इशबगुल, मेथी, मतीरा बीज में तेजी, देखे आज के ताजा भाव

जानिए आज के ताजा मण्डी भावआज के ताज़ा मण्डी भावजनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)**04/06/2021**

🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6000-6900

*🌿मूंग🌿*
6000-6800*

🌿ग्वार🌿3900/4000

🌿चना नया🌿*
5000/5050

🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5600*🌿

मेथी नई 🌿*6000/6400

मेथा 6300 से 6700*🌿

नया जीरा 🌿*
12000/12600*

🌿इसबगुल नया 10200 से 11400 (ज्यादातर माल 10500 से 11000)तक बिक रहा है ।*

🌿काला तिल🌿* 7000*

🌿कणक🌿*
1770/1950*

🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5900/6170*

🌿मतीरा बीज🌿* 5300/5700 (आज 200 रुपये की तेजी)

🌿काकड़िया बीज🌿* 7700/8200*

तारामीरा 5000 से 5100🔈

नोखा कृषि उपज मंडी आने वाले किसानों से निवेदन है कि कृपया करके वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक मंडी परिसर गेट तक आ जाए उसके बाद आने वाले वाहन को मंडी परिसर में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।

04/06/2021

*चना मांग कमजोर रहने से मंदी।तुवर ग्राहकी कमजोर रहने से गिरावट। उड़द सीमित कारोबार के बीच नरमी। मूंग बिक़वाली का दबाव बढ़ने से नरमी।, मसूर मांग कमज़ोर रहने से गिरावट*
*दलहनों में सरकार की विभिन्न नये अधिनियम आने से कारोबारी दहशत में आ गये है। बीते एक माह के दौरान व्यापार पर तीन तरह की सरकारी कठिनाइयों का दबाव दलहन कारोबारियों को झेलना पड़ा है जबकि आगे भी कुछ नये नियमों के आने का अंदेशा बना हुआ है, जिससे अधिकतर कारोबारी उड़द, तुवर, मसूर, चना एवं मूंग की बिकवाली में आ गये है, जिसके चलते कल भी 50/75 रूपए का मंदा लिये बाजार बंद हुए। बनी हुई दालों की बिक्री 200/500 रूपए घटाकर दाल मिल वाले थोक में करने लगे है, जबकि रिटेल में इस अवधि के दौरान 1 रूपए का भी मंदा नही आया है इसके अलावा बारीक चावल में भी अलग-अलग प्रजाति में 100 रूपए क़ीमतें और नीचे आ गयी।*

*व्यापार अपने विवेक से करें*

*DAHOD MNDI*
*दाहोद मंडी*🌾🌾🌽🌽
*गेंहू मील 1780/1790*
*मक्का गज्जर 1575/1580*
*मक्का पीली 1730/=*
*मक्का सफेद 1650/2500*
*बाजरी 1300/=*
*धान 1165/70*
*चना देशी 4950/=*
*चना काटा 4950/4975*
*चना विशाल 4900/=*
*लाल तुवर 5300/5600*
*सफेद तुवर 5700/5900*
*मूंग 5800/6000*
*सोयाबीन 7000/7300*
*अरंडी 4600/4750*
*तल्ली 600/7100*
*पुवाड़ 3000/3400*

04/06/2021

*दलहन भारतीय दलहन और अनाज संघ (IPGA) ने बुधवार को कहा कि सरकार को चना और मसूर के बराबर दालों की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए एक नीति के साथ आना चाहिए क्योंकि इन दालों का उत्पादन कृषि मंत्रालय के अनुमान से कम देखा जा रहा है व्यापार निकाय ने यह भी बताया कि सरकार दोनों उत्पादकों और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कर्तव्यों का उपयोग करने का विकल्प ढूंढती है एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, IPGA के उपाध्यक्ष, बिमल कोठारी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक हद तक टैरिफ लगाने पर विचार कर सकती है कि आयातित दालों की अंतिम टचडाउन कीमत न्यूनतम आयात कीमतों से अच्छी तरह से ऊपर रहे उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण से, वाणिज्य घरेलू उत्पाद खरीदना चाहेगा, जब कीमतें MSP से अधिक या उससे अधिक होंगी कोठारी ने कहा मंत्रालय ने 2020-21 के दौरान चना उत्पादन 12 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जबकि वाणिज्य ने उत्पादन 8.5 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है इसी तरह, तुवर के मामले में, मंत्रालय द्वारा 2020-21 के दौरान उत्पादन 4.1 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि वाणिज्य ने उत्पादन 2.9 मिलियन टन आंका था उड़द के मामले में, वाणिज्य ने सरकार के 2.37 मिलियन टन के अनुमान के मुकाबले 2.06 मिलियन टन फसल का अनुमान लगाया है मंत्रालय द्वारा मूंग का उत्पादन 2.64 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि वाणिज्य का अनुमान लगभग 2 मिलियन टन था इसी तरह, सरकार ने 1.26 मिलियन टन मसूर उत्पादन का अनुमान लगाया था, जबकि वाणिज्य ने इसे 9.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया था।*

*दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2020-21 में दलहन उत्पादन 24 मिलियन टन देखा गया, जबकि खपत 25-26 मिलियन टन आंकी गई है बढ़ती खपत से दालों की मांग हर साल दस लाख टन बढ़ जाती है कोठारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि 2030 तक दालों की मांग 32-33 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी स्टॉक-होल्डिंग मानदंड बढ़ती कीमतों के बीच आपूर्ति में कमी को देखते हुए, सरकार ने हाल ही में मसाला आपूर्ति के लिए तुवर, उड़द और मूंग के बराबर दालों के आयात को खोल दिया है साथ ही, केंद्र ने राज्यों से साप्ताहिक आधार पर कीमतों पर नजर रखने और सभी शेयरधारकों, मिल मालिकों, व्यापारियों और आयातकों को अपने शेयरों की घोषणा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है कोठारी ने कहा कि नए निर्देशों ने केवल वाणिज्य हितधारकों के बीच आशंका पैदा करने का काम किया है, जो इस समय घरेलू रूप से उत्पादित दाल खरीदने के साथ-साथ दाल आयात करने से भी हिचकिचा रहे है कोठारी ने उल्लेख किया की व्यापारी चिंतित हैं कि वैध रूप से खरीदा गया स्टॉक भी जांच के दायरे में आ सकता है और आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में, व्यापारी को उसकी गलती के बिना कानून के गलत पक्ष में ले जाता है इसलिए, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को एक स्पष्ट स्पष्टीकरण जारी करने की आवश्यकता है जिसमें कहा गया है कि उनका इरादा नीतिगत उद्देश्यों के लिए व्यापार द्वारा रखे गए स्टॉक की निगरानी करना है, जो आशंकाओं को दूर करने में मदद करेगा*

*व्यापार अपने विवेक से करें*

04/06/2021

*मसूर का स्टॉक मध्यप्रदेश,राजस्थान,उत्तरप्रदेश, बिहार में बिजाई घटने के साथ उत्पादन कम होने से खपत के अनुरूप माल नहीं है पिछले एक सप्ताह से कभी स्टॉक सीमा तथा कभी आयात शुल्क घटने की अफवाहों से कारोबारी काफी हद तक दहशत में आ गए है तथा कुछ कारोबारियों के माल कम भावो में कटते भी जा रहे है इन सब के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊँचे भाव को देखकर आयात शुल्क घटने की चिंता किये बिना व्यापार खुलकर करना चाहिए क्योकि कनाडा में नई फसल सितंबर-ओक्टोबर में आयेंगी उससे पहले वहा भी स्टॉक ज्यादा नहीं होने से आयात पड़ता महंगा लग रहा है

तथा बड़ी कंपनिया घटाकर बिकवाल भाव घटाकर बिकवाल नहीं है इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए 6400 रु की कनाडा की मसूर का घटे का सौदा नहीं लग रहा है मंडियों के स्टॉक तथा आपूर्ति को देखते हुए मसूर के भाव में मंदी की संभावना दिखाई नहीं देती जानकारों के हिसाब से आगे मसूर में 200/300 रु की तेजी की संभावना बताई जा रही है*

*व्यापार अपने विवेक से करें*