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वायदा बाजार की सबसे गर्म कॉमेडीटी ग्वार सीड और ग्वार गम है उसको लेकर बाजार में तरह-तरह के कयास चल रहे हैं हमारा प्रयास यह रहता है कि जब भी बड़े एक्सपोर्टर रिपोर्टर इस पर कुछ लिखे हैं तो आप तक उस खबर को हम पहुंचाएं ग्वार गम को लेकर आज तीन प्रमुख ट्रेडर है जिन्होंने अपनी राय लिखि है
1:- रुपेश जी गोयल श्रीगंगानगर
ग्वार के मुख्य वेस्ट बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर क्षेत्र में सितंबर में
वर्षा के अभाव में फसल की स्थिति खराब है. अब सितंबर महीने के बाकी
के दिनों के दौरान वर्षा हो तो फसल को फायदा हो सकता है. फिलहाल
की स्थिति में ऐसा कहा जा सकता है कि आगामी दिनों में यदि वर्षा ना
हो तो ग्वार की फसल 80 से 90 लाख बोरी और यदि वर्षा होतो
की फसल एक करोड़ से सवा करोड़ बोरी हो सकती है. आगामी से 10 दिन वर्षा की स्थिति से ग्वार की फसल का साइन निश्चित होगा
●राजस्थान में चालू वर्ष में रिकॉर्ड ब्रेक वर्षा होने से स्वार की बुवाई बढ़ है जिसके कारण फिलहाल की स्थिति में कम से कम 80 से 90 लाख
बोरी ग्वार का उत्पादन होना निश्चित है.
ग्वार की बैलेंसशीट पर नजर डालें तो ग्वार की सप्लाई में कोई बड़ा बदलाव नए सीजन में नहीं दिखाई देगा. गत एक अक्टूबर को ग्वार का
कैरोफारवर्ड स्टाक 1.25 करोड़ बोरी था ग्वार की फसल का अनुमान रवार डे सेमिनार में एवरेज 50 लाख बोरी का व्यक्त हुआ था. इस प्रकार
1.75 करोड़ बोरी ग्वार की सप्लाई सीजन में रही थी, उसके सामने वार की वार्षिक खपत 1.25 बोरी थी. नए सीजन के आरंभ में 50 लाख बोरी
कैरीफॉरवर्ड स्टॉक है और फिलहाल की स्थिति में हार का उत्पादनएक से सवा करोड़ बोरी होने का अनुमान है और ग्वार की खपत वार्षिक
1.25 करोड़ बोरी रहेगी. इस प्रकार ग्वार की सप्लाई नए सीजन में 1.50 से 1.75 करोड़ बोरी ही रहने की संभावना है जो गत वर्ष जितनी ही रहेगी,
● देश में ग्वार की वार्षिक खपत 1.25 करोड़ बोरी होना बहुत ही स्पष्ट है.
चालू वर्ष में गम का निर्यात औसतन हर महीने 28 हजार टन का हुआ है
जिसके अनुसार 3.36 लाख टन गम का निर्यात हुआ है और 50 लाख
चोरी गम की लोकल खपत की गणना करने पर 3.86 लाख टन गम की
वार्षिक जरूरत रहती है. 100 किलो ग्वार में से 30 किलो गम मिलता है.
चालू वर्ष में गुजरात और हरियाणा में ग्वार की बुवाई बढ़ी नहीं है.
राजस्थान में बारानी क्षेत्र में ही ग्वार की बुवाई बढ़ी है नहरी क्षेत्र में भारी
वर्षा के कारण ग्वार के पौधे का विकास ज्यादा होने से फली कम बैठी
है. इससे नहरी क्षेत्र में ग्वार की उपज कम आई है.
हरियाणा और राजस्थान में चूरू में फिलहाल वर्षा हो रही है, चूरू में वर्षा
से उपज में फर्क पड़ सकता है लेकिन हरियाणा में क्वॉरिटी बरकरार
रहेगी लेकिन वर्षा से क्वालिटी खराब होने की धारणा है.
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●गम का निर्यात नए सीजन में 5% बढ़ने की धारणा है क्योंकि गम का
भाव नए सीजन में चालू संजन से नीचा रहेगा तथा रुपया 74 था, उसका
मूल्य फिलहाल 81 होने से विदेशी खरीदारों को गम सस्ता मिलेगा.
●ार की फसल कैरोफारवर्ड स्टॉक और गम की डिमांड की स्थिति को
देखते हुए नए सीजन में ग्वार का बॉटम ₹4900 और टॉप ₹5700 से
5800 रहेगा इसी तरह गम का बाटम ₹9500 और टॉप ₹12000 रहेगा
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2:- दिनेश जी भट्टड
हाइलाइट्स
ग्वार की बुवाई राजस्थान में गत वर्ष के 23 लाख हेक्टर के सामने चालू वर्ष में 30 लाख
हेक्टर से अधिक हुई है, लेकिन सितंबर महीने में अपर्याप्त वर्षा होने से 20 से 25%
नुकसान हुआ है जिसमें फली कम बैठी है तथा कुछ क्षेत्र में प्यार की उपज भी घटी है.
ग्वार का उत्पादन नए सीजन में एक करोड बोरी होने का अनुमान है.
चालू वर्ष में ग्वार का भाव 6 महीना प्रति क्विंटल ₹6000 के ऊपर रहने से पुराना स्टाक
बड़े पैमाने पर खाली हो चुका है, साथ ही जो स्टॉक बचा है, उसमें से ज्यादातर ऊंचे भाव
की खरीदी का होने से बेचने के लिए आने की संभावना कम है तथा गम का एक लाख
टन का स्टॉक डेडस्टॉक है.
ग्वार की नई आवक का प्रेशर दिवाली के बाद शुरू होगा कोरमा का कैरोफारवर्ड स्टॉक
एकदम कम होने से चालू वर्ष में ग्वार की क्रशिंग बढ़ेगी
ग्वार के किसान यदि ₹4500 से 4800 में बेचेंगे तो नए सीजन में बड़ा स्टाक होगा ग्वार
वायदा का नए सीजन का बॉटम ₹4900 से 5000 और टॉप ₹6000 के ऊपर रहेगा गम
का बॉटम ₹9500 और टॉप लेवल ₹12500 रहेगा
3:- गजेंद्र जी पारीक नोखा
Guvar ग्वार की फसल पर अब वर्ष होने पर कोई फायदा होने की संभावना कम है. मौसम विभाग के
पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान में ग्वार की जिस क्षेत्र में सबसे अधिक बुआई होती है, उस क्षेत्र
बाड़मेर-जैसलमेर में आगामी चार-पांच दिन वर्षा होने का अनुमान नहीं है. हरियाणा और गंगानगर
बेस्ट में फिलहाल वर्ष हो रही है जिससे ग्वार की फली के काली- पौली होने से नुकसान हो रहा
है. चूरू- सौकर क्षेत्र में वर्षा होने का अनुमान है, लेकिन इस क्षेत्र में वर्षा बहुत ही कम हो रही है.
ग्वार की फसल का अनुमान 2 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले ग्वार डे सेमिनार में व्यक्त
किया जाएगा सीजन के आरंभ में रिकॉर्ड ब्रेक वर्षा होने से ग्वार के उत्पादन का जो अनुमान व्यक्त
हुआ था उसमें भारी कमी होने का अनुमान है.
ब्रिटेन द्वारा गैस ट्रैकिंग पर 31 वर्ष बाद प्रतिबंध उठा लेने से भारतीय गम के निर्यात को फायदा होने
वाला है. दीर्घकाल में 10 से 20% गम का निर्यात बढ़ सकता है. गम के निर्यात के लिए नया एरिया
खुला है जिसका लाभ भारत को आगामी वर्षों में निश्चित रूप से मिलेगा
भारतीय गम का निर्यात अगस्त में 29 हजार टन दर्ज हुआ था जो सितंबर में 28 से 30 टन होने की
धारणा है