दाल दलहन ग्वार बाज़ार भाव , चना तुवर गेहूं उड़द मूंग मसूर तेजी मन्दी भाव भविष्य

*दाल-दलहन बाजार…*

*देशी चना…अब तेज़ी की तैयारी में..*
देशी चने का उत्पादन कमजोर रहने के बावजूद वायदे में लगातार कुछ दिनों से सटोरियों भाव घटाकर बिकवाली चलने से बाजार बीते 3 माह के सबसे कमजोर स्तर पर आ चुके है। अब एक बार फिर इन कीमतों में व्यापार में कोई जोख़िम नही लग रहा है।
लॉरेंस रोड पर आवक घटने के बावजूद दाल मिलों की मांग 5125/5150 रूपए में व्यापार हो गया। अब इसमें जल्दी 200 रूपए का उछाल लग रहा है। दूरगामी परिणाम बहुत बढ़िया आने वाला है। नई फसल आने में लंबा समय बाकी है जबकि आयात अभी भी महंगा है।

*तुवर…अभी और तेजी की उम्मीद..*
बीते दिनों के आये हुए दलहनों के कंटेनरों पर कुछ आयाताकें द्वारा स्टे आर्डर लिया गया था, जो न्यायालय के अधीन चल रहा था, उस पर फैसला आ गया है। इसमें कहा गया है कि पीछे की तारीख के आए हुए सभी दलहनों के कंटेनरों को रिलीज नही किया जाये तथा इसे रि-एक्सपोर्ट करना पड़ेगा। यदि कोई आयातक माल बेचता है, ते उस पर 5 फीसदी की पेनाल्टी लग जायेगी। इससे 200 रूपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गयी है जबकि अभी और बढ़ने के आसार बन गये है।

*उड़द…संभली हुई कीमतों पर मुनाफाबसूली बेहतर बिकल्प..*
अभी नई फसल आने से पहले, माल की कमी चौतरफा मंडियों में बनी हुई है।
जानकारों के अनुसार, सरकार पोर्टल पर ब्यौरा देने के चलते अधिकतर कारोबारी अपना माल पहले ही काट चुके है, जिससे माल की कमी वास्तविकता में है। अतः दाल की बिक्री निकलते ही 100 रूपए प्रति क्विंटल की बढ़त इसमें बन चुकी है। अब इन कीमतों में बाजार स्टॉक का माल बेचते भी रहना चाहिए। आने वाली फसल भी बढ़िया होगी तथा उत्तर प्रदेश में आई हुई फसल धोया में जाने लगी है। बाजार तेज हो जायेंगे। निकट में बड़ी तेजी का व्यापार नही करना चाहिए।

*मूंग..ऊँची कीमतों पर मुनाफाबसूली बेहतर ..*
सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की मंडियों में 7196 रूपए प्रति क्विंअल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में मूंग की खरीद की जा रही है। इन सबके बावजूद उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड में तैयार फसल को देखते हुए तेजी की संभावना यहां से और नही लग रही है। वर्तमान में जो 200/300 रूपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गयी है। इन बढ़ी हुई कीमतों में माल को बेचकर निकल जाना चाहिए।

*मसूर…रूक-रूककर तेजी तेज़ी जारी रहने के आसार..*
बाजारों में रूपए की तंगी रहने से बिल्टी में मसूर मुंगावली व गंजबासौदा लाइन वाली 200 रूपए बीते दिनों में घट गयी थी, वह फिर से 200 रूपए बढ़कर 6650 रूपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गयी है।
कनाडा की मसूर बड़ी कंपनियों के हाथ में है, जिससे घटाकरव बिवकाली नही करेगी। इसका पड़ता पहले से ही महंगा लग रहा है। निकट भविष्य में कोई फसल आने वाली नही है। इन सारे समीकरण को देखते हुए रूक-रूककर मसूर में तेजी के आसार ही दिखाई दे रहे है।

*दलहन बाजार…*

*काबली चना…अभी और तेज़ी के आसार..*
काबली चने में मध्य प्रदेश और कर्नाटक की मंडियों में तेजी के चलते दिल्ली सहित उत्तर भारत के पड़ते नही लग रहे है। यहां पहले के आये माल मंदी कीमतों में कट रहे है।
आयातक भी मंदी कीमतों के माल में ज्यादा सौदे दूसरे देशों से नही कर रहे है।
नई फसल आने में लंबा समय बाकी है। इन परिस्थितियों को देखते हुए काबली चने में घटी हुई कीमतों में व्यापार करना चाहिए। इस माह के बाद बिक्री और बढ़ जायेगी।

*राजमा चित्रा..बेपड़ता आयात से तेज़ी के आसार ..*
राजमा चित्रा का आयात पड़ता महंगा होने से बीते दिनों की कीमतें 200 रूपए प्रति क्विंटल की दर्ज की गयी तेजी में उपभोक्ताओं की ज्यादा मांग नही है, लेकिन देशी-विदेशी किसी भी मंडियों से पड़ते नही लगने से माल उत्पादक मंडियों से कम आ रहा है। यही कारण है कि वर्तमान कीमतों के काबली चने में आगे चलकर अच्छी तेजी के आसार दिखाई दे रहे है। मुंबई में 116 रूपए प्रति किलो का व्यापार हो रहा है। वहां से आने वाला माल यहां 120 रूपए से कम नही पड़ेगा, जबकि यहां रूपए की तंगी रहने एवं ग्राहकी के अभाव में अभी भी 200 रूपए प्रति क्विंटल में बेपड़ते में व्यापार हो रहा है।

🌲👏 *꧁ जय श्री कृष्णा ꧂*👏🌲

*-: NCDEX की प्राइवेट धारणा :-*
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*तारीख 20 जून 2021, दोपहर 12:20 बजे*
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गुवार 15 से 20 तेज
गम 30 से 40 तेज
सरसों 90 से 100 तेज
सोयाबीन 80 से 100 तेज
कोकड़ो 20 से 30 तेज
केस्टर 30 से 40 तेज
चना 70 से 85 तेज

अभी विदेशी मार्केटों तेल तिलहनों पर ये धारणा है कल सुबह 9 बजे तक विदेशी बाजार में घटा बढ़ी हुई तो इंडिया मार्केट में धारणा में थोड़ी बहुत बदलाव हो सकती है ।

*।। राम राम जी ।।*
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*धान व अनाज बाजार…*

*बारीक चावल..साठी फ़सल में पोल की आशंका से तेजी संभव..*
उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल के तराई वाले क्षेत्रों में नये साठी धान की आवक घटने से शरबती एवं 1509 धान में 50/75 रूपए प्रति क्विंटल बढ़ जाने की खबरें आ रही है। यही कारण है कि बिक्री कमजोर रहने के बावजूद मंदी को विराम लग गया है तथा हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश के पुराने बासमती चावल तेज बोल रहे है।
वर्तमान में 1121 सेला चावल 5150 रूपए तथा 5900 रूपए से कम में बेचू नही आ रहे है। उसी तरह शरबती, 1509 एवं 1401 सहित सभी बासमती प्रजाति के धान व चावल में और तेजी के आसार बन गये है।

*गेहूं..कुछ सुधार की संभावना..*
सरकार द्वारा मुफ्त वितरण प्रणाली योजना के दौरान लगातार गेहूं विभिन्न राज्यों में सरकार द्वारा भेजा जा रहा है। जो पीएमजीकेएवाई योजना के दौरान जा रहा है। इन सबके बावजूद *सरकार द्वारा उत्पादन का 40 फीसदी से अधिक खरीद की जा चुकी है, इसलिये प्राइवेट सेक्टर की मंडियों में गेहूं की आपूर्ति किसानी माल की लगभग समाप्त हो गयी है।* अभी खपत के लिये पूरा वर्ष बाकी है तथा वैश्विक बाजारों में ऊंची कीमतों रहने से निर्यात भी लगातार हो रहा है। वर्तमान का मंदा स्टॉकिस्टों की बिवकाली से आया है, इसलिये थोड़ी सी ग्राहकी निकलते ही 50 रूपए बढ़ जायेगे।

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