17/04/2021
*चना केन्द्र सरकार ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत चना की खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 32.50 लाख टन निर्धारित कर दिया है जो गत वर्ष की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक है। खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान करीब 21 लाख टन चना की सरकारी खरीद हुई थी। इस बार घरेलू उत्पादन में काफी वृद्धि होने की संभावना को देखते हुए खरीद का लक्ष्य काफी बढ़ा दिया गया है। प्रमुख उत्पादक राज्यों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चना की खरीद बढ़ाने का केन्द्र से आग्रह किया था। चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2019-20 के 4875 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2020-21 के मौजूदा सीजन हेतु 5100 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।*
*केन्द्र सरकार ने अपनी नोडल एजेंसी- नैफेड को निर्देश दिया है कि जहां कहीं मंडियों में चना का भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आए वहां किसानों से तत्काल इसकी खरीद शुरू कर दी जाए। देश के सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- मध्य प्रदेश में पिछले साल 7.05 लाख टन चना की सरकारी खरीद हुई थी जबकि चालू वर्ष के दौरान वहां 14.50 लाख टन, राजस्थान में 6.15 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश में 2.13 लाख टन चना की खरीद का लक्ष्य निर्यात किया गया है जबकि गत वर्ष महाराष्ट्र में 2.98 लाख टन, राजस्थान में 5.87 लाख टन एवं उत्तर प्रदेश में मात्रा 32 हजार टन चना खरीदा गया था। दक्षिण भारत में चना की खरीद तेलंगाना में गत वर्ष के 48 हजार टन से बढ़कर इस बार 51 हजार टन, आंध्र प्रदेश में 1.28 लाख टन से बढ़कर 1.40 लाख टन तथा कर्नाटक में 1.02 लाख टन से बढ़कर 1.67 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा गुजरात एवं बिहार में भी इस बार चना की थोड़ी-बहुत मात्रा की खरीद होने के आसार हैं।*
*आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसी- नैफेड द्वारा चालू रबी मार्केटिंग सीजन में अब तक महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों से करीब 2.48 लाख टन चना की खरीद की जा चुकी है जबकि अन्य प्रांतों में खरीद की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार नए माल की जोरदार आवक होने से चना की कीमतों में उतार-चढ़ाव का रुख बना रह सकता है लेकिन भविष्य में मजबूती बनी रहेगी। नैफेड के अलावा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा स्माल फार्मर्स एग्री बिजनेस कंसोर्टियम (एसएफएसी) द्वारा भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से दलहनों की खरीद की जाती है। बेशक सरकार ने चालू वर्ष के दौरान चना का घरेलू उत्पादन बढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है लेकिन उद्योग-व्यापार समीक्षकों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन 80-85 लाख टन से अधिक नहीं होगा।*
*महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और मध्यप्रदेश के काबुली चना की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी, व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलों और स्टॉकिस्टों की मांग में आई तेजी के साथ-साथ इन राज्यों में फसल को हुए नुकसान के कारण उत्पादक केंद्रों में आवक काफी कम है, साथ ही विदेशी बाजार में दाम तेज होने के कारण आयात पड़ते भी नहीं लग रहे हैं। कल दिल्ली में देसी चना राजस्थानी 125 रुपये बढत्रकर 5950 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम 100 रुपये तेज होकर 5900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। लेकिन वायदा बाजार में बंद के दौरान दिन के ऊपरी स्तर से 100-130 रूपये घटने से दिल्ली चना में भी 50 रूपये की नरमी देखी गई। एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें मात्र 5 रुपये जबकि मई वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 41 रुपये की तेजी के साथ ही बंद हुए।*
*बाकी व्यापार अपने विवेक से करें*
आपको जानकारी में बता दें यह बाजार भाव हाल ही में हुए व्यापार को देखते हुए आपको बताया है बाकी इस में तेजी मंदी करना वह आपके हाथ में है व्यापार अपने विवेक से करें व्यापार में होने वाले लाभ हानि पर हमारी किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी ।