हाइलाइट्स
» मेथी की पूरे देश में पाइपलाइन खाली है तब मेथी की खपत कोरोना के कारण चालू वर्ष में
पूरे विश्व में 3 से 4% बढ़ने की धारणा है. मेथी का कैरीफारवर्ड स्टॉक पिछले 6 वर्षों से
निरंतर ऊंचा रहता था जो चालू सीजन के प्रारंभ में ना के बराबर कहा जा सके, इतना मात्र
एक लाख बोरी रहने का अनुमान है, जो गत सीजन के आरंभ में 7 से 8 लाख बोरी था.
» मेथी का उत्पादन मध्य प्रदेश में 11 से 11.50 लाख बोरी, राजस्थान में 5.50 से 6 लाख
बोरी और गुजरात में सवा से डेढ़ लाख बोरी रहने का अनुमान है. मेथी का ऑल इंडिया
उत्पादन 18 से 18.25 लाख बोरी होने का अनुमान है जिसमें एक लाख बोरी कैरीफारवर्ड
की गणना करते हुए कुल सप्लाई 19 से 19.25 लाख बोरी रहेगी जबकि मेथी की वार्षिक
खपत घरेलू और एक्सपोर्ट मिलाकर 20 से 21 लाख बोरी है.
» मेथी का उत्पादन यदि राजस्थान और गुजरात में धारणा के अनुसार होगा तो अप्रैल-मई में
नई मेथी की आवक का प्रेशर बढ़ने के बाद भाव प्रति किलो 3 से 4 रूपया घट सकता
है. चालू सीजन में मेथी के भाव में प्रति किलो 52 से ₹53 से अधिक मंदी होने की कोई
संभावना नहीं है.
» मेथी की नई आवक फिलहाल मध्य प्रदेश की मंडियों में चालू है, जो अप्रैल-मई में बढ़ेगी.
गुजरात और राजस्थान में मेथी की आवक का प्रेशर 2 सप्ताह में बढ़ेगा.
» मेथी की एक्सपोर्ट डिमांड फिलहाल रमजान के कारण काफी अच्छी दिखाई दे रही है.
फिलहाल मुंद्रा डिलीवरी शार्टेक्स मेथी की डिमांड प्रति किलो 63.50 रुपए में हो रही है,
लेकिन ₹65 के नीचे सेलर नहीं है. इस भाव पर भी सिर्फ एक से 2 कंटेनर मिल रहा है.
कोई बड़ी बिकवाली फिलहाल मार्केट में नहीं है.
» मेथी में सामान्य रूप से फॉरवर्ड में बड़ा सौदा होता है, लेकिन चालू वर्ष में फॉरवर्ड सौदा
करने के लिए कोई तैयार नहीं है क्योंकि मेथी में आगे चलकर सभी को तेजी दिखाई दे रही है.
» मेथी का भाव 2016 में एक समय घटकर प्रति किलो ₹30 हुआ था, यहां से बढ़कर यह
सीजन में प्रति किलो 85 रुपए का भाव हुआ था. चालू सीजन में मेथी का भाव 25 नवंबर
के बाद बढ़कर प्रति किलो 85 रुपया होने का अनुमान है
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