इशबगुल में हल्की तेजी, सरसों तेज ,देखिये ग्वार,मेथी,चना,मोठ के ताज़ा भाव

जानिए आज के ताजा मण्डी भावआज के ताज़ा मण्डी भावजनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)**3/06/2021**

🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6000-6900

*🌿मूंग🌿*
6000-6800*

🌿ग्वार🌿3900/4050

🌿चना नया🌿*
5000/5075

🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5600*🌿

मेथी नई 🌿*6000/6300

मेथा 6300 से 6600*🌿

नया जीरा 🌿*
12000/12500*

🌿इसबगुल नया 10200 से 11100 (ज्यादातर माल 10400 से 10800)तक बिक रहा है ।*

🌿काला तिल🌿* 7000/7100*

🌿कणक🌿*
1770/1950*

🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5900/6260*

🌿मतीरा बीज🌿* 5300/5500 (आज 100 रुपये की मंदी)

🌿काकड़िया बीज🌿* 7700/8000*

तारामीरा 5000 से 5200🔈

नोखा कृषि उपज मंडी आने वाले किसानों से निवेदन है कि कृपया करके वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक मंडी परिसर गेट तक आ जाए उसके बाद आने वाले वाहन को मंडी परिसर में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।

03/06/2021

*सरसों की घटी आवक क्या फिर सरसों में बनेगी तेजी बीते एक साल में खाने के तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है भारत में खाने के तेल के रूप में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सरसों तेल कई राज्यों में 200 रुपए प्रती लीटर के भाव पर बिक रहा है हालांकि सरकार खाद्य तेल की कीमतें कम करने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है वहीं मलेशिया द्वारा पामतेल पर शुल्क बढ़ा देने से खाद्य तेल की कीमतों में फिर से तेजी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।*

*इस बार देश में सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था इसके बाद उम्मीद थी कि सरसों तेल की कीमतों में गिरावट आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ रिकॉर्ड उत्पादन के बाद भी सरसों अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 4650 से 3000 हजार रुपए से अधिक के भाव पर बिका दरअसल, लॉकडाउन और विदेशी बाजार में तेजी के रुख के कारण मिलर्स ने बाहर से मिश्रण के लिए तेल नहीं मंगाएं। इस वजह से उन्होंने सरसों का ही इस्तेमाल किया, जिसके बाद उनके पास सरसों का स्टॉक खत्म हो गया था इस वजह से मिलर्स ने नई पैदावार आते ही जमकर सरसों खरीद की*

*किसान कम भाव पर बेचने को तैयार नहीं वहीं रिफाइंड तेल निर्माताओं के पास सोयाबीन का स्टॉक नहीं था इस वजह से रिफाइंड बनाने वाली मीलों ने भी सरसों की खरीद की आलम तो यह है कि पैदावार आने के बाद 35 प्रतिशत सरसों की पेराई हो चुकी है अच्छा भाव मिलता देख किसानों ने पैदावार तैयार होने के कुछ समय बाद सरसों की बिक्री कर दी कुछ किसान अभी भी सरसों रोक कर रखे हैं अब भाव पहले के मुकाबले कम हो रहा है, लेकिन वे नीचे भाव पर सरसों बेचने को राजी नहीं हैं।*

*इन राज्यों में राजस्थान के सरसों की भारी मांग फिलहाल मंडियों में सरसों की आवक कम हो गई है किसानों को उम्मीद है कि अभी दाम और बढ़ेंगे इसके पीछे बढ़ती मांग को वो वजह बता रहे हैं बाजार सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के किसानों को आगे भी अच्छा भाव मिल सकता है क्योंकि उनकी सरसों की मांग बिहार, बंगाल, झारखंड और असम जैसे राज्यों में खूब है तेल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार किसानों को सरसों का अच्छा भाव मिला है. शायद यह पहला मौका है जब तिलहन का दाम इतना बढ़ा. उनका कहना है कि खाद्य तेल और खासकर सरसों तेल की कीमत इससे पहले 2008 के आसपास काफी बढ़ी थी उसके पास यह पहला मौका है जब दाम इतने ऊपर गए हैं।*

*8 जून से सरसों तेल में ब्लेडिंग पर रोक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे आने वाले साल में सरसों की पैदावार बढ़ेगी और यह भारत के लिए अच्छा होगा भारत ईंधन की तरह ही खाद्य तेल की आपूर्ति को पूरा करने के लिए आयात पर काफी पैसा खर्च करता है सरकार अब इस समस्या का समाधान खोजने में लग गई है इसी वजह से आने वाले 8 जून से सरसों तेल में ब्लेंडिग रोकने का आदेश जारी हुआ है सरकारी सूत्रों का कहना है कि इससे पैदावार बढ़ेगी और ग्राहकों को शुद्ध सरसों का तेल खाने को मिलेगा।

03/06/2021
दलहन भाव्यिष

*तुवर: माल की कमज़ोर उपलब्धता से आगे तेज़ी की उम्मीद तुवर का घरेलू उत्पादन 30-31 लाख टन से ज्यादा नही है। सरकारी आंकड़े थोड़ा बढ़ाकर जरूर आ रहे है, लेकिन उत्पादक मंडियों के सर्वे से ऐसा आभास हो रहा है कि घरेलू माल 2 माह के बाद ही निपट जायेंगे महाराष्ट्र-कर्नाटक की फसल आने में अभी लंबा समय बाकी है। दूसरी ओर बर्मा में भी पड़ते में माल नही मिल रहे है। वहां भी इस बार प्रति हैक्टेयर उत्पादकता घटी है। इसकी बात कोई नही बोल रहा है। केवल कारोबारी ही आयात-निर्यात की उलझन में लगे है।*

*चना: कमजोर बिक्री के बावजूद मंदा नही सीमित शादियों के चलते अपेक्षित माँग नही निकलने से दाल व बेसन की बिक्री कमजोर चल रही है। कोविड-19 महामारी ने शादियों की बिक्री को 80 फीसदी कम कर दिया है जिसका प्रभाव वर्तमान में देखने को मिल रहा है इन सबके बावजूद वैश्विक बाजारों में क़ीमतें ऊँची रहने एवं महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलगांना व राजस्थान में देशी चने का स्टॉक एवं आवक दोनों ही काफी कम रह जाने से वर्तमान कीमतों के व्यापार में कोई जोखिम नही लग रहा है तथा आगे चलकर बाजार बहुत जल्दी बढ़ने वाला है।*

*मसूर: डयूटी की अफवाहों अभी तक सरकार द्वारा आयात शुल्क के विषय में अधिसूचना या खबर जारी नही की गयी है। कुछ लोग कयास लगा रहे है कि सरकार आयात शुल्क घटा सकती है, लेकिन अभी तक ऐसी कोई घोषणा नही की गयी है गौरतलब रहे कि मसूर का उत्पादन 50 फीसदी घटने का अनुमान है। इस वजह से शॉर्टेज की स्थिति बनी रहेगी तथा कनाडा में भी ज्यादा माल नही है, क्योकि वहां के निर्यातक कीमतें घटाकर माल बेच रहे है। इन परिस्थितियों में बाजार तेज रहेगा।*

*उड़द: माल की कमी से तेजी की उम्मीद उड़द में भी चौतरफा माल की कमी बनी हुई है। दूसरी ओर कोई निकट भविष्य में फसल आने वाली नही है। लॉकडाउन खुलने के बाद चौतरफा मांग निकलेगी। इस स्थिति में वर्तमान कीमतों के उड़द में कोई मंदा नही लग रहा है। बाजारों में माल खरीदने पर मंदे में नही मिल रहा है, यह मंदा केवल दाल की बिक्री कमजोर रहने से दिखाई दे रही है बीते दिनों आयात खुलने के नाम पर धड़ाधड़ बाजार को तोड़ते चले गये है। बाजार में सट्टेबाजी चल रही है, इसलिये सावधानी से काम करना है। स्टॉक लिमिट अभी लगने की संभावना नही है।*

*मूंग: सीमित दायरे का व्य्यापार मध्य प्रदेश की मंडियों में मूंग की आवक घटने लगी है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड में मूंग की अच्छी फसल रहने से ज्यादा तेजी का व्यापार भी नही करना चाहिए फिलहाल मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की मूंग का स्टॉक मंडियों में कम है, जिससे बाजार ज्यादा घटने वाला नही है इसलिये कुछ दिनों तक वर्तमान कीमतों में व्यापार करना चाहिए, लेकिन स्टॉक के लिये अभी अनुकूल कीमतें नही है। अभी बाजार उत्तर प्रदेश-बिहार के माल आने पर काफी घट जायेंगे।*

*मटर: तेजी थोड़ा ठहरकर मटर का समीकरण इस बार पूरी तरह गड़बड़ा गया है। अधिकतर कारोबारियों का रूझान तेजी में नही है। इसका मुख्य कारण यह है कि ललितपुर, झांसी व ग्वालियर लाईन का माल लगातार मंदे में मिल रहा है जबकि कानपुर, बांदा, हमीरपुर, उन्नाव व सीतापुर लाईन में भी मटर की उत्पादकता बढ़ गयी है जानकारों के अनुसार, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी व बलिया तक मटर के उत्पादन में वृद्धि होने से वहां का माल लगातार आ रहा है। इन परिस्थितियों में अभी तेजी के लिये इंतजार करना पड़ सकता है, हालाँकि वर्तमान भाव से अब मन्दी भी ज़्यादा नही है।*

*व्यापार अपने विवेक से करें*