चना में तेजी ,देखे नोखा नागौर मेडता गंगानगर हनुमानगढ़ हरियाणा आदि मंडियों के ताजा भाव

राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे

*नोखा मंडी आज के ताज़ा मंडी भाव

*मुंग नया 5000-5800*

*मोठ नया बोल्ड7200-8000*

*मोठ नया मिडियम 6000-7000*
*मोठ नया दाल क्वालिटी 5400-6000*

*ग्वार 5300-5437

*मैथी 5200 -5300* मैथा 5400-5500

*चना* *4000-4600*

रुसी चना 4600 से 4700+

*ईसब 13000-14300* ज्यादातर माल 13400 से 14000 तक बिक रहा है ।

*Blackसरसो 5500-6050

*जीरा 17000-19900*

*बीज 9700-10000*

*काकड़िया बीज*
*7000-8000*

*तिल 8000-8300*

*गेहू 1900-2300*

*तारामीरा 5000-5100*

*जौ 2300-2400*

*🙏🏻सभी भाव मंडी के लूज़ भाव है🙏🏻*

मेडता मंडी भाव

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*Sᗩᗪᑌᒪ Sᕼᗩᕼᗩᖇ*
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*ᗪᕼᗩᑎ ᗰᗩᑎᗪI ᑌᑭᗪᗩTE*

ᗪᗩ𝗧𝗘 *04.06.2022*
*वार शनीवार*
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*_सरसौ आमदनी 600 किव: से ऊपर_*
*_बोली भाव 5941 से 6261 तक_*

*_जौ आमदनी 150 किव: की_*
*_2250 से 2901 तक बिका_*

*_गेहूं आमदनी 600 किव:की_*
*_बोलीभाव 1881से 1970तक_*

*_तारामिरा बोली भाव_*
*_5301 तक बिका_*

*_चना 10 किव: बोली भाव_*
*_4400 तक_*

*_गुवार 05 किव: बोली भाव__*
*_4931 तक_*
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*रावतसर* अनाज मंडी अपडेट
दिनांक *04/06/2022*
जौ 2400 से 2789 तक
गेहूं 1930 से 2080 तक
ग्वार 5000 से 5441 तक
तारामीरा 5220 से 5239 तक
सरसो 5700 से 6400 तक
चना 4400 से 4500तक
मूंग 4000 से 4800 तक
अरंडी 6000 से 6400 तक

04-06-22
श्रीविजयनगर मण्डी के भाव
सरसों 6470/5722 750 q.
जो=2301/2250 100 q.
गेंहू=2179/1801 1500 q.

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*रायसिंहनगर* अनाज मंडी अपडेट
दिनांक *04/06/2022*
*जौ* अराइवल *20* क्विंटल भाव *2200 से 2500*
*गेहूं* अराइवल *400* क्विंटल भाव *1880* से *2050*
*सरसों* अराइवल *1200* क्विंटल भाव *5950 से 6400*
*ग्वार* अराइवल *70* क्विटंल भाव *5371 से 5452*

*धान मन्डी-गोलूवाला 04-06-2022*
*ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष-पंचमी (शनिवार)*
*🌱गेहू-1896-1945/-*
*🌱जौ-2300-2415/-*
*🌱चना-4300/-*
*🌱सरसों-5700-6300/-450-कि.*
*🌳खल बिनोला-3800/- 0.98kg*

नोट- *धान मन्डी जिन्स भाव की रिपोर्ट सिर्फ भाव पहुंचाने में मदद करने के लिए है। भाव कभी भी बदल सकते हैं। फायदे से सौदा लेने व भाव कन्फर्म करने के लिए 📲करके सम्पर्क करें*

घड़साना मंडी भाव

Wheat export 2022 : गेहूं निर्यात पर केंद्र सरकार ने 13 मई से अनिश्चितकालीन पाबंदी लगाई हुई है, वहीं हाल ही में केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा निर्यात पर लगाई गई पाबंदी हटाने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। इधर एक बात ओर उभर कर सामने आ रही है कि निर्यात पर पाबंदी होने के पश्चात भी केंद्र सरकार अन्य देशों को गेहूं की सप्लाई कर रही है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह क्या है? निर्यात पर पाबंदी होने के पश्चात भी किस प्रकार से गेहूं निर्यात हो रहा है, पूरा माजरा क्या है जानिए एवं यह भी समझिए कि केंद्र सरकार ने आखिर निर्यात पर पाबंदी क्यों लगाई?

गेहूं के निर्यात पर रोक क्यों लगाई?

Wheat export 2022)
रूस यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की किल्लत खड़ी हुई खाद्यान्न संकट को देखते हुए एवं भारत में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता के चलते भारत सरकार एवं राज्यों की सरकारों में गेहूं निर्यात को लेकर व्यापारियों एवं निर्यातकों को राहत प्रदान की निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार भी खोजे गए लेकिन अचानक गेहूं की बढ़ती कीमतों के कारण निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।

केंद्र सरकार ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर काबू करना प्रमुख सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। हालांकि भले ही निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर सरकार ने यह तर्क दिया किंतु हकीकत यह थी कि सरकार एमएसपी और खरीदे गेहूं को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करना चाह रही थी। डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के मुताबिक यह नहीं हो सकता। इसीलिए सरकार ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करके प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने यह तर्क दिया कि जरूरतमंद देशों को निर्यात में सरकारी स्तर पर छूट दी जाएगी।

सरकार का गेहूं एवं आटे के दाम को लेकर यह दावा
इधर, खाद्य मंत्रालय के सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा है कि गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने के सकारात्मक परिणाम आए हैं। घरेलू बाजार में गेहूं और आटे के दाम कम हुए हैं। पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का असर दिखने लगा है। आवश्यक जरूरत की चीजों की कीमतों में कमी का रुझान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में कीमत और कम होगी। इसका फायदा आम लोगों को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि गेहूं दो और आटा तीन रुपये प्रति किलो तक सस्ता हुआ है।

निर्यात की कमान सरकार ने अपने हाथ में ली
शुरुआत के दौरान केंद्र एवं राज्य सरकारों ने निर्यात की छूट दी थी उस लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के पश्चात निर्यात की कमान सरकार ने अपने हाथों में ले ली है सरकार अपने स्तर पर निर्यात की अनुमति प्रदान कर रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने सर्वप्रथम बांग्लादेश, मिस्र एवं श्रीलंका को गेहूं निर्यात की परमिशन दी। वहीं गेहूं निर्यात को लेकर नियम कड़े कर दिए गए यदि कोई सरकार की निगरानी के बिना ही गेहूं का निर्यात करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

सरकार ने गठित की समिति
गेहूं के निर्यात पर पाबंदी के बावजूद सरकार कुछ देशों को गेहूं निर्यात करने की इजाजत दे सकती है। क्योंकि, कई देशों ने सरकार से गेहूं को लेकर विशेष अनुरोध किया है। इनपर विचार करने के लिए सरकार ने खाद्य मंत्रालय की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो गेहूं खरीदने के अनुरोधों पर गौर कर जल्द कोई निर्णय लेगी। इस बीच, सरकार ने दावा किया है कि गेहूं निर्यात पर पाबंदी से घरेलू बाजार में गेहूं और आटे की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है।

गेहूं वापस लौटाने पर तुर्की से मांगा स्पष्टीकरण
Wheat export 2022 : सरकार ने गुणवत्ता की वजह से तुर्की द्वारा भारतीय गेहूं की खेप को खारिज किए जाने को लेकर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा है कि इस मामले में तुर्की से विवरण मांगा गया है। क्योंकि, निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60 हजार टन की खेप के लिए सभी आवश्यक मंजूरी थी। उन्होंने कहा कि प्रमुख गेहूं निर्यातक आईटीसी ने सरकार को इस बारे में सूचित किया है।

आईटीसी का कहना है कि उसने जिनेवा स्थित एक कंपनी को गेहूं बेचा था। इस कंपनी ने उसे तुर्की की एक फर्म को बेच दिया। इसके लिए सभी वित्तीय लेनदेन भी पूरे हो चुके हैं। सुधांशु पांडेय ने कहा कि आईटीसी ने बताया है कि उसके पास तमाम आवश्यक मंजूरी थी। इस मामले में कृषि विभाग और कृषि-निर्यात संवर्धन निकाय (एपीडा) तुर्की के अधिकारियों के साथ बात कर रहा है।