इशबगुल तेज ,ग्वार में भी तेजी देखिए मंडी गेट का बदला समय आज के ताज़ा मंडी भाव ।

🌿आज के ताजा भाव🌿*

*जनरल मर्चेंट एंड कमीशन एजेंट नोखा (बीकानेर)*

*22/04/2021*

*🌿मोठ बोल्ड🌿*
*6600-7000 Extra bold

*🌿मूंग🌿*
6000-6900

*🌿ग्वार🌿*
3800/4050 (100 की तेजी)

*🌿चना नया🌿*
5100/5400

*🌿 मेथी पुरानी 🌿*
4800/5500

*🌿मेथी नई 🌿*

5800/6000

मेथा 5800 से 6300+

*🌿नया जीरा 🌿*
11000/12800

*🌿इसबगुल नया🌿* 9000/10400

(ज्यादातर माल 9100 से 9600)तक बिक रहा है ।

*🌿काला तिल🌿* 7700/7900

*🌿कणक🌿*
1700/1960

*🌿रायडा सरसो नया 🌿*
5800/6550

*🌿मतीरा बीज🌿* 3700/3900

*🌿काकड़िया बीज🌿* 7000/7100

*🌿जौ🌿*
1650 से 1700

🔈तारामीरा 5200 से 5500🔈

मंडी आने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर ⚡⚡

* 22/04/2021

*देसी चना: कमज़ोर उत्पादन के बीच बेपड़ता आयात को देखते हुए कीमतें शीघ्र और बढ़ने के आसार क़ीमतें आगे मज़बूत रह सकती हैं इस स्तर से कीमतों में बापस150/200= रुपए प्रति क्विंटल की तेजी लग रही हैं देश में इस बार चने का उत्पादन 65/68 हज़ार टन रह जाने की आशंका बनने लगी है। इस बार मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश में देसी चने की मंडियो में होने वाली आवक सीजन के शुरुआत से अभी तक अनुकूल नही हो पायी है। दूसरी और, पाइप लाइन में माल लगातार घट रहा है कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कहर के लगातार बढ़ते दबाव के बीच किसी राज्य में आंशिक और किसी राज्य में पूर्ण लॉकडाउन की प्रक्रिया चालू है जिसके चलते बाजार भी बंद चल रहे है दूसरी ओर, उत्पादक मंडियों में माल की आपूर्ति लगातार कमज़ोर पड़ने से इस भाव का चने का व्य्यापार भरपूर लाभकारी लग रहा है।*

*ताजा सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देसी चने का उत्पादन इस बार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों में कम ही रहने की आशंका बन रही है। बाज़ार के जानकार विशषज्ञों के अनुसार प्रति हैक्टेयर उत्पादकता कमज़ोर बैठने सकल-उपलब्धता कम बैठ रही है दूसरी ओर, वर्तमान में विदेशों से आयात पड़ते नहीं लग रहे हैं। बीते वर्ष कोविड-19 महामारी के चलते औद्योगिक घरानों को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ा था,जो माहौल इस बार थोड़ा सुधरने लगा था। हालाँकि, कोविड-19 महामारी की दूसरी ख़तरनाक होती लहर के बाद फ़िर असमंजस के बीच नुकसान बढ़ने की दहशत कारोबारियों की आंखों में साफ साफ देखी जा सकती है उधर, उत्पादक मंडियों में चने की आवक घटकर सीमित रह गई है*

*जबकि वायदा कारोबार लगातार ऊपर-नीचे कर रहा है। उत्पादक मंडियों में चने की लगातार घटती आवक के बीच वर्तमान में सरकार को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य 5100 रुपए पर चना नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि तेज़ी के इस माहौल में औसत मंडियों में कारोबार 5400/5500 प्रति क्विंटल माल उपलब्धता के अनुसार हो रहा हैं दूसरी ओर, इस बार महाराष्ट्र से इस बार चांपा चना कम आया है, तथा उसके पड़ते काफी ऊंचे चल रहे हैं मध्य प्रदेश का माल भी वहीं पर खप रहा है रायपुर मंडी में अभी भी 5600 रुपए से कम में माल नहीं मिल रहा है।*

*इंदौर- ग्वालियर पहले से ही तेज चल रहा है खेत व खलिहान में देसी चने की उपलब्धता को देखकर सकल उत्पादन 65/68 लाख मैट्रिक टन के करीब ही लगाया जा रहा है, जबकि सरकारी आंकड़े पिछले दिनों के 100 लाख मैट्रिक टन के ऊपर के आए हुए है इन उत्पादन अनुमानों इस बड़े अंतर को देखते हुए कारोबारी भी चने उत्पादन अनुमान के सही आंकड़े को लेकर असमंजस में बने हुए है जानकार बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार उत्पादक मंडियों में मौजूदा आमदनी बीते वर्ष की अपेक्षा औसतन 35-40 फीसदी तक कम नज़र आ रही है इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए लौरेंस रोड पर 5700/5800 रुपए प्रति क्विंटल का राजस्थानी चना आगे चलकर भरपूर लाभ देने वाला लग रहा है। अब जोख़िम की आशंका दूर- दूर तक नज़र नही आ रही है।*

*बाकी व्यापार अपने विवेक से करें*

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