एक साल पहले किसानों और व्यापारियों के साथ ग्वार में हुई ठगी का मास्टरमाइंड ,देखे रिपोर्ट

मित्रों कुछ व्यापारी भाई जो व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े हुए हैं जिनमें जैसलमेर का एक आदमी है जो दिन भर ग्रुपों में लंबे-लंबे लेख छपते रहता है और उसके वह मैसेज लगभग सभी ग्रुप में आ जाते हैं मित्रों वह वही इंसान है पिछले साल सितंबर में जिसने वायदा बाजार में ग्वार 7000 होते हुए भी ऐसा खराब माहौल बनाया , अमेरिका के जूठी डिमांड बताकर जिसमें ग्वार को 10000 बिकवा कर गांव के लोगों को बुरी तरह फंसा कर चला गया व्यापारी वर्ग ग्वार की जगह गम 13000 से 14500 तक गम उठा कर बैठ गया ,उसको बहुत कुछ लिखने का मेरा मन है आप पढ़ लीजिए और मेरी कोई बात अगर कोई तक पहुंचा सकता है तो पहुंचा देना मुझे किसी चीज का कोई उनसे डर नहीं है कोई व्यक्ति अगर लगातार किसानों और व्यापारियों को गुमराह कर रहा है तो वह एक घातक आदमी है हमें उनसे बचना चाहिए , फेसबुक पर 25 सितंबर का मेरा एक लाइव भी है और दो तीन पोस्ट भी है जिसमें मैंने इस आदमी के खिलाफ बहुत कुछ बोला लोगों को बहुत समझाया था कि इन भावो में ग्वार को लेना नहीं चाहिए , यह घातक आदमी है रँगतो के चलते सबको पिटवायेगा, ओर लोगो को गुवार फली के सब्जी खानी भुला देगा ,ओर वही हुआ

पिछले साल का एक व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट भी लगा रहा हूं जिसमें आप देख सकते हैं कि उन्होंने इतनी तेजी बताई थी, क्या बंद बाजार में हाजिर व्यापार में ₹750 ग्वार और 17 सो रुपए गम आज तक हमने नहीं सुना लेकिन इस महानुभाव ने यह प्रचार करके किसानों और व्यापारियों के साथ बड़ी ठगी की थी हालांकि लोग आज भी उसके खिलाफ लिखने से डरते हैं लेकिन हमें किसी प्रकार का डर नहीं है

समझ मे नही आता लोग बेतुकी बात
क्यो लिखते है और क्या लिख रहे है
खुद को पता नही
हाजिर की जानकारी के बगैर लिखते है डिमांड जब अच्छी तो वायदा क्यो
घट रहा है बस सारे दिन एक ही बात डिमांड अच्छी है इसमे कोई दोहराय
नही है की डिमांड अच्छी है लेकिन
किस भाव मे कोई नही बता रहा
आज भी गुवार मंडी लाइनो मे वायदे
100-120 तक घटाकर बिक रहे है
अगर डिमांड अच्छी होती तो गुवार को
वायदे से ऊपर बिकना चाहिए था
घटाकर क्यो बिक रहा है चर्चा क्या होती है चर्चा होती है आज शेयर मार्केट मंदा था दहशत के कारण बाजार मंदा हुआ क्रुड मंदा था ओपरेटर बाजार को दबाकर बैठा है राम जाने कोन कोन सी बाते पकडकर ग्रुपो मे ऐसे लिखते है जैसै डाक्टर मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम कर रहा हो और बहुत बडे जानकर के रूप मे अपनी भूमिका अदा करते है आज भी 60℅ हाजिर ढेरिया एक्सपोर्टर और गोदाम का गुवार 90℅ से ज्यादा एक्सपोर्टर माल ले रहे है जिसका गम बनाकर खुद एक्सपोर्ट करते है फिर डेली का 500 से 1500 टन का काम लिखने वालो को महिने की एवरेज 40 हजार टन से ऊपर एक्सपोर्ट मे जाना चाहिए था या तो गम का कामकाज ही फर्जी है उदाहरण फिर ऐसे देते है जैसे एक तांत्रिक उस आत्मा का बुलाकर सभी बाते पुछ लेता हो उसी के हिसाब से चैलेंज करते है हम अंदर की बात उगलवा लेते है कभी ओपरेटर को चैलेंज कर देते है कोइ माई का लाल घटा नही सकता मानो खुद 1000 नग का काम करता हो 2 महिनो से 13 हजार का कभी 12500 का कभी 12 हजार का कभी 11500 का कभी 11 हजार का गम नही घटेगा क्यो भाई आप लौगो का नुकसान कराने बैठे हो इससे अच्छा है बाबा बनकर प्रवचन दे दो दिन रात ये लै लो वो ले लो अरे भाई क्या क्या लेवे नुकसान तो आप जैसे लोगो ने करवा दिया और क्या बाकी रह गया , यह जैसलमेर का आदमी कौन है इसके बारे में मुझे लिखने की आवश्यकता नहीं है जो व्यापारी लोग इसके व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े हुए हैं इस को भली-भांति जानते हैं मेरा जैसलमेर के भोपे (KLC) से निवेदन रहेगा कि कृपया करके दिन रात यह रंगते लिखना छोड़ दीजिए , एक आम व्यापारी आपकी रंगतो के चक्कर में फस गया है ।
आप भी शांति से रहो हमे भी शांति से रहने दो ।
मैं राजस्थान एग्री ग्रुप का मेंबर हूं और यह मैंने मेरे मन की बात लिखी है किसी दूसरे के ऊपर दोषारोपण ना करें धन्यवाद