले के आये कंटेनर एवं जहाज चैन्नई बंदरगाह पर रूके पड़े है, वहाँ से माल रिलीज नही हो रहे है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए बाजार फिर से सुधरने की तैयारी में दिख रहा है और बाज़ार खुलने के बाद माँग सुधरने पर तेज़ी की उम्मीद की जा रही है। पीछे कमजोर कीमतों पर मिलों की मांग सुधरने से एक सप्ताह के दौरान 300/350 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़त पर 7500 रूपए का व्यापार हो गया था लेकिन बापस लिवाल कमज़ोर पड़ने कुछ दबाव देखने मिला है। बाजार के जानकार अभी आगे थोड़े करैक्शन के बाद क़ीमतें फिर तेज़ हो जाने की उम्मीद कायम है।*
*मूंग: ज़्यादा मंदे का व्यापार नही बीते दिनों की दर्ज की गई तेजी के बाद बाजार थोड़ा ठहर जरूर गये है, लेकिन खरगोन, हरदा एवं होशंगाबाद लाईन से नई मूंग की लोडिग घट जाने से बाजार में तेज़ होने के बाद बापस मंडियाँ खुलने से माल की आवक बढ़ने से कीमतों पर कुछ दबाव देखा जा रहा है आगे उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड की नई मूंग की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है, फ़िलहाल पुराना माल नही रहने एवं अन्य दालों की कमी रहने से खपत में बढोत्तरी की उम्मीद की जा रही है वैश्विक बाजार में ऊंची कीमतें रहने से विदेशों से कोई माल का पड़ता नही है। इसके अलावा सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में मूँग की खरीद करने की संभावना के बीच मूंग के व्यापार में ज्यादा मंदे की उम्मीद नही करना चाहिए।*
*मोठ: बढ़ने के आसार मोठ की आपूर्ति बीकानेर, बालोतरा, डीडवाना व दौसा सहित राजस्थान के उत्पादक मंडियों में पूरी तरह घट जाने से अब वहां से लोडिंग 2 दिनों के दौरान काफी कम हुई है बीते 10 दिनों में दर्ज की गई बड़ी गिरावट के बाद स्टॉक के पड़े माल बितरक मंडियों में कट चुके है। अब पीछे से माल कम आने तथा मूंग में दर्ज की गई तेजी का प्रभाव मोठ पर भी पड़ने लगा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए 6700/6800 रूपए प्रति क्विंटल की मोठ में जल्दी 200/300 रूपए मिल जायेंगे।*
*व्यापार अपने विवेक से करें*