इशबगुल में तेजी ,गुजरात मध्यप्रदेश की मंडिया बन्द ,देखे आज के ताजा भाव ,ओर दाल दलहन का व्यापार

आज के ताज़ा मंडी भाव की जानकारी

21/04/21 🔥🔥🔥🔥🔥🔥

आज कृषि उपज सीमिति नोखा में इसबगोल की आवाक दोपहर 1:00 बजे तक लगभग 2000 से 2200 बोरी हुई है कल मंगलवार को इसबगोल के भाव ₹8800 से लेकर ₹9900 तक दर्ज थे और आज बुधवार को इसबगोल के भाव ₹9050 से लेकर ₹10200 तक दर्ज हुई है आपकी जानकारी में बता दें कि कोरोना की वजह से गुजरात की उंझा मंडी और मध्य प्रदेश की सभी मंडियों बंद चल रही है जिसके चलते राजस्थान के माल की डिमांड वहां की मिलो में हुई है ।

आज के भाव हाजिर मे इस तरह है वायदा क्या खुले कह नही सकते

सरसो ++++80
सोयाबीन +++90
गुवार कोई तेजी मंदी नही
गम कोई तेजी मंदी नही
कैस्टर कोई तेजी मंदी नही
चना —50
खल +++20 से ++30
बिनौला +++30 से ++40
सरसो खल +++50

आज भगवान राम जी का प्रकाटय दिवस है इसकी हार्दिक शुभकामनाएँ

कोरोना ज्यादा फैला हुआ है आज से 60 साल पहले कवि प्रदीप जी का एक पंक्ति का गाना
बिल्कुल सही बैठता है

कैसा यह खतरे का पहर है,
आज हवाओं में भी ज़हर है’
कहीं भी देखो बात यही है,
हाय भयानक रात यही है
मौत के साए में हर घर है,
कब क्या होगा किसे खबर है
बंद है खिड़की, बंद है द्वारे,
बैठे हैं सब डर के मारे
क्या होगा इन बेचारों का,
क्या होगा इन लाचारों का
इनका सब कुछ खो सकता है, इनपे हमला हो सकता है
कोई रक्षक नज़र ना आता,
सोआ है आकाश पे दाता
यह क्या हाल हुआ अपने संसार का,

आज के दाल दलहन का व्यापार

* 21/04/2021

*दिल्ली मंडी उड़द एसक्यू नरम, मध्य प्रदेश की मसूर मजबूत स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में एसक्यू उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मध्य प्रदेश की मसूर के भाव में हल्का सुधार आया तथा अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर ही रही, क्योंकि राज्य सरकार ने 26 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है*

*बर्मा उड़द एसक्यू के दाम चेन्नई में नरम होने के साथ ही लगातार आयात होने से दिल्ली में 75 रुपये फिसलकर 8150 से 8175 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि, उड़द एफएक्यू के दाम 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे मध्य प्रदेश लाईन की मसूर का भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम 6450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। सभी उत्पादक केंद्रों पर मसूर की आवक कम हो गई है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे देसी मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।*

*बाकी व्यापार अपने विवेक से करें*