“बिनोला खल” के भावों में कब आएगी गिरावट , पशुपालकों को राहत कब तक ,देखिए एक्सपर्ट की राय ।

» बिनौला और बिनौला खली में अचानक ऊंचे भाव पर बाईंग रूक जाने से भाव गिरने लगे हैं।
कॉटनसीड ऑयल में भाव बढ़े है, लेकिन चालू वर्ष में बिनौला में ऑयल पर्सन्टेज़ कम होने से
कॉटनसीड ऑयल की तेजी का प्रभाव बिनौला और बिनौला खली में देखने नहीं मिल रहा है।
» वर्तमान में पूरे देश में बिनौला और बिनौला खली में ऊंचे भाव के कारण 70 प्रतिशत मांग
घट गई है। एनसीडीईएक्स में डीमेट स्टॉक बड़ा है, लेकिन फिजीकल मार्केट में डिमांड
नहीं है। मार्च महीना शुरू होते ही गर्मी की मात्रा बढ़ने से बिनौला खली में मांग घट गई है,
इसके अलावा वर्तमान में ऊंचे भाव पर स्टॉकिस्टों को भी बाईंग करने में कोई रूचि नहीं है।
» स्पेकुलेटर्स बिनौला खली मार्केट में तेजी करने के व्यापक प्रयास कर रहे है, लेकिन फिजीकल
मार्केट का समर्थन नहीं है। पिछले गुरूवार को बिनौला खली वायदा में रू.50 बढ़े थे, लेकिन
तेजी नहीं टिक पाई थी। पिछले शुक्रवार को और सोमवार को बिनौला खली वायदा गिरे थे।
मंगलवार को फिर थोडी तेजी देखने मिली थी बिनौला खली वायदा में तेजी नहीं टिक पाती
है, उसका प्रमुख कारण फिजीकल मार्केट में डिमांड कम है।
» कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे है, इसका भी प्रभाव मार्केट पर देखने मिल रहा है, लेकिन
बहुत बड़ा प्रभाव नहीं देखने मिलेगा, क्योंकि गुजरात में बिनौला और बिनौला खली के
स्टॉकिस्टों के पास बड़ा स्टॉक शेष होने से यदि लॉकडाऊन लगेगा तो गुजरात में से आपूर्ति
मिल जाने का विश्वास है।
» इस तरह, कुल मिलाकर बिनौला और बिनौला खली में मार्च-अप्रैल दो महीने प्रति क्विंटल
रु.100 की घटबढ़ पर मार्केट रेंज बाउंड रहेगी। अप्रैल महीना खत्म होने के बाद कपास की
आय घटने से एक शोर्टेज की स्थिति निर्माण होगी तब बिनौला और बिनौला खली में तेजी
का एक चरण देखने मिलेगा।

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