इशबगुल भाव मजबूत , ग्वार में मन्दी देखिये चना,जीरा,मेथी ,गेहूं के ताजा भाव

जानिए आज के ताजा मण्डी भावआज के ताज़ा मण्डी भावजनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)**27/05/2021**

🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6000-6700

Extra bold*🌿मूंग🌿*
6000-6600*

🌿ग्वार🌿3900/4030

🌿चना नया🌿*
5000/5050

🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5500*🌿

मेथी नई 🌿*6000/6010मेथा 6300 से 6400*🌿

नया जीरा 🌿*
12000/12800*

🌿इसबगुल नया 9800 से 11000 (ज्यादातर माल 9800 से 10600)तक बिक रहा है ।*

🌿काला तिल🌿* 7500/7600*🌿कणक🌿*
1650/1950*

🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5900/6250*

🌿मतीरा बीज🌿* 4000/4600*

🌿काकड़िया बीज🌿* 7000/7700*

🌿जौ🌿*
1400 से 1500🔈

तारामीरा 5000 से 5100🔈

नोखा कृषि उपज मंडी आने वाले किसानों से निवेदन है कि कृपया करके वह सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक मंडी परिसर गेट तक आ जाए उसके बाद आने वाले वाहन को मंडी परिसर में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ।

27/05/2021

*तिलहन के अंतरराष्ट्रीय रूस ने वर्ष 2021 के पहले 4 महीनों में 219 219000 टन सरसों तेल का निर्यात किया पिछले साल की तुलना में 14% अधिक है। रूस में अप्रैल महीने में सनफ्लावर तेल का उत्पादन 441000 टन रहा है जोकि पिछले साल की तुलना में 19.9% कम है रूस में अब तक अब तक 7.9 मिलियन हेक्टेयर एरिया में सनफ्लावर सीड की बुवाई पूरी हो चुकी है। जोकि कुल निर्धारित एरिया के 92.5% है मलेशिया ने मई के पहले 25 दिनों में 1.07 मिलियन टन पाम तेल का निर्यात किया है। जबकि पिछले महीने समान अवधि में 1.03 मिलियन टन पाम तेल का निर्यात किया था।*

*ब्राजील से चीन का अप्रैल महीने में मार्च की तुलना में आयात बढ़ा सीमा शुल्क के आंकड़ो से पता चलता है की चीन का ब्राजील से सोयाबिम का आयात मार्च महीने की तुलना में अप्रैल में बढ़ा है सोयाबीन का दुनिया का शीर्ष आयातक चीन ने अप्रैल में प्रमुख आपूर्तिकर्ता ब्राजील से 5.08 मिलियन टन तिलहन का आयात किया जोकी मार्च में केवल 315334 टन था मगर पिछले साल के सामान अवधि में आयात किये गए 5.939 मिलियन टन से कम था पशु आहार की बढाती मांग को देख चीनी क्रशरो ने इस साल की शुरुवात में ही सोयाबीन की खरीदी तेज कर दी थी हलाकि बारिश ने ब्राजील से फसल और निर्यात में देरी की खरीदारों ने अंतर को भरने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर रुख किया, चीन ने अप्रैल में 2.15 मिलियन टन अमेरिकी सोयाबीन आयात किया जो एक साल पहले सामान अवधि में आयात किये गए 665591 टन से तीन गुना से अधिक था, लेकिन मार्च के 7.18 मिलियन टन से नीचे था पशु क्षेत्र से मजबूत मांग की संभावना से अप्रैल में सभी मूल से चीन का सोयाबीन आयात 7.45 मिलियन टन था जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है।*

*ब्राजील के एबियोव के अनुसार 2021 में सोयाबीन तथा सोया तेल निर्यात देश के तिलहन क्रशर एसोसिएशन एबियोव के अनुसार 2021 में ब्राजील का सोयाबीन और सोयाबीन तेल निर्यात शुरू में अपेक्षा से अधिक होने की और अग्रेसर है सोयाबीन के लिए इकाई अब इस साल के विदेशी निर्यात को 85.60 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर देखा जा रहा है जोकी अप्रैल में अनुमानित 84.50 मिलियन टन और 2020 में 82.97 मिलियन टन था ब्राजील का सोया उत्पादन 2021 में 137.50 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुचने की उम्मीद है जो की पहले के अनुमानित 136.30 मिलियन टन से अधिक है सोयाबीन तेल के संबंध में एबियोव के अनुसार ब्राजील 2021 में 1 मिलियन टन निर्यात करने का अनुमान है जोकि अप्रैल में अनुमान 7 लाख टन का था जबकी पिछले साल देश में 1.11 मिलियन टन निर्यात किया था

और सोयाबीन तेल का उत्पादन 9.46 मिलियन टन आंका गया था इस प्रकार के पूर्वानुमान ब्राजील सरकार द्वारा मई-अगस्त की अवधि के दौरान डीजल में आधिकारिक बायोडीजल मिश्रण को शुरू में 13% के जनादेश के बजाय 10% तक कम करने के बाद सामने आ रहे है वनस्पति तेल जैव इंधन उत्पादन के लिए मुख्य कच्चा माल है जिससे बायोडीजल उत्पादकों द्वारा सोयाबिन तेल की मांग में कमी आने की संभावना के चलते निर्यात बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है इस तरह के परिदृश्य से बाजार सहभागियों के अनुसार निर्यात के लिए सोयाबीन तेल की अतिरिक्त आपूर्ति हो सकती है या पेराई दर भी कम हो सकती है जिसके परिणामस्वरुप शिपिंग के लिए अधिक सोयाबीन उपलब्ध होंगे एबियोव का अनुमान है की इस साल ब्राजील में सोयाबीन की कृशिंग 46.80 मिलियन टन होंगी जो अप्रैल में 47 मिलियन टन के अनुमान से कम है आतंरिक सोयाबीन तेल की कुल खपत 8.90 मिलियन होने की संभावना है जोकी पिछले महीने 9.20 मिलियन टन और 2020 में 8.53 मिलियन टन थी।*

27/05/2021

*भारत से चावल और गेहू का निर्यात भारत ने वित्तीय वर्ष 2021 में वस्तुओं की आकर्षक विदेशी कीमतों और घरेलु व्यापक अधिशेष उत्पादन के कारन रिकॉर्ड 19.8 मिलियन टन चावल और गेहू का निर्यात किया वित्त वर्ष 2020-21 में चावल और गेहू का निर्यात 19.81 मिलियन टन का हुवा जिसका मूल्य 69331.45 करोड़ रुपये था चावल का निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर है जिसमे 35448.24 करोड़ रुपये का 13.09 मिलियन टन गैर बामसती और 29849.40 करोड़ रुपये का 4.63 मिलियन टन बासमती शामिल है गेहू का 2.09 मिलियन टन निर्यात हुवा जिसका मूल्य 4033.81 करोड़ रु था निर्यात में यह वृद्धि कई कारणों से हुयी मुख्य रूप से भारत नए बाजारों पर कब्ज़ा कर रहा है जैसे की तिमोर-लेस्ते, प्यूर्टो रिको, पापुआ न्यू गिनी, ब्राजील और चिली तथा मलेशिया, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, सेनेगल, इराक, बांग्लादेश, वियतनाम, टोगो, तंजानिया रेप और मेडागास्कर को भी निर्यात किया गया देखने वाली बात यह भी है की वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय पूल से रिकॉर्ड 92 मिलियन टन चावल और गेहूं आवंटित किया गया था*

*कोविड -19 प्रेरित लॉकडाउन के मद्देनजर इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अन्य नियमित कल्याण योजनाओं के तहत 60.32 मिलियन टन, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 31.52 मिलियन टन, आत्मानिर्भर भारत पैकेज (प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए) और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं इससे पहले, अप्रैल’20-फरवरी ’21 की अवधि के लिए भारत का आवश्यक कृषि वस्तुओं का कुल निर्यात 18.49% बढ़कर ₹ 2.74 लाख करोड़ हो गया था। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह ₹ 2.31 लाख करोड़ था जिन वस्तुओं ने निर्यात में महत्वपूर्ण सकारात्मक वृद्धि दर्ज की थी, वे थे गेहूं, सोया मिल, मसाले, चीनी, कच्चा कपास, गैर-बासमती चावल, ताजी और प्रसंस्कृत सब्जियां और मादक पेय भारत ने सोया मील के निर्यात में भी 132% की वृद्धि की सोया मील 2019-20 में 3087 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 7224 करोड़ रुपये हो गया था अप्रैल’20-फरवरी’21 के दौरान कृषि और संबद्ध टोकरी की अन्य वस्तुओं के निर्यात में 2019-20 की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, मसाले 11.44%, चीनी 39.64%, कच्चा कपास 67.96%, ताजा सब्जी 17.54% और संसाधित सब्जियां 42.69%।*

*व्यापार अपने विवेक से करें*

27/05/2021

*मसूर में व्यापारी वर्ग आयात शुल्क घटने की अफवाह में बिकवाली में आ गए हैं जबकि ऐसी कोई खबर नहीं आई है घरेलू उत्पादन खपत की अपेक्षा काफी कम हुआ है जिससे बाजार फिर से बढ़ जाएगा अतः घबराकर माल काटना कोई बुद्धिमानी नहीं होगी मसूर के उत्पादन लगातार गिरावट आ रही है क्योंकि किसानों को पिछले 4 वर्षों से लागत नहीं निकलने से यह घटते घटते 14 लाख मैट्रिक टन के उत्पादन पर आ गई है । जबकि 4 वर्ष पहले इसका उत्पादन 23 लाख मैट्रिक टन के करीब होता था वहीं घरेलू खपत 28 लाख मैट्रिक टन की है यही वजह है कि वर्तमान में कनाडा के मसूर पर निर्भरता बढ़ गई है पिछले वर्ष समय के अनुसार सरकार द्वारा आयात शुल्क में घटा बढ़ी लगातार की जाती रही जिसके चलते बाजार भी उसी तरह ऊपर नीचे चलते रहे।*
*इस वर्ष कनाडा में ऊंचे भाव होने से आयात पड़ता महंगा लग रहा है यही कारण है कि घरेलू मसूर की लिवाली बढ़ गई तथा इसकी मीलिंग करने पर दाल , छांटी एवं मलका के पड़ते विदेशी माल से अधिक बैठ रहे हैं यही कारण है कि मसूर बिल्टी में 10 दिन पहले 7000 रुपए प्रति क्विंटल ऊपर में बिक गई थी लेकिन उसके बाद सरकार द्वारा मूंग , उड़द , तुवर का आयात मात्रात्मक हटा दिया गया इसकी चपेट में मसूर सहित अन्य दलहन भी आ गए तथा मसूर के व्यापारियों को यह आभास होने लगा है कि इस पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क एवं 20 प्रतिशत इंफा सेस जो लग रहा है वह कहीं सरकार कम कर सकती है या हटा सकती है इस वजह से चौतरफा बिकवाल आ गए हैं।*

*व्यापारी वर्ग में घबराहट के चलते बिकवाली हो रही लेकिन वर्तमान भाव पर कारोबारी वर्ग को धैर्य रखने की जरूरत है क्योंकि छोटी मसूर कहीं से आने वाली नहीं है मोटी मसूर का उत्पादन घरेलू खपत की अपेक्षा 50 प्रतिशत रह गया है शेष माल 14 लाख मैट्रिक टन कनाडा से ही आयात करना पड़ेगा उस स्थिति में अक्टूबर से पहले वहां स्टॉक ज्यादा नहीं है जिससे ज्यादा घटने वाली नहीं है लॉकडाउन अगले सप्ताह संभावना यह है कि खुल जाएगा*

*व्यापार अपने विवेक से करें

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