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सरसों में तेजी पर क्या चुनाव लगा सकता है ब्रेक ! देखिए एक्सपर्ट की राय

» सरसों की आय बढ़कर रोजाना 11 से 12 लाख बोरी होने की उम्मीद है। वर्तमान में सरसों के
किसानों कटाई में व्यस्त है, क्योंकि सरसों की फसल के लिए इस साल मौसम एकदम अनुकूल है।
ऐसा ही मौसम इस साल रहेगा तो सरसों की आवक पूरे देश में 15 मार्च तक रोजाना 10 लाख बोरी
की होने की उम्मीद है।
» विदेशी खाद्य तेलों, सोया तेल, पाम तेल और सनफ्लावर ऑयल की तेजी के पिछे यहां भी सरसों-सरसों
तेल में लगातार तेजी आगे बढ़ रही है, लेकिन 15 अप्रैल के बाद गर्मी बढ़ने से पाम तेल की आपूर्ति
बढ़ेगी उस समय खाद्य तेलों की तेजी को ब्रेक लग सकती है। मई-जून-जुलाई यह तीन महीनों में
पाम तेल की आपूर्ति बढ़ेगी उस दौरान सरसों-सरसों तेल में मंदी का एक दौर देखने मिल सकता है।
» सरसों की पाइपलाइल इस साल एकदम खाली है, क्योंकि सरसों का पुराना स्टॉक एकदम नहिवत् है।
वर्तमान में सरसों के भाव मंडियों में प्रति क्विंटल रु.4800 से 5300 चल रहे है, जिसमें फिलहाल
मोईश्चर की मात्रा छह से दस प्रतिशत देखने मिल रही है। जयपुर 42 प्रतिशत तेल कंडीशन सरसों
के भाव रु.5700 बोले जा रहे है, जो 20 अप्रैल तक बढ़कर रु.6000 हो सकते है, लेकिन उसके
बाद तीन महीने सरसों के भाव घट सकते है।
» वर्तमान में पेट्रोल-डीज़ल के भाव लगातार बढ़ रहे है, तब खाद्य तेलों के ऊंचे भाव की बूम भी मीडिया
में बढ़ रही है और पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव भी आ रहे हैं,
इसलिएस सरकार खाद्य तेलों के भाव को नियंत्रित करने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर सकते है या
अन्य कोई चरण ले सकते है, उसका भी प्रभाव मई-जून-जुलाई महीने के दौरान देखने मिल सकता है।
» सरसों तेल की मांग फिलहाल लगातार बढ़ रही है और कई वर्षों के बाद सरसों का रिफाइंड तेल
इस तैयार हो रहा है।
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