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ग्वार ग्वार गम जीरा 🔥की बन्द बाजार तेजी मंदी रिपोर्ट

राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे

किसान भाइयों राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों (नोखा बीकानेर नागौर गंगानगर हनुमानगढ़ आदि)के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें हमारी कोशिश रहती है कि दिन भर होने वाली तेजी मंदीसे आपको अवगत करवाते रहें सीजन की शुरुआत हो चुकी है किस प्रकार आवक रही है किस प्रकार की क्वालिटी आ रही है सभी प्रकार की सूचनाएं आपको हमारी वेबसाइट पर मिलती रहेगी सभी प्रकार के भाव देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर विजिट करें,

http://www.mandibhavrajasthan.com

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सभी मंडियों के ताजा भाव

ग्वार में पिछले कई दिनों से तेजी लगातार बनी हुई है मार्केट अगर ₹100 टूट रहा है तो वहां से 200 का उछाल आ रहा है , परसों जब मार्केट बंद हुआ था उस समय हाजिर गम के भाव 13900 से ₹13950 थे जो आज रविवार को तेजी के साथ बढ़कर 14150 से 14200 तक व्यापार हुए जहां तक मेरी जानकारी है खरीदार सभी स्टॉकिस्ट है कितने टन का व्यापार हुआ यह जानकारी नहीं आई कल शनिवार को 150 टन का ही व्यापार हुआ,

वायदा बाजार ग्वार फरवरी जो ₹6440 बंद हुआ था वह अभी 6520 बताया जा रहा है ,यानी 80 रुपये तेज।

हाजिर ग्वार जोधपुर स्टॉकिस्ट 6300 6325 ( दामी पेड) खरीदार बताए जा रहे है

नोट यह केवल प्राइवेट धारणा है जरूरी नहीं है कि हमने जितनी तेजी बताई है उस हिसाब से मार्केट तेज खुले वायदा बाजार एक सट्टा है जिसमें ऑपरेटर जब चाहे ऊपर के सर्किट और नीचे के सर्किट लगा सकता है आज जो व्यापार हुआ हमने वही रिपोर्ट आपको दी है

जीरा में पिछले 1 महीने से लगातार तेजी का दौर जारी है आज भी जीरा मान कर चलो कि ₹600 तेज है कल वायदा बाजार में मार्च महीने के भाव ₹38000 एक बार दिखा सकता है ।

कल धनिया और केस्टड दोनों तेज रहने की सम्भवना ।

आज सारा दिन चली पश्चिमी शीतलहर संकेत दे गई है कि आज रात्रि तापमान शून्य की ओर इशारा करते नजर आ रहा है।

आभास तो अभी से ऐसा हो रहा है कि खड़ा पानी अवश्य जम जाएगा।
इस अवस्था में सरसों की फसल को काफी नुकसान होने का अंदेशा है। फलियां ले चुकी सरसों की फलियों में दाने उबल जाएंगे/मर जाएंगे। भरपूर फूलों पर जो फसल है उसके फूल इस भयंकर कोहरे से झड़ेंगे/नष्ट होंगे।
बागानों में फलों व सब्जियों के खेतों में इस समय की फसल बहुत कुप्रभावित होगी।

फसली क्षेत्र को पाले से बचाया जाना सम्भव नहीं हो सकता क्योंकि फसली दायरा बहुत बड़ा होता है अतः ढककर या आग जलाकर इसकी सुरक्षा नामुमकिन है।
“खेती खसमा सेती” यह कहावत केवल फसल के पालनपोषण पर सटीक बैठती हैं।प्रकृति के प्रकोप के आगे किसी तरह का भी कोई उपाय सम्भव नहीं। बस यहां तो यही कहा जा सकता है” राम भरोसे”
– केवल खेती की बातें 🌾❤️