तिल को बेचने में फायदा ,आ सकती है भारी मन्दी ,देखिए रिपोर्ट

» सफेद तिल के निर्यात में यूरोपियन यूनियन के साथ क्वालिटी
के बारे में प्रॉब्लम होने के बाद भारतीय तिल का निर्यात निरंतर
घट रहा है. फिलहाल यूरोपियन देशों में 100 से अधिक कंटेनर
भारत से रवाना हुए हैं, जो फिलहाल रास्ते में हैं. इन कंटेनरों
की पासिंग होती है या नहीं ? इससे भी भारतीय तिल के निर्यात
का भावी निश्चित होगा.
» ग्रीष्मकालीन तिल की बुवाई सौराष्ट्र में चालू वर्ष में बड़े पैमाने
पर बनने की रिपोर्ट मिल रही है. कम समय में तिल तैयार होने
से समय से पहले मानसून का डर किसानों को नहीं रहता. चालू
वर्ष में सफेद की तुलना में काले तिल की बुवाई अधिक होगी
क्योंकि किसानों को काले तिल का बहुत ही अच्छा भाव मिला है.
पश्चिम बंगाल में फिलहाल आलू की फसल खेत से निकल
रही है और ब्राउन तिल की बुवाई शुरू हो रही है. चालू वर्ष में
बीज की मांग को देखते हुए बंगाल में ब्राउन तिल की बुवाई
बड़े पैमाने पर होगी. सोइंग से हार्वेस्टिंग तक वातावरण अनुकूल
रहेगा तो बंगाल में ब्राउन तिल का कम से कम ढाई से 3 लाख
टन का उत्पादन होगा. साथ ही बंगाल में तीन-चार वर्षों तक
तिल का स्टाक करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.
इंटरनेशनल मार्केट में अफ्रीकन देशों में फिलहाल लॉजिस्टिक
और शिपमेंट की समस्या निरंतर बढ़ रही है. नाइजीरिया में
अक्टूबर-नवंबर में नई फसल आने के बाद शुरू हुआ शिपमेंट
मार्च शुरू होने के बावजूद अभी तक नहीं हो सका है. अक्टूबर
में 20 हजार टन के शिपमेंट की बुकिंग हुई थी, इसमें से सिर्फ
7 से 8 हजार टन का शिपमेंट हुआ है. सूडान और इथोपिया
से भी शिपमेंट ना हो सकने से फिलहाल दोनों देशों में तिल
का बड़ा स्टॉक पड़ा. सूडान में करेंसी फ्लकचुएशन का बड़ा
प्रॉब्लम है. साथ ही सूडान में अधिकृत और अनाधिकृत दो
प्रकार की करेंसी का चलन अधिक होने से निर्यात में समस्या
बढ़ रही है. बुर्किना फासो का 75 से 80 प्रतिशत तिल मार्केट।
में आ चुका है. अफ्रीका में तंजानिया और मोजांबिक की नई
फसल मई में आएगी. इंटरनेशनल मार्केट में सबसे बड़ा
फैक्टर गत वर्ष से ब्राजील का शामिल हुआ है. ब्राजील में गत
वर्ष 1 लाख टन तिल का उत्पादन हुआ था. ब्राजील में खेत
बहुत बड़े अर्थात 5 से 7 हैक्टर के होते हैं तथा ब्राजील में
ज्यादातर खेती मिकेनाइज होने से वहां उत्पादन बड़े पैमाने पर
मिल रहा है. ब्राजील की नई फसल जून-जुलाई में आएगी.
ब्राजील ने गत वर्ष इंटरनेशनल मार्केट में बहुत ही सस्ता अर्थात
880 डॉलर में तिल बेचा था. गत वर्ष ब्राजील के किसानों
को तिल का बहुत अच्छा भाव ना मिलने से इस वर्ष थोड़ा
उत्पादन घटने की धारणा है, लेकिन ब्राजील के नए तिल की
आवक जून में शुरू होने के बाद उसका इंटरनेशनल मार्केट
में असर दिखाई देगा.
» सफेद तिल का भाव फिलहाल शार्टेक्स का प्रति किलो ₹97
चल रहा है. मई महीने तक निरंतर भाव घटता रहेगा और मई
महीने तक में सफेद तिल में प्रति किलो 7 से 8 की मंदी
दिखाई देगी.
» काले तिल का भाव काफी समय से रेंजबाउंड अर्थात प्रति
किलो ₹150 के आस-पास चल रहा है. सौराष्ट्र में ग्रीष्मकालीन
बुवाई में काले तिल की बुवाई पूर्व के वर्षों की तुलना में काफी
अधिक होगी, इससे काले तिल की भारी फसल सौराष्ट्र में
आने की धारणा है. इंटरनेशनल मार्केट में म्यांमार के पास काले
तिल का बड़ा स्टॉक पड़ा है. म्यांमार में काले तिल की फसल
3 बार आती है. सितंबर -अक्टूबर के बाद नवंबर -दिसंबर
में भी काले तिल की फसल मार्केट में आती है. उसके बाद
जून-जुलाई में भी काले तिल की छोटी फसल मार्केट में आती
है. काले की बड़ी फसल और बड़े स्टाक के सामने पड़ी हुई
काली तिल का भाव मई महीने तक में प्रति किलो ₹10 से 15
घटने की संभावना है.