Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon

अतिवृष्टि से हुई है हजारों बीघा ग्वार की फसल चौपट

पिछले दिनों हुई भारी बारिश चलते बीकानेर जिले के खाजूवाला इलाके में ग्वार की फसल चौपट होने की आशंका जताई जा रही है

खाजूवाला इलाके मे नरमा गुवार का बड़ा उत्पादन होता हैँ

अतिवृष्टि से हजारों बीघा फसल खराब

खानूवाला। क्षेत्र में सीजन की एक ही मूसलाधार बरसात ने तौबा तौबा करवा दी। खेतों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है लेकिन फसल खराबा को लेकर अभिकारी और सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। ऐसे में किसानों को सुध लेने वाला आखिर कौन होगा। किसानों का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री को फसल खराबे का जायजा लेना चाहिए तथा तुरंन्त प्रभाव से गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।

पूरे ग्रामीण क्षेत्र में भयंकर बरसात ने अपने रौद्र रूप से फसलों को पूरी तरह से चपेट में ले लिया है। नहरी क्षेत्र की फसले ग्वार, मी तथा नरमा को भारी नुकसान हुआ है। अगर लगातार इसी तरह से तेज धूप निकलती रही तो किसान के हाथ खाली ही रहेगें। पूर्व में नरमा का बिजान करते समय हल्की बरसात ने किसान का गणित बिगड़ दिया। काफी जगह तो दो-दो बार नरमा और मूंग का बिजान करना पड़ा। अब नहरी क्षेत्र में इतनी ज्यादा बरसात हुई है कि मूंग की फसल तो पानी में डूब ही गई है और दिखनौ ही बन्द हो गई है वहीं ग्वार और नरमा की फराल में जगा पानी से भारी नुकरान हो रहा है।

तेज बरसात के सामने किसान की समस्याएँ इस कदा बढ़ गई हैं कि चाहकर भी फसल को नहीं बचा पा रहे हैं। आखिर किसान इस पानी को निकालें तो कैसे

खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ ने जिला कलेक्टर से की बात

अतिवृष्टि से नुकसान को देखते हुए विशेष गिरदावरी पर चर्चा

बीकानेर । खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने रविवार को जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि से दूरभाष पर चर्चा करते हुए अतिवृष्टि के कारण खाजूवाला क्षेत्र की पाने में डूबों फसलों की विशेष ग्रिदावरी करवाने के लिए कहा। विधायक ने कहा कि शुक्रवार को आई बरसात के कारण खाजूवाला क्षेत्र की फसलों को भयंकर नुकसान हुआ है। किसानों को इस नुकसान का मुआवजा मिले, इसके नध्यनजर उन्होंने विशेष गिरदावरी करवाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को फैल्ड में भेजकर रिपोर्ट रीघ्र प्राप्त की जाए, जिससे किसानों को राहत दिलाई जा सके। विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने जिला कलेक्टर से बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों का सर्वे करवाते हुए इसकी रिपोर्ट मंगवाने की चर्चा की। उन्होंने कहा कि बरसात से घरों को हुए नुकसान का आकलन करवाते हुए नियमानु‌सार मुआवजा दिलवाया जाए

केवाईडी केजेडी, बीडी और पीएचएम क्षेत्र में मूंग की लगभग 7 से 8 हजार बीघा फसल को भारी नुकसान हुआ है। मूंग की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है तथा बदबू भी मारने लगी है ऐसे में किसानों को मूंग की फसल से कोई उम्मीद नहीं है। नहरी क्षेत्र में 10000 से 15000 बीघा में ग्वार की फसल थी जो मुसलाधार बरसात की भेंट चढ़ गई नयोंकि ज्यादात्तर जमीन पकी होने के कारण खेतों में पानी जमा है वहीं नरमा की फसल में भारी मात्रा में पानी जमा होने के कारण नरमा की फसल भी तबाह हो जायेगी।

उधर इलाके भर में तीसरा दिन बीतने के बावजूद भी किसानों के खेतों में पानने भरा होने तथा कच्चे मकान और दीवारें टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। अभी भी पूरे क्षेत्र में मानसून का वर्षा मौसम बना हुआ है, ऐसे में अगर इस क्षेत्र में और बरसात आती है तो काफी नुकसान होने की संभावना है।

किसानों का आरोप है कि क्षेत्र में इतनी ज्यादा तबाही होने के बावजूद भी प्रशासन का कोई भी अधिकारी किसानों की सुध लेने नहीं आया । नागरिकों के अपेक्षा है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को फील्ड में उतरकर वास्तविक सर्वे करवाना चाहिए जिससे कि क्षेत्र के गरीब किसान उबर राके।