प्रदेश के प्रमुख मंडियों के ताजा भाव की जानकारी
***नोखा(बीकानेर)**11/09/2021**
रिपोर्ट
🌿मोठ 🌿*
*6700-6900(नया मोठ)
पुराना मोठ 6000 से 6700
🌿मूंग🌿*
5800-6400*
🌿ग्वार🌿6100/6300 ( NCDEX वायदा बाजार में आज शनिवार का अवकाश रहा )( कल जोधपुर गम का भाव 11200 चल रहा था वो आज 10800 हो गया )
नोहर ग्वार भाव 6500
आदमपुर 6500
( )
🌿चना नया🌿*
5200/5150
🌿मेथी नई 🌿*7000/7100
मेथा 7000 से 7500*🌿
नया जीरा 🌿*
12500/14100*
🌿इसबगुल नया 11800 से 13800
*🌿काला तिल🌿* 8800 से 8900
🌿कणक🌿*
1900/2030*
🌿रायडा सरसो नया 🌿*
7100/7300*
🌿मतीरा बीज🌿* 7100 से 7200
काकड़िया बीज🌿* 7600*
तारामीरा 5800 से 6600——-
ये क़्वालिटी मोठ 6900 बिका ।
*
*भामाशाह कोटा मण्डी*
* दिनाक 11/09/2021,
धनिया रेंडेमेज 5500 से 5700
धनिया बादामी 6700से 6900
धनिया ईगल 6850से 7100
सरसों 7250से 8085
सोयाबीन 7500से 10311
उड़द 2000से 7000
उड़द नया 5000 से 7400
मक्का गजर 1600से 1641
मक्का सफेद 1650से 1700
मक्का पीली 1700से 1700
कलोंजी
अलसी 6500से 8400
मेथी 6000से 7075
गेंहू मिल1885से 1941
गेहूँ एवरेज 1941se1990
गेहूँ बेस्ट 1991से 2075 मूँग 6000 से6400
तिल्ली 6000 से 9500 जो 1900से 2100 चना देशी4900 से 5041 काटीया 4700 से 4750 चना डंकी , 4200 से 4700 गवार 5300 से 6400 अंडोली 5031 बाजरा , 1350 से 1551
*ये सभी भाव लूज ऑक्शन के है*
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New Delhi
*11/09/2021*
*उड़द*
➡️उड़द की कटाई जोरशोर से शुरू बारिश बिगाड़ सकता है खेल
➡️ मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र , गुजरात , राजस्थान में उड़द की कटाईशुरू हो चुकी है
➡️ उड़द की फसलपहले ही औसत से कमजोर है
➡️इसबीच कल मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश दर्ज की गई
➡️ यही हाल गुजरात और राजस्थान का रहा जहां कई उड़द उत्पादक इलाकों में सामान्य से अच्छी बारिश दर्ज की गई
➡️ चूँकि फसल लगभग तैयार है ऐसे में बारिश से नुकसान ( फसल और क्वालिटी ) होने की संभावना अधिक ।
➡️मध्य प्रदेश के सागर , पन्ना , विदिशा , छत्तरपुर , टीकमगढ़ , अशोकनगर , दमोह , मंदसौर ,गुना, नीमच प्रमुख जिले जहां काफी अच्छी बारिश रही
➡️ कल राजस्थान के हाड़ौती संभाग ( कोटा , बारां , बूंदी और झालावाड़ ) में सामान्य से अधिक बारिश
➡️ नुकसान का सही सही आंकलन 2-3 दिन में पता चलसकेगा
➡️ इसबीच 11-20 सितंबर मौसम विभाग ने महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , गुजरात , राजस्थान में बारिश का एलर्ट भी जारी किया है
New Delhi
*देसी एवं काबुली चना के आयात की गति धीमी*
भारी-भरकम सीमा शुल्क एवं ऊंचे वैश्विक बाजार भाव के कारण देश में दोनों-श्रेणियों के चना (देसी एवं काबुली) के आयात की गति धीमी देखी जा रही है। मालूम हो कि देसी चना पर 60 प्रतिशत एवं काबुली चना पर 40 प्रतिशत का मूल आयात शुल्क लागू है जिससे इसका आयात आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित नहीं हो रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2021 के दौरान देश में करीब 12 हजार टन देसी चना का आयात हुआ मगर इसकी मात्रा घटकर जुलाई में महज 624 टन रह गई। अगस्त में आयात कुछ सुधरकर 2500 टन पर पहुंचने का अनुमान है। इसे मिलाकर अप्रैल-अगस्त 2021 के पांच महीनों में कुल करीब 15 हजार टन देसी चना का आयात होने की संभावना है। अप्रैल-जून 2020 में भी केवल 4600 टन देसी चना बाहर से मंगवाया गया था। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में कुल करीब 1.41 लाख टन तथा 2019-20 में 1.17 लाख टन देसी चना का आयात हुआ था। जहां तक काबुली चना का सवाल है तो इसके आयात की गति देसी चना की तुलना में कुछ तेज है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में करीब 4400 टन काबुली चना का आयात हुआ था जो अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में उछलकर 17 हजार टन पर पहुंच गया। इसके बाद जुलाई में करीब 12 हजार टन एवं अगस्त 2021 में 13 हजार टन काबुली चना का आयात होने का अनुमान है जिससे अप्रैल-अगस्त 2021 के पांच महीनों में कुल आयात 42 हजार टन के करीब पहुंचने की उम्मीद है। मालूम हो कि वित्त वर्ष 2020-21 के पूरी अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में 1.53 लाख टन से अधिक काबुली चना का आयात हुआ था जबकि 2019-20 में इसकी मात्रा 2.51 लाख टन से ऊपर पहुंच गई थी।
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*समाचार*
11-09-21
*विदेशों में गिरावट से तेल तिलहनों के भाव टूटे*
✿नयी दिल्ली, सितंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को सोयाबीन, सीपीओ और पामोलीन सहित लगभग सभी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख रहा। ऊंचे भाव पर मांग कमजोर पड़ने से भी बाजार में नरमी रही।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों में आयात शुल्क कम करने को लेकर प्रकाशित रिपोर्टों के सही नहीं निकलने से विदेशों में तेल तिलहनों के भाव टूट गये जिसका सीधा असर देश के घरेलू कारोबार पर दिखा।
उन्होंने कहा कि मलेशिया और इंडोनेशिया में कच्चे पॉम तेल (सीपीओ) का काफी स्टॉक जमा हो गया है इसलिये भाव नरम हैं। मलेशिया एक्सचेंज में पामोलीन का हाजिर भाव 1,190 डॉलर प्रति टन है जबकि जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए हाजिर भाव 1,040 डॉलर प्रति टन बोला जा रहा है। यह मौजूदा भाव से लगभग 150 डॉलर या 12 प्रतिशत नीचे है। विदेशों में इस गिरावट की वजह से यहां सीपीओ और पामोलीन की अगुवाई में बाकी तेल तिलहनों के भाव पर दबाव रहा। मलेशिया एक्सचेंज में सीपीओ के भाव में 2.70 प्रतिशत तथा शिकागो में सोयाबीन डीगम के भाव में 1.25 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों की त्यौहारी मांग और बाजार में माल की उपलब्धता कम होने से सरसों दाना का भाव जस का तस बना रहा जबकि सरसों दादरी तेल का भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 17,900 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल भी 15 – 15 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,680-2,730 रुपये और 2,765-2,875 रुपये 15 किग्रा टिन पर बंद हुए।
बाजार सूत्रों के मुताबिक मांग की स्थिति को देखते हुए सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों का दाम 9,500 रुपये क्विन्टल पर टिका रहा। देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक जो बृहस्पतिवार को लगभग दो लाख बोरी थी वह शुक्रवार को काफी घटकर एक लाख बोरी के करीब रह गई। जबकि सरसों की मांग प्रतिदिन लगभग साढ़े तीन लाख बोरी की है।
जानकारी सूत्रों का कहना है कि इस स्थिति को देखते हुए सरकार को विशेष रूप से छोटे किसानों के लिये बीज का इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए बाजार भाव पर खरीद करने के साथ स्टॉक तैयार कर लेना चाहिये।
अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर रहे।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 8,675 – 8,725 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली – 6,745 – 6,890 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,480 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,375 – 2,505 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 17,900 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,680 -2,730 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,765 – 2,875 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,500 – 18,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,900 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,650 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,350 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,700 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,880 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,200 रुपये।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,120 (बिना जीएसटी के)
सोयाबीन दाना 8,600 – 8,900, सोयाबीन लूज 8,300 – 8,600 रुपये
मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये
New Delhi
*मूंगफली के उत्पादन में 5 लाख टन से अधिक की वृद्धि होने का उस्डा पोस्ट का अनुमान*
अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की विदेश कृषि सेवा के भारतीय प्रतिनिधि (अटैची) कार्यालय यानी उस्डा पोस्ट ने भारत में खरीफ कालीन मूंगफली का उत्पादन 2020-21 के 62.40 लाख टन से 5.20 लाख टन बढ़कर 2021-22 में 67.60 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है। पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर मूंगफली का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 48 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 52 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 सीजन के आरंभ में 1.55 लाख टन मूंगफली का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद रहेगा जबकि 67.60 लाख के उत्पादन एवं 3 हजार टन के आयात के साथ इसकी कुल उपलब्धता 69.18 लाख टन पर पहुंच सकती है। इसमें से 9.00 लाख टन मूंगफली का विदेशों में निर्यात होने तथा 40.00 लाख टन की क्रशिंग- प्रोसेसिंग होने की संभावना है। इसके अलावा प्रत्यक्ष खाद्य उद्देश्य में 14.00 लाख टन तथा फीड वेस्ट में 4.50 लाख टन मूंगफली का उपयोग हो सकता है। इस तरह मूंगफली की कुल घरेलू खपत 58.50 लाख टन पर पहुंचनेगी जबकि 9 लाख टन के निर्यात क साथ कुल उपयोग 67.50 लाख टन हो जाएगा जिससे मार्केटिंग सीजन के अंत में 1.68 लाख टन मूंगफली का बकाया अधिशेष स्टॉक बच सकता है। उस्डा पोस्ट की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2020-21 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के आरंभ में 3.26 लाख टन मूंगफली का पिछला बकाया स्टॉक था और 62.40 लाख टन के उत्पादन तथा 3 हजार टन के आयात के साथ इसकी कुल उपलब्धता 65.69 लाख टन पर पहुंची। इसमें से 9.50 लाख टन का निर्यात एवं 54.64 लाख टन का घरेलू उपयोग होगा और सीजन के अंत में 1.55 लाख टन का अधिशेष स्टॉक रह जाएगा।