गुजरात और राजस्थान की मंडियों में नए इसब की आवक शुरू हो गयी है ,पिछले हफ्ते इसबगुल11800 के उच्चतम भाव पर बिका था और कल 10800 के उच्चतम भाव पर बिका ओर आज फिर भारी गिरावट के साथ 10000 रुपये बिका ।
» बिजाई के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक नई सीज़न में
इसबगोल का उत्पादन 30 लाख बोरी हो सकता है, जो
इस सीज़न में 15 लाख बोरी हुआ था और नई सीज़न की
शुरूआत में कैरिफॉरवर्ड स्टॉक एक लाख बोरी हो सकता
है, जो इस सीज़न की शुरूआत में चार लाख बोरी का था।
इसबगोल की फसल की सिचुएशन फिलहाल अच्छी है,
लेकिन हर साल मार्च महीने में बेमौसम बारिश होता है,
इसलिए यदि मार्च में बेमौसम बारिश की मात्रा अधिक होगी
तो इसबगोल के उत्पादन के अनुमान में कमी हो सकती
है। विशेष रूप से इसबगोल की फसल तैयार हो जाए तब
बारिश गिरे तो अत्यधिक नुकसान होने की उम्मीद है।
» इसबगोल के किसानों को पिछले साल प्रति मन रु.2500
से 2600 के भाव मिले होने से बिजाई जल्दी शुरू हुई थी।
हालांकि इसबगोल की बिजाई के समय पानी की उपलब्धि
भी पहले के वर्षों की तुलना में अच्छी थी। इस स्थिति में
इसबगोल की नई आय 15 मार्च के बाद चालु होगी और
इसबगोल की आय का प्रेशर 20 अप्रैल से जून तक मार्केट
में देखने मिलेगा।
-> अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कंटेनर की शोर्टेज़ और फ्रेईट में
बड़ी वृद्धि होने से इसबगोल के एक्सपोर्टर्स को भी बहुत
नुकसान हुआ है। इसबगोल के एक्सपोर्ट ट्रेड ज्यादातर
सीआईएफ हो जाता है, इसलिए एक्सपोर्टर्स का मार्जिन
वर्तमान मुश्किलों से काफी घट गया था। जहाज का भाड़ा
बढ़ जाने से इसबगोल के कुछ एक्सपोर्टर्स को नुकसान
भुगतने की भी बारी आई है।
– इसबगोल के भाव वर्तमान में प्रति किलो रु.9500 से 10120
चल रहे है, जो अप्रैल में नई आय होने के बाद घटकर प्रति
किलो रु.90 से 100 होने की उम्मीद है, जबकि भंसी के
भाव प्रति किलो रु.425 से 430 चल रहे है, जो दस दिन
पहले रु.415 से 420 थे, अप्रैल में नई आय चालु होने
के बाद भंसी के भाव घटकर प्रति किलो रु.350 से 360
होने की उम्मीद है।
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