खाद्य तेलों में आई मन्दी ,वायदा बाजार के भरोसे सरकार ,देखे पूरी खबर

04/06/2021

*सरकार ने कहा नरम पड़ रहे हैं खाद्य तेलों के दाम, वायदा बाजार में भी नरमी का रुख सरकार ने बृहस्तपतिवार को कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान खाद्य तेलों की कीमतों में असामान्य बढोतरी के बाद वैश्विक मूल्यों में गिरावट और घरेलू मांग कम होने से इनकी कीमतों में नरमी आने लगी है केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पाण्डेय ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वायदा बाजार की दिसंबर तक की दरों के अनुसार खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का रुख बना हुआ है उन्होंने कहा कि सरकार लगातार बेहद नजदीक से खाद्य तेल और दालों की कीमतों पर नजर बनाये हुए है और आवश्यकता के अनुसार जरुरी कदम उठाये जायेंगे।*

*सरकार के खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य तेलों के भाव हर सप्ताह घट रहे हैं। इनमे नरमी का रुख बना हुआ है। वायदा बाजार में भी तेलों की कीमतों में नरमी का रुख जारी है सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण खाद्य तेलों की मांग 15 से 20 प्रतिशत घटी है। वही एक अंतर-मंत्रालयी समिति हर सप्ताह आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा कर रही है सरकारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें पिछले एक वर्ष के दौरान 60 प्रतिशत तक बढ़ी है। जिससे महामारी से पहले ही प्रभावित लोगों को खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से जूझना पड रहा हैं।*

*इससे पहले 24 मई को खाद्य सचिव सुधांशु ने घरेलू स्तर पर खाद्य तेलों में के दामों में असामान्य बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की थी और राज्य तथा उद्योग से जुड़े लोगों से इनकी कीमतों में नरमी लाने के उपाय करने के लिए कहा था वही तेल उद्योग व्यापार निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने सरकार को खरीफ तिलहन बुवाई के बाद ही शुल्क में कमी के उपायों पर विचार करने का सुझाव दिया था ताकि स्थानीय तिलहन किसानों को कोई नुकसान न हो। संगठन ने गरीबों को ऊंचे खाद्य तेल के दाम से राहत दिलाने के लिये राशन की दुकानों से इसके वितरण का भी सुझाव दिया है। साथ ही खाद्य तेल के वायदा बाजार में सटोरिया गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने की मांग की है।*

*व्यापार अपने विवेक से करें*

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