इस महीने का भाव भविष्य ।
:- मोठ:-
उत्पादक मंडियों से
आवक कमजोर होने और ऊंचे भाव होने के बावजूद ग्राहकीके अभाव में मोठ के भाव दबे हुए हैं। दाल धोया की बिक्रीअनुकूल नहीं है, जिससे अभी तेजी आने में थोड़ा समयलगेगा। देश की मंडियां कोविड-19 महामारी के चलतेबंद चल रही हैं, जिससे बाहर एवं लोकल के व्यापारी बीमारीकी दहशत से मंडियों में नहीं आ रहे हैं। तथा कारोबारी घरसे ही व्यापार कर रहे हैं। जितनी जरूरत है, उतनी ही खरीद-फरोख्त हो रही है, अतः वर्तमान भाव में एक बार मालबेचकर निकल जाना चाहिए।
ग्राहकी के अभाव में उड़द, तुवर में मंदे का दलदल बना
उड़द, तुवर में घबराहटपूर्ण
बिकवाली से आज भी 100/200 रूपये प्रति क्विंटल की
गिरावट आ गई। दली हुई दाल के भाव भी 200 रूपये
लुढ़क गए।अन्य दालों का मंदा रुक गया।चीनी में 10/20
रूपये घटाकर मिलों ने व्यापार किया। क्योंकि स्टॉकिस्ट
मंडियों में पिछले दिनों की आई तेजी के बाद मिलों के
भाव से मंदे भाव में बेचकर प्रोफिट टेकिंग करने लगे हैं।
दलहनों में उड़द स्टॉकिस्टों व सटोरियों की चौतरफा
घबराहटपूर्ण बिकवली आने से 100/200 रूपये घटकर
एसक्यू 7300/7350 रूपये एवं एफएक्यू 6900/6950
रूपये प्रति क्विंटल रह गई। देसी माल में भी इसी अनुपात
में मंदा आ गया। वास्तविकता यह है कि दाल मिलों की
मांग पूरी तरह ठंडी पड़ गई है। वहीं चैन्नई के सटोरिये
बाजार को दलदल बना दिये हैं। जबकि निकट में कोई
घरेलू फसल आने वाली नहीं है तथा बर्मा से भी आयात
पड़ता सस्ता नहीं है। केवल यह मंदा ग्राहकी के अभाव में
आया है। तुवर भी चौतरफा बिकवाली के चलते 100/150
रूपये गिरकर लेमन 6400/6450 रूपये रह गई। दाल
पटका एवं दड़ा में भी 200 रूपये का मंदा आ गया। अन्य
दालों में स्थिरता रही।।
गेहूं की खरीद हरियाणा,
पंजाब में वर्तमान अवधि में घटने लगी है, क्योंकि मौसम
खराब होने एवं अधिकतर वसूली में किसानों का गेहूं जितना
सरकार को मिलना था, वह निकल गया है। इधर मौसम
खराब होने से यूपी, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भी गेहूं की
आवक कम रह गई है, जिससे बाजार धीरे-धीरे नीचे के
भाव से 50/55 रुपए 10 दिनों के अंतराल बढ़ गए हैं तथा
अभी घटने की गुंजाइश नहीं है।
चावल- वर्तमान भाव में माल खरीदिए
यूपी, उत्तरांचल की
राइस मिलों में धान एवं चावल की भारी कमी बनने लगी
है। किसी भी राइस मिल में तैयार माल नहीं है तथा धान की
खरीद करने में ऊंचा पड़ता लग रहा है। टुकड़ा माल पहले से
ही राइस मिलों में शॉर्टेज में आ चुका है। इधर यूपी के
अलावा हरियाणा, पंजाब में धान की आवक टूट गई है,
इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए बारीक चावल मंडियां
खुलते ही 400/500 रुपए बढ़ जाएगा तथा मोटे चावल में
भी माल की अधिकता नहीं है, जिससे बाजार तेज ही रहने
वाला है।
कोरोना के दौरान लगे लोकडॉउन की वजह से राजस्थान समेत गुजरात की काफी मंडिया बन्द है , जिसके चलते माल की आपूर्ति कुछ ही मंडिया कर पा रही है , इशबगुल भूसी में तेजी के चलते इशबगुल में तेजी के संकेत बने हुए है , आने वाले दिनों में छोटी घट बढ़ के बाद लम्बी तेजी देखने को मिल सकती है ।
जीरा का भाव भविष्य
डेयरी उद्योग व पशु आहार
वालों की पूछ परख बढ़ने तथा निचले भाव पर बिकवालीकमजोर होने से बिनौला खल के भाव 3150/3350 रुपए
क्विंटल पर टिके रहे। भटिंडा मंडी में भी आपूर्ति कमजोर
होने से इसके भाव 3700/3800 रुपए प्रति क्विंटल बोले
गए। आपूर्ति व मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें
ज्यादा घटबढ़ की संभावना नहीं है बाजार सीमित दायरे में
घूमता रह सकता है।
सरसों : तेजी के आसार कम
तेल मिलों की मांग कमजोर
होने तथा स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने से लारेंस रोड पर
सरसों के भाव 100 रुपये घटकर 6850/6900 रुपए प्रति
क्विंटल रह गए। नजफगढ़ मंडी में इसके भाव 6400/6500
रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। जयपुर मंडी में भी मांग के
अभाव में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 200 रुपए
घटकर 7200 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। आने वाले दिनों
में इसमें अभी तेजी की संभावना नहीं लग रही है।
.
भविष्य
ग्वार गम : ज्यादा घटबढ़ नहीं
गम पाउडर निर्माताओं
की मांग सुधरने तथा बिकवाली कमजोर होने से जोधपुर
मंडी में ग्वार गम के भाव 6400/6500 रुपए प्रति क्विंटल
पर मजबूत रहे। ग्वार भी स्टॉकिस्टो की बिकवाली के अभाव
में 4300/4350 प्रति क्विंटल पर मजबूत रहे। कच्चे माल
में मजबूती का रुख होने तथा सप्लाई को देखते हुए
आने
वाले दिनों में घटने की संभावना कम है बाजार सीमित
दायरे में घूमता रह सकता है।
सोयाबीनः कुछ दिन शॉर्टेज में रहेगी एमपी, महाराष्ट्र में
सोयाबीन कि उत्पादन कमजोर होने से इस बार रिकॉर्ड
स्तर
पर भाव पहुंच गए थे, लेकिन पिछले एक सप्ताह के अंतराल
मुनाफावसूली बिकवाली आने एवं साल्वेंट प्लांटों की
मांग ठंडी पड़ जाने से, जो सोयाबीन 8200 रुपए प्रति क्विंटल
प्लांट पहुंच में बिकी थी उसके भाव 7800 रुपए रह गए हैं
तथा मध्य प्रदेश में 8000 वाला माल 7600 रुपए नीचे में
आ गया।अब यहां से एक बार फिर तेजी के आसार दिखाई
दे रहे हैं, क्योंकि प्लांटों में कच्चे माल की भारी कमी है।
दूसरी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी मंदे के बाद तेल
बढ़ाकर बोलने लगे हैं। ब्राजील भी तेज चल रहा है, इन
सारी परिस्थितियों से सोयाबीन की बिकवाली तो करते
रहना चाहिए, लेकिन रुक रुक कर बाजार फिर बढ़ जाएगा।
*म्यांमार से उड़द सहित अन्य दलहनों के आयात के नियमों में भारी ढील*
। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने आज यानी 22 मई 2021 को जारी एक महत्वपूर्ण सूचना के माध्यम से म्यांमार से आयातित उड़द तथा अन्य दलहनों की खेपों को क्लीयरेंस देने की शर्तों में भारी रियायत प्रदान की है। अब 31 अक्टूबर 2021 तक के बिल ऑफ लेडिंग (बीएल) वाले बर्मी दलहनों की आयातित खेपों के लिए प्लांट क्वारंटाइन एवं फायटोसैनिटरी सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को स्थगित दिया गया है।
इसक मतलब यह हुआ कि अगर म्यांमार से दलहनों का आयात करने वालों ने सम्बन्धित अधिकारी से फायटोसैनिटरी सर्टिफिकेट नहीं लिया है (जो उचित निरीक्षण एवं धुआंकरण के बाद प्रदान किया जाता है और प्लांट क्वारंटाइन आर्डर, 2003 के तहत आवश्यक है) तो भी उस दलहन की आयातित खेप को सिर्फ एक बार की निरीक्षण फीस (सामान्य चार्ज) के साथ और कृषि, सहकारिता तथा किसान कल्याण विभाग को राहत देने का कारण बताए बगैर बंदरगाहों से क्लीयरेंस मिल जाएगी। सरकार के इस निर्णय से देश में म्यांमार से जल्दी-जल्दी दलहनों का आयात होने की संभावना है क्योंकि अब भारतीय बंदरगाहों पर न तो कोई रोक-टोक होगी और न ही आयातित खेपों को क्लीयरेंस मिलने में अनावश्यक विलम्ब होगा।
सरकार ने कल खद्य तेलों का आयात शुल्क में कटौती की है
तेल-आयात शुल्क
क्रूड पाम तेल-32292.22/-283.27
ओलीन-45886.05/-402.51
क्रूड सोया तेल-38028.49/-333.58
पहले 74.75 डॉलर पर तेल आयात होता था और अब सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के बाद 74.10 डॉलर हो चुका है इसको आज 21 मई 2021 से लागू किया जाएगा।
तेल बाजार जानकारों के मुताबिक इंपोर्ट ड्यूटी घटने के बावजूद भी तेलों में ज्यादा मंदी की गुंजाइश नहीं, क्योंकि विदेशों से तेल की आयात पड़तल ऊँची है, जिसके चलते सरकार के निर्णय के बाद कुछ दिन दबाव देखा जा सकता है परंतु बाजार खुलने के बाद और भारत में नए सोयाबीन के आने से पहले एक बार फिर भी तेजी बनी रहने की संभावना है !