गर्मी से तपते उत्तर भारत में आंधी बारिश शुरू, आज से बढ़ेगी मौसमी हलचल।

गर्मी से तपते उत्तर भारत में आंधी बारिश शुरू, कल से बढ़ेगी मौसमी हलचल।

🔸पिछले एक सप्ताह से तप रहे उत्तर भारत के हिस्सों को आज मौसम परिवर्तन के चलते गर्मी से राहत मिली है। राजस्थान जहां तापमान 45°c से अधिक था वहीं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में जहाँ तापमान लगातार 40℃ से ऊपर बन पूर्वा हवाओं की वजह से बढ़ी आर्द्रता के कारण उमस भरी गर्मी का लोगों को सामना करना पड़ा।

🔸लेकिन जैसा कि पहले ही पूर्वानुमान में जताया गया था, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ ने कल से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित किया और मैदानों में हवा की दिशा बदलकर दक्षिण पश्चिमी हुई जो आज तपते पश्चिमी मैदानी भाग में स्थानीय गर्मी कारक से वातावरण में असंतुलन पैदा हुआ और हरियाणा सहित राजस्थान और दिल्ली के कुछ भागों में तेज आंधी के साथ तीव्र मौसमी गतिविधि: तेज बारिश, तेज हवा, गरज और ओलावृष्टि आदि दर्ज की गई, फिलहाल सभी जगह आंधी और बारिश नहीं हुई है क्योंकि फैलाव ज्यादा नहीं था लेकिन कल से बढ़ने वाला है।

🔸मौसम परिवर्तन का सिलसिला इस मध्य सप्ताह तक जारी रहेगा क्योंकि अब एक मध्यम दर्जे का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी प्रायद्वीप को प्रभावित करने को है;
•हवाएँ नम दक्षिण पूर्वी है।
•स्थानीय गर्मी कारक भी सक्रिय है।
•बीते दिनों तेज गर्मी का दौर देखा गया।

🔺लिहाजा 31 मई की देर दोपहर से 2 जून की रात तक मैदानी भागों में तीव्र मौसमी गतिविधि संभावित;
🔸तीव्र बारिश
🔸गरज के तूफान
🔸तेज आंधी/अंधड़*
🔸ओलावृष्टि
🔸वज्रपात
🔸चण्डवात

चूंकि यह प्री मानसून का समय है तो गतिविधियां अमूमन देर दोपहर या शाम के वक़्त से ही शुरू होंगी।

🔺31 मई को इन इलाकों में गतिविधियां संभव:

पंजाब: तरन तारन, लुधियाना, श्री अनंदपुरसाहिब, कपूरथला, रूपनगर, नकोदर, खन्ना, मनसा, चंडीगढ़, बरनाला, बठिंडा, संगरूर, मोगा, पटियाला, फाजिल्का, मुक्तसर, फिरोजपुर।

हरियाणा व दिल्ली एनसीआर: जींद, रोहतक, करनाल, कैथल, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, फतेहाबाद, सिरसा, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, दादरी, नारनौल, पलवल, होडल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूह चंडीगढ़ व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र।

राजस्थान: श्रीगंगानगर, नागौर, हनुमानगढ़, चुरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, अलवर, अजमेर, भरतपुर, करौली, हिंडौन, सवाई माधोपुर, बूंदी, दौसा, सूरतगढ़, बीकानेर, टोंक, पिलानी व आसपास का क्षेत्र।

उत्तर प्रदेश: नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नजीबाबाद, मेरठ, बरेली, अलीगढ़, हाथरस, मोरादाबाद, शामली, बदायूं, मुज्जफरनगर, आगरा, मथुरा व आसपास का क्षेत्र।

🔸तीव्र मौसमी गतिविधियों के चलते
•बिजली व संचार व्यवस्था में रूकावट
•बिजली के खंबो, हॉर्डिंग और पेड़ो के उखड़ने की संभावना
•शहरों में जलजमाव की स्थिति
• कच्चे मकानों को क्षति
•टीन जैसी धारदार व हल्की चीज़ों का उड़ना

हमारा मकसद लोगों को डराने का कतई नहीं है, बल्कि आगामी अपेक्षित तीव्र मौसम के बारे में लोगों को अवगत करा कर सचेत कराना है जो हम हमेशा से करते आए है।
अगले तीन दिन सावधान रहने के है कल रात चंडीगढ़ में भी काफी नुकसान हुआ था।

*आंधी/ अंधड़ केवल उन्हीं इलाकों में देखा जाएगा जहां आज बारिश या आंधी दर्ज नहीं की गई है, जिन इलाकों में आज आंधी चली है उन इलाकों में अब ज्यादा धूल उड़ने की संभावना नहीं है लेकिन तेज़ हवाओं के साथ बारिश की संभावना है।

*Monsoon update*:The season starts with very good premonsoon all over..monsoon declaration was on the cards.Normal monsoon onset happens on 1 June over Kerala but this year due to cyclone YaaS it took a major shift..most of the criteria of the onset were completed on 26 may itself as(I mentioned earlier about early onset) but than IMD didn’t declared,now on 30 may skymet a private weather forecast agency declared monsoon onset(2 onset criteria complete according to them at present)..but now a major paradoxical situation emerge where IMD is not declaring the Monsoon onset due less activities in Kerala regions..It is expected by IMD that rains will be active again from tomorrow evening in this region and than onset declaration will be done.
Now it’s high time for two major forecasting agency to maintain the sanity and avoid such confusion.. *Although it doesn’t have a major impact on overall rains or future forecast but this needs to be called out*.
Monsoon will progress soon in coming time with no major change in timeline according to me.
Let’s hope for the best

भारत मौसम वि. विभाग द्वारा केरल के ऊपर मॉनसून आगमन के लिए सभी तय मानकों का सतत विश्लेषण किया जा रहा है।

वर्तमान में सभी तय मानकों में से कुछ अनुकूल नहीं हैं, जैसे केरल के विभिन्न स्थानों में आज वर्षा में कमी और पछुवा पवनों का कमजोर पड़ना।

साथ ही, अपेक्षाकृत पछुवा पवनों की व्यापकता अभी भी वायुमंडल में 4.5 किमी की ऊँचाई तक नहीं है, जिससे केरल के ऊपर संवहनीय बादलों से होने वाली वर्षा में 1 जून तक तीव्रता के आसार नहीं हैं।

1 जून के बाद पछुवा पवनों में व्यापकता के साथ लगभग सभी परिस्थितियाँ अनुकूल होती दिख रही हैं, जो 3 जून को केरल के ऊपर मॉनसून प्रभावी होने की पूरी संभावना दर्शाता है।