तेजी मन्दी रिपोर्ट : मूंग मोठ ग्वार सरसों चना उड़द राजमा ग्वार गम भाव भविष्य 2023 मूंग भाव भविष्य मोठ भाव भविष्य ग्वार भाव भविष्य सरसों भाव भविष्य चना भाव भविष्य उड़द भाव भविष्य ग्वार गम भाव भविष्य सरसों भाव भविष्य ग्वार में तेजी कब आएगी सरसों में तेजी कब आएगी मूंग में तेजी कब आएगी जीरा में तेजी कब आएगी

आज जानेंगे नोखा नागौर मेड़ता बीकानेर फलोदी गंगानगर हनुमानगढ़ आदमपुर सिरसा राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव 24 मार्च 2023 , मोठ भाव भविष्य 2023 मूंग भाव भविष्य 2023 ग्वार भाव भविष्य 2023 ग्वार गम भाव 2023 चना भाव भविष्य 2023 उड़द भाव भविष्य 2023
राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे ।
किसान भाइयों राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों (नोखा बीकानेर नागौर गंगानगर हनुमानगढ़ आदि)के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें हमारी कोशिश रहती है कि दिन भर होने वाली तेजी मंदीसे आपको अवगत करवाते रहें सीजन की शुरुआत हो चुकी है किस प्रकार आवक रही है किस प्रकार की क्वालिटी आ रही है सभी प्रकार की सूचनाएं आपको हमारी वेबसाइट पर मिलती रहेगी सभी प्रकार के भाव देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर विजिट करें
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बिनौला खल : ठहराव की उम्मीद

पशु आहार वालों की मांग सुधरने तथा आपूर्ति कमजोर होने से बिनौला खल के भाव 3100 / 3350 रुपए प्रति कुंतल पर टिके रहे। पंजाब की मंडियों में बिनौला के भाव 3200/3500 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए । एग्री इंडिया भटिंडा मंडी में बिकवाली कमजोर होने से बिनौला खल के भाव 3400/3450 रुपए प्रति कुंटल बोले गए । सप्लाई व मांग को देखते हुए इसमें गिरावट की संभावना नहीं है बाजार मजबूत रह सकता है।

ग्वार गम : बाजार इस्थिर

औद्योगिक मांग घटने से जोधपुर मंडी में ग्वार गम के भाव 200 रूपए घटकर 11800/11900 रुपए प्रति कुंतल रह गए। मांग के अभाव में ग्वार की कीमतें भी 5600/5700 रुपए पर सुस्त रही। हाल ही में आई गिरावट को देखते हुए आने वाले दिनों में ग्वार गम में और ज्यादा घटने की संभावना नहीं है क्लोजिंग के बाद ग्राहकी निकलते ही बाजार बढ़ने लगेगा। लेकिन अगर एक्सपोर्ट डिमांड अच्छी नहीं रही तो मार्केट इन्हीं भाव में चलता रहेगा जहां तक हमारा मानना है बड़ी तेजी के लिए हमें चौमासे तक का इंतजार करना चाहिए और किसान भाइयों से यही कह रहे हैं कि जब भी किसान को उचित लगे 5800 6000 के घरों में उस हिसाब से ग्वार को बेचते चलना चाहिए

सरसों: तेजी नहीं

देश की विभिन्न मंडियों में आवक बढने तथा तेल मिलों की मांग घटने से लारेंस रोड पर सरसों के भाव 50 रुपए घटकर 5400/5450 रुपए प्रति कुंटल रह गए।राजस्थान की मंडियों में सरसों के भाव लूज में 5000/5300 रुपए प्रति कुंटल बोले गए। आने वाले दिनों में आवक बढने की संभावना को देखते हुए सरसों की कीमतों में और तेजी की संभावना नहीं है बाजार सीमित दायरे में घूमता रह सकता है

अरंडी तेल: ज्यादा घटबढ नहीं

औद्योगिक मांग घटने के कारण अरंडी तेल के भाव 14200/14300 रुपए प्रति कुंटल पर सुस्त रहे गुजरात की मंडियों में इसके भाव 13700 रुपए प्रति कुंतल बोले गए। राजस्थान गुजरात की मंडियों में मांग घटने से अरंडी की कीमतों गिरावट रही । आपूर्ति व मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें ज्यादा मंदे की संभावना नहीं है बाजार 100/200 रुपए उतार-चढ़ाव बीच में घूमता रह सकता है।

मोठ-व्यापार लाभप्रद रहेगा

चालू सप्ताह के अंतराल मोठ की आवक यहां काफी घट जाने तथा नोहर लाइन सरदारशहर में बाजार तेज हो जाने से यहां माल कम आया है । यही कारण है कि बाजार मजबूती लिए 67000/6800 रुपए प्रति क्विंटल का यहां हो गया। हल्के माल 6400 रुपए बिक रहे हैं। मूंग के ऊंचे भाव चल रहे हैं। दूसरी ओर पाइप लाइन में मोठ का स्टाक कम है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए मोठ के व्यापार में आगे और लाभ मिलने वाला है। फिर भी 7000 7200 की रेंज में आने पर मोठ को बेचना चाहिए

काबली चना-ज्यादा तेजी का व्यापार नहीं

काबुली चने की आवक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सभी मंडियों में कम हो रही है। महाराष्ट्र सहित इंदौर भोपाल लाइन में भी दो दिनों से आवक बढ़ गई है, इसे देखते हुए वर्तमान में अधिक तेजी की गुंजाइश नहीं है। हालांकि पिछले 4-5 दिनों के अंतराल बाजार मौसम खराब होने से रुक-रुक कर बाजार मजबूत हो गया था, लेकिन बढ़े भाव पर ग्राहकी का समर्थन नहीं मिल रहा है, जिस कारण बाजार फिर घट गया है। अभी एक सवा महीने शादिया नहीं होने वाली है, जिससे खपत घट जाएगी अतः ऊंचे भाव में व्यापार कम रहेगा। बीच-बीच में मौसम खराब की आड़ में सटोरियों मजबूत भी करते रहेंगे, लेकिन बिक्री के हिसाब से व्यापार करना चाहिए।

राजमा बाजार कुछ दिन टिके रहेंगे

राजमा का आयात लागत महंगा बैठने से कारोबारी एवं आयातक स्टाक के लिए माल नहीं मंगा रहे हैं, जो माल आ रहा है, वह बिकता जा रहा है। राजमां चित्रा का स्टाक ज्यादा नहीं है, लेकिन खपत के अनुरूप माल हल्के भारी कई किस्म के आ रहे हैं। पुणे, सतारा, वाई, खटाव लाइन में बिजाई अधिक होने से दो लाख बोरी से अधिक माल हल्का भारी माल आया है, जो बढ़िया माल को भी इस बार उठने नहीं देगा। इधर ब्राजील में राजमां चित्रा की बिजाई अधिक होने से उत्पादन भी जबरदस्त हुआ है। हालांकि पिछले दिनों बाजार वहां बढ़ाकर बोल रहे थे, लेकिन राजमां चित्रा में स्टॉक का व्यापार नहीं करना चाहिए।

देसी चना मौसम का प्रतिकूल प्रभाव

चालू सप्ताह के अंतराल राजस्थान, मध्य प्रदेश में बरसात होने से देसी चने की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है इस वजह से उत्पादकता में भारी कमी के आसार बन गए हैं। हालांकि पिछले 2 दिनों के अंतराल मुनाफावसूली की कव्वाली से देसी चना 5250/5275 रुपए पर 100 रुपए प्रति क्विंटल लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में रह गये हैं । एक सप्ताह से मौसम खराब का असर मध्यप्रदेश में खड़ी फसल की उत्पादकता पर पड़ गया है तथा भी बिजाई कम हुई है। राजस्थान में फसल बोई गई बढ़िया है, लेकिन बिजाई क्षेत्र में बहुत कमी हुई है। महाराष्ट्र में देसी चने की बिजाई क्षेत्रों काबुली चने की बिजाई अधिक किसानों ने किया है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव के चने में लाभ दिखाई दे रहा है

तुवर- करेक्शन के बाद फिर बढ़ेगी

रबी सीजन की तुवर बिहार, झारखंड, यूपी, मध्य प्रदेश सभी राज्यों में काफी कम है तथा वर्तमान के मौसम से तैयार फसल को नुकसान हो गया है। वहीं लेमन तुवर की आपूर्ति घटने से यहां लगातार तेजी का रुख बना हुआ था। अभी लेमन तुवर में 8300 रुपए प्रति क्विंटल पर 50 रुपए का करेक्शन आया है। चेन्नई में भी 8000 रुपए का व्यापार हुआ है। अभी भी बिके हुए मालों की डिलीवरी चल रही है, जिससे माल की कमी बनी हुई है। अतः थोड़ा करेक्शन के बाद फिर बाजार बढ़ जाएगा।

मूंग- अभी माल की कमी रहेगी

विदेशों से मूंग के आयात के कोई पड़ते नहीं लग रहे हैं। दूसरी ओर राजस्थान के अलावा और किसी भी राज्य की मूंग का स्टॉक नहीं है कर्नाटक का माल कुछ आया, लेकिन उसके बाद वहां माल की शॉर्टेज बन गई है, जिससे पड़ते महंगे हो गए हैं। महाराष्ट्र के अकोला, जलगांव, खामगांव लाइन की मूंग पहले ही तेज बिक रही है। हल्के माल से पिछले दो दिनों में कुछ आए हैं जिससे बाजार में करेक्शन आया है, लेकिन उसकी भी बिकवाली ज्यादा घटा करना नहीं हो रही है, जिससे बाजार तेज लग रहा
है।

उड़द- थोड़ी और तेजी की उम्मीद

उड़द का आयात पड़ता महंगा लग रहा है। दूसरी 35-40 कंटेनर मंदे भाव के चेन्नई में नीचे वहां पर बिके हुए हैं, वे सौदे निबटने मुश्किल हो गए हैं। इधर मौसम प्रतिकूल होने से रंगून की उड़द पड़ते में शिपमेंट नहीं हो रहे हैं, इन परिस्थितियों में उड़द के वर्तमान 8350 रुपए के भाव पर व्यापार लाभदायक लग रहा है। उड़द एफ ए क्यू के भाव भी 7700 रुपए बोलने लगे हैं। हार्जिर माल की उपलब्धि खपत के अनुरूप नहीं होने से बाजार आगे अभी और तेज लग रहा है।

मसूर और मंदे के आसार नहीं

मसूर की नई फसल एमपी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में आ चुकी है, लेकिन वहां की मंडियों में आवक नहीं बढ़ पा रही है। वहीं चौतरफा मौसम खराब चल रहा है, खेतों में खड़ी फसल को भारी नुकसान है तथा विदेशों के माल पड़ते में नहीं मिल रहे हैं। अभी हाल ही में कनाडा में 20-25 डॉलर प्रति न बढ़ाकर हाजिर शिपमेंट के भाव बोलने लगे, जिसके चलते दाल मिलों की बिल्टी वाले देशी माल में लिवाली 200 रुपए बढ़ गए थे। विदेशी माल में भी कुछ नई स्टॉकिस्ट लिवाली करने लगे हैं। सीजन के बढ़े हुए भाव पर मुनाफावसूली की बिकवाली आने से बाजार 100 रुपए घटकर बिल्टी में 6225 रुपए प्रति कुंटल रह गया है, लेकिन अब यहां से और घटने की गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है

सभी पाठकों व्यापारियों और किसान भाइयों से निवेदन है कि हम मार्केट की चाल के अनुसार रिपोर्ट बना रहे हैं आप व्यापार अपने विवेक से करें आपको होने वाले किसी भी लाभ और हानि की जवाबदेही हमारी नहीं होगी ।

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