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राजस्थान में फिर से ओलावृष्टि और बारिश होने की संभावना पकी पकाई फसल को सकता है नुकसान

*राजस्थान में फिर बरसात की संभावना, सक्रिय हो रहे नए विक्षोभ*

राजस्थान में बरसात के संकेत फिर मिल रहे हैं। पूरे मार्च महीने में ही पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय रहने के कारण यह संभावनाएं बन रही है। इससे प्रदेश में इस महीने भी तेज गर्मी की मार से राहत रहेगी। वेदर रिपोर्ट के अनुसार मार्च महीने में उम्मीद से पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हो रहे हैं। लगातार आने वाले प्रभावी पश्चिमी विक्षोभों के कारण हिमालयी राज्यों में व्यापक मात्रा में गरज के साथ बारिश और बर्फबारी देखने को मिल रही है। जिसका असर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश, उत्तरी मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राजस्थान में देखा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम विक्षोभ का असर आगे भी जारी रहेगा। जिससे बरसात का असर आगे भी जारी रहेगा। जिससे राजस्थान के मौसम में भी ठंडक बनी रहेगी।
बरसों बाद मार्च में सक्रियता ज्यादा
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी हिमालय और आसपास के उत्तरी मैदानी इलाकों में पश्चिम विक्षोभ नवंबर से फरवरी के बीच सक्रिय रहतेे हैं। मार्च में बेहद कम व कम तीव्रता के पश्चिमी विक्षोभ आते हैं। जिससे मार्च में बरसात कम होती है। लेकिन, इस बार पूरे मार्च महीने में पश्चिम विक्षोभ की सक्रियता से बरसात व बर्फबारी का दौर देखने को मिल रहा है। अप्रैल आते-आते पश्चिमी विक्षोभ का ट्रैक ऊपरी होने पर मौसम सामान्य होकर गर्मी का असर बढ़ सकता है।
कल सक्रिय होगा नया विक्षोभ
स्काई मेट वेदर रिपोर्ट के अनुसार इस समय भी एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत पर पहुँच गया है। वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक बारिश और हिमपात देगा। 16 मार्च के आसपास एक और पश्चिमी विक्षोभ के आने की आशंका है। यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होगा बल्कि 21 मार्च से 23 के बीच एक और पश्चिमी विक्षोभ आएगा। पश्चिमी हिमालयी राज्यों में इस साल मार्च के अंत तक बारिश और हल्की बर्फबारी होती रहेगी। इन पश्चिमी विक्षोभों का प्रभाव उत्तर पश्चिम भारत में भी महसूस किया जाएगा। प्रत्येक पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकलने के बाद, उत्तर पश्चिम से आने वाली हवाएं तापमान में गिरावट लाएगी। क्योंकि इन हवाओं के साथ उत्तर के पहाड़ों पर जमा बर्फ की ठंडक भी आएगी। इसलिए उम्मीद कर सकते हैं कि उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाक़े में दिन और रात के तापमान नियंत्रण में बने रहेंगे। हीट वेव यानि लू चलने की आशंका भी मार्च में नहीं रहेगी।
17 से बरसात की संभावना
पश्चिम विक्षोभ के असर से राजस्थान सहित उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी राज्यों में भी 17 से 18 मार्च के बीच कुछ स्थानों पर बारिश होने या गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना है। मध्य भारत में 18 से 22 मार्च के बीच बारिश हो सकती है।