ग्वार गम में भारी तेजी मंदी के लिए सोशल मीडिया का कमेंट जिम्मेदार, फंडामेंट्स में कोई बदलाव नहीं – पुखराज चोपड़ा

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ग्वार गम में भारी तेजी मंदी के लिए सोशल मीडिया का कमेंट जिम्मेदार, फंडामेंट्स में कोई बदलाव नहीं – पुखराज चोपड़ा

» तेजी में कम फसल, डिमांड में वृद्धि और स्टाक में कमी का कमेंट और मंदी में भारी फसल, डिमांड में कमी और अधिक स्टॉक का कमेंट पूरे दिन फिरता है।

पुखराज चोपड़ा

संस्थापक, मुख्य संयोजक वायदा एथेनिक ग्रुप, किसान व्यापारी अग्रणी बीकानेर – राजस्थान

● ग्वार गम के फंडामेंट एकदम परफेक्ट है लेकिन सोशल मीडिया का प्रभाव बड़ी मात्रा में बढ़ जाने से और किसानों का माइंडसेट (नजरिया) बदल जाने से पिछले 2 सप्ताह के दौरान ग्वार और गम वायदा में भारी घटबढ़ दिखाई दे रही है. फिलहाल ग्वार और जीरा दो कमोडिटी के बारे में सोशल मीडिया पर पूरे दिन के दौरान थोक बंद कमेंट और टारगेट आने से फंडामेंट्स की ऐसी की तैसी हो रही है.

● ग्वार में अन्य एग्री कमोडिटी की तुलना में विशेषता अधिक होने से उसमें भारी घटबढ़ करनी सरल है. ग्वार 10 से 15 वर्ष के लिए कोई स्टाक करें तो वह खराब नहीं होता. इससे किसान, ट्रेडर और स्टॉकिस्ट सबसे अधिक ग्वार में एक्टिव रहते हैं साथ ही लंबे समय स्टाक हो सके ऐसा होने से उसमें कोई आइडियल स्थिति नहीं बनती.

» किसानों का माइंडसेट पिछले 3 में बदल गया है. पहले किसानों का एक ही टारगेट था कि खेत में फसल तैयार होते ही तुरंत मार्केट में बेचने के लिए जाना लेकिन अब किसानों को प्रत्येक मंडी का भाव सोशल मीडिया पर मिलने लगने थे और मार्केट में कौन सा ट्रेंड चल रहा है वह भी किसानों को समझ में आने लगा है, इसके अलावा किसानों का सेकंड

» किसानों का माइंडसेट बदला है, फसल तैयार होने के बाद तुरंत बिक्री के बदले मार्केट ट्रेंड के अनुसार किसान बेचते हैं

हाइलाइट्स

जनरेशन काफी स्मार्ट हैं इससे खेत से फसल निकलने के बाद मार्केट का ट्रेंड की तरफ है उसका बराबर अवलोकन कर किसान अब बाजार में बेचने के लिए आता है.

* सोशल मीडिया के कारण जब कोई एग्री कमोडिटी में तेजी आने पर कम फसल, डिमान्ड में वृद्धि और कम स्टॉक का कमेंट पूरे दिन फिरता रहता है लेकिन जब एग्री कमोडिटी में मंदी आती है तब बड़ी फसल, डिमांड में कमी और बड़े स्टाक का कमेंट पूरे दिन फिरने लगता है. ग्राउंड लेवल की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बदले सोशल मीडिया में फिरते कमेंट के आधार पर तेजी मंदी होती होने से गलत घटबढ लगातार दिखाई दे रही है. ग्वार और जीरा के बारे में फिलहाल सोशल मीडिया में सबसे अधिक कमेंट फिर रहा है. सोयाबीन, सरसों, चना के बारे में कमेंट कम आ रहा है इससे उसमें भारी घटबढ़ दिखाई नहीं देती.

* ग्वार का फंडामेंट्स निश्चित है उसमें कोई फेरफार नहीं हुआ है. ग्वार की फसल एक करोड़ बोरी आने का अनुमान है और गम का एक्सपोर्ट चालू वर्ष में 3.30 लाख टन होने का अनुमान है, जो गत वर्ष 3.17 लाख टन और उसके पहले के वर्ष में 2.86 लाख टन हुआ था.