ऑनलाइन मंडी में सरसों के दाम ने तोड़े अब तक के सारे रिकार्ड, 9496 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचा रेट

मंडी में सरसों के दाम ने तोड़े अब तक के सारे रिकार्ड, 9496 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचा रेट :*

*ऑनलाइन मंडी में सरसों के दाम ने तोड़े अब तक के सारे रिकार्ड, 9496 रुपये प्रति क्विंटल पहुंचा रेट :*

*# राजस्थान की हनुमानगढ़ मंडी में सरसों के दाम ने बनाया नया रिकॉर्ड, जानिए प्रदेश की अन्य मंडियों का हाल, 6000 रुपये प्रति क्विंटल से कम कहीं भी नहीं है इसका न्यूनतम रेट.*

*जयपुर :*
देश के प्रमुख सरसों उत्पादक प्रदेश राजस्थान के हनुमानगढ़ में सरसों के दाम के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. इस मंडी में 5 जून को सरसों का अधिकतम मूल्य 9,496 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. इससे पहले राजस्थान में 7900 रुपये तक दाम पहुंचा था. यहां शनिवार को 1776 क्विंटल सरसों बिकने के लिए पहुंची थी. जबकि 1572 क्विंटल का कारोबार हुआ. सरसों का दाम किसी न किसी मंडी में रोजाना नया कीर्तिमान बना रहा है. यह ऑनलाइन मंडी ई-नाम का रेट है.

ई-नाम प्लेटफार्म पर देश की 1000 मंडियां जुड़ी हुई हैं. ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है, जो देश में मौजूद एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) को एक नेटवर्क में जोड़ने का काम करता है. इसका मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार (Market) उपलब्ध करवाना है. इससे किसानों को देशभर की कृषि मंडियों में कृषि जिंसों का भाव पता चलता है.
इस प्लेटफार्म पर 21 राज्यों के 1,70,25,393 किसान जुड़े हुए हैं. इसके अलावा 1,63,391 ट्रेडर, 90,980 कमीशन एजेंट एवं 1,841 किसान उत्पादक संगठन (FPO) भी इस पर कारोबार कर रहे हैं.

*बढ़ सकती है सरसों की बुवाई*
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छा दाम किसानों में उत्साह भर रहा है. अगली बार इसकी बुवाई पहले से कहीं अधिक होगी. किसान गेहूं की बजाय तिलहन पर फोकस करेंगे. गेहूं खुले मार्केट में 1500 रुपये क्विंटल के रेट पर बिक रहा है जो उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 475 रुपये प्रति क्विंटल कम है. जबकि सरसों इस पूरे सीजन में अपने एमएसपी 4650 रुपये से अधिक दाम पर ही बिकती रही है.
सरसों अनुसंधान केंद्र भरतपुर के निदेशक डॉ. पीके राय के मुताबिक तिलहन के मामले में भारत अभी दूसरे देशों पर निर्भर है. इसलिए सरसों की अच्छी पैदावार के बावजूद किसानों को इसका अच्छा दाम मिलेगा. अच्छा दाम इसकी खेती की तरफ किसानों का झुकाव बढ़ाएगा.

*सरसों की कितनी पैदावार*
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2020-21 में 9.99 मिलियन टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है. यह अब तक का सर्वाधिक है. जबकि 2019-20 में यह 9.12 मिलियन टन था. सरकार के मुताबिक 2015-16 से 2019-20 तक का सरसों का औसत सालाना उत्पादन 8.30 मिलियन टन था.

*तेल की जगह पैसा*
सरसों का एमएसपी से अधिक दाम खुले मार्केट में मिलने की वजह से इस बार किसानों ने सरकार को सरसों नहीं बेची है. इसलिए इसकी सरकारी खरीद बहुत कम हुई है. इसका असर हरियाणा में देखने को मिला है. जहां हैफेड पर्याप्त सरसों नहीं खरीद पाया है. इस वजह से वो गरीबों को राशन के साथ खाद्य तेल की जगह 250 रुपये दे रहा है. सरसों की सरकारी खरीद का यही हाल दूसरे राज्यों में भी है. जब बाहर अच्छा दाम मिलेगा तो सरकार को 4650 रुपये के रेट पर कोई सरसों क्यों बेचेगा?

*राजस्थान की प्रमुख मंडियों में सरसों का दाम :*

*मंडी का नाम* – *न्यूनतम मॉडल प्राइस * अधिकतम*
*हनुमानगढ़-* 6,000 6,600 9,496
*मंदावरी-* 6,212 6,318 6,700
*मालपुरा -* 6,599 6,690 7,240
*नागौर-* 6,326 6,470 7,158
*गंगापुर सिटी-* 6,634 6,915 7,073