संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

United Kisan Morcha has rejected the MSP proposal of the Central Government.

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से कथित रूप से एमएसपी पर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव दिया गया है. किसानों का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर उन्हें पता चला है कि केंद्र सरकार A2+FL+50% के आधार पर एमएसपी पर अध्यादेश लाने की योजना बना रही है. किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

#farmerprotest

United Kisan Morcha has rejected the MSP proposal of the Central Government.

मार खाएंगे पर दिल्ली जरूर जाएंगे

किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार दिल्ली जाने के दौरान लाठियां चलाएगी तो हम मार खाने को भी तैयार हैं. अगर गोले दागे जाएंगे तो हम उसका भी डटकर सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अपने प्रस्ताव के जरिए सिर्फ हरियाणा और पंजाब के किसानों को ही देख रही है जबकि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों की विभिन्न फसलों के लिए है. धान पर भी सरकार एमएसपी देने को राजी हुई है, लेकिन पैदावार अपने अनुसार रखना चाहती है. यह बात किसानों को मंजूर नहीं है. किसानों ने सरकार को सोचने के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया है.

इन फसलों को भी किया जाए शामिल

किसानों ने कहा कि सरकार दालों, मक्का और कपास का उल्लेख कर रही है, लेकिन बाजरा और तिलहन के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. इन दोनों फसलों को भी शामिल करना चाहिए. अगर इन दोनों को शामिल नहीं किया गया तो हमें इसके बारे में दोबारा से सोचना होगा. भाकियू चढ़ूनी के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर 21 फरवरी तक सरकार नहीं मानी तो हरियाणा भी इस आंदोलन में शामिल हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की वार्ता में हरियाणा के सीएम को भी शामिल होना चाहिए. उनके शामिल न होने से हरियाणा के किसानों की मांगों की अनदेखी हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि जब पंजाब के मुख्यमंत्री वार्ता में शामिल हैं तो हरियाणा के क्यों नहीं हैं. हरियाणा के किसानों की मांगें भी पंजाब की तर्ज पर पूरी हों. वरना यहां के किसान भी पीछे नहीं रहेंगे. 

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