
आज हम जानेंगे सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट सरसों भाव भविष्य 2023 ,चना भाव भविष्य 2023 ,मूंग भाव भविष्य 2023
आज जानेंगे नोखा नागौर मेड़ता बीकानेर फलोदी गंगानगर हनुमानगढ़ आदमपुर सिरसा राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव 2023 , मोठ भाव भविष्य 2023 मूंग भाव भविष्य 2023 ग्वार भाव भविष्य 2023 ग्वार गम भाव 2023 चना भाव भविष्य 2023 उड़द भाव भविष्य 2023
राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे ।
किसान भाइयों राजस्थान हरियाणा की प्रमुख मंडियों (नोखा बीकानेर नागौर गंगानगर हनुमानगढ़ आदि)के भाव देखने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें हमारी कोशिश रहती है कि दिन भर होने वाली तेजी मंदीसे आपको अवगत करवाते रहें सीजन की शुरुआत हो चुकी है किस प्रकार आवक रही है किस प्रकार की क्वालिटी आ रही है सभी प्रकार की सूचनाएं आपको हमारी वेबसाइट पर मिलती रहेगी सभी प्रकार के भाव देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर विजिट करें
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सभी मंडियों के ताजा भाव
AAJ KE MOTH BHAV 6 APRIL 2023
AAJ KE METHI BHAV 6 APRIL 2023
AAJ KE GUAR BHAV 6 APRIL 2023
AAJ KE SARSO BHAV 6 APRIL 2023
आज के इशबगोल भाव 6 APRIL 2023
आज के जीरा भाव 2023
AAJ KE JIRA JEERA BHAV 6 APRIL 2023
मोठ ग्वार तिल सरसों जीरा मूंगफली ईसबगोल मेथी गेहूं आदि के ताजा भाव
मूंग तेजी मंदी रिपोर्ट मूंग भाव भविष्य 2023
चना काबुली चना तेजी मन्दी रिपोर्ट चना भाव भविष्य 2023 , मोठ भाव भविष्य 2023 मूंग भाव भविष्य 2023 राजमा भाव भविष्य 2023 सरसों भाव भविष्य 2023
मोठ- शॉर्टेज में बाजार तेज रहेगा
राजस्थान की मंडियां तेज चल रही है, क्योंकि वहां बड़ी कंपनियां पड़ते में माल पहले से प्रतिस्पर्धात्मक मोठ की खरीद कर चुकी है, जिससे मोठ का बाजार 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया था। पाइपलाइन में माल कम है। दिल्ली मंडी में मंदे भाव के स्टाकिस्टों द्वारा माल पकड़ लिया है, जो उत्पादक मंडियों से माल नहीं मिलने से यहां बेच नहीं आ रहे हैं। अभी स्टाक दिल्ली में ज्यादा नहीं है, अतः अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में फिर बाजार तेज हो जाएगा।
सरसों खल : ज्यादा तेजी नहीं
पशु आहार वालों की मांग सुधरने तथा आपूर्ति घटने से सरसों खल के भाव 2550/2750 रूपए प्रति कुंतल बोले गए । बिकवाली घटने से उत्तर प्रदेश के मंडी में सरसों खल की कीमतों में तेजी _का रुख रहा। हाल ही में सरसों के भाव निचलेस्तर से 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गए आने वाले दिनों में आपूर्ति बढ़ने की संभावना को देखते हुए इसमें ओर तेजी की उम्मीद नहीं है बाजार 50/100 रुपए के उतार-चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है
बिनौला तेल: मंदा नहीं
वनस्पति घी निर्माताओं की मांग सुस्त पड़ने तथा हरियाणा-पंजाब की बिकवाली से बिनौला तेल के भाव 100 रुपए घटकर 10000 रुपए प्रति कुंतल रह गए। पंजाब की मंडियों में बिकवाली घटने से बिनौले के भाव 3500/3600 रूपए प्रति कुंतल टिके रहे। सप्लाई व मांग को देखते हुए इसमें मंदे की गुंजाइश नहीं लग रही है
राइसब्रान ऑयल:मंदे के आसार कम
विदेशी तेलों में नरमी का रुख होने तथा रिफाइंड व ब्लैंडिंग वालों की मांग सुस्त पड़ने से राइसब्रान आयल पंजाब के भाव 200 रुपए घटकर 8500 रूपए प्रति कुंतल रह गये। विदेशी तेलों में नरमी का रुख होने एवं सप्लाई को देखते हुए आने वाले दिनों में इसमें और घटने की संभावना नहीं है। बाजार 100 /200 रुपए के उतार-चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।
सरसों मजबूती की उम्मीद
देश के विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 10 लाख बोरी के लगभग होने तथा तेल मिलों की मांग घटने से लारेंस रोड पर सरसों के भाव 100 रुपए घटकर 5550/5600 रुपए प्रति कुंतल रह गये जफगढ़ मंडी लूज में इसके भाव 5100/5200 रुपए प्रति कुंतल बोले गए। जयपुर में भी उठाव न होने से 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 5800/5825 रुपए प्रति कुंटल रह गए। सप्लाई व मांग का देखते हुए इसमें मंदे के आसार नहीं लग रहे हैं
*राजमां चित्रा हल्के भारी माल की उपलब्धि भरपूर*
भूटानी एवं गन्ना माल की लगातार मंडियों में मुनाफावसूली बिकवाली होती रही, जिससे 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई। जो गन्ना माल 6500/6800 रुपए बिक गया था, उसके भाव 6200 / 6500 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। साफ किये हुए माल में भी इसी अनुपात में गिरावट दर्ज की गई, इसके प्रभाव से ब्राजील चाइना एवं इथोपिया के भाव भी नीचे आ गए तथा अभी कुछ दिन और घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
*काबली चना- भविष्य में अच्छी तेजी*
नया काबली चना महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं कर्नाटक में बिकवाली में आने लगा है, जिस कारण पिछले सप्ताह के बढ़े हुए भाव से थोड़ा बाजार सुस्त हो गए हैं। वास्तविकता यह है कि उत्पादक मंडियों में बढ़िया माल के लिवाली निर्यातक कर रहे हैं। दूसरी ओर इस बार कर्नाटक और आंध्रप्रदेश दोनों ही राज्यों में ऊंचे भाव चल रहे हैं, क्योंकि वहां पाइपलाइन में माल नहीं है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे होने से वहां के माल की कदर बढ़ गई है। इधर छोटे दाने का माल अकोला लाइन का आता था, वह भी इस बार काम आया है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव में थोड़ा करेक्शन के बाद फिर आगे चलकर बाजार बढ़ जाएग
देसी चना- यील्ड कमी से आगे तेजी
देसी चने की बिजाई महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में बहुत कम हुई है। दूसरी ओर विदेशों से कोई आयात पड़ता नहीं हैं, इसे देखते हुए आगे चलकर शॉर्टज की स्थिति बनी रहने की संभावना है। वर्तमान में देसी चने का स्टाक एवं आपूर्ति मंडियों में काफी घट गई है। कुछ बाहरी ट्रेड के कारोबारी जो तेजी मंदी के लिए माल रखे थे और फसल निकट को देखकर काटने लगे, जिससे एक _सप्ताह से बाजार 5325/5350 रुपए पर टिके हुए हैं। उत्पादक मंडियों से पड़ते बिल्कुल नहीं लग रहे हैं। इधर दाल मिलें स्टॉक के मामले में खाल चल रही हैं। नई फसल का कहीं कोई जोर नहीं दिखाई दे रहा है, पुराने माल पहले ही कट गए हैं। अत: जड़ में मंदा नहीं है
*तुवर सरकारी निगाह से तेजी
तुवर की तेजी पर सरकारी बैठकें पिछले सप्ताह जोरों पर रही तथा सरकार का निर्देश है कि सभी कारोबारी पोर्टल पर स्टाक को लोड करें। इस वजह से दहशत में कारोबारी बिकवाल आ गए हैं, जिससे माल की कमी के बावजूद बाजार घट गया है । कुछ दिन 50/100 रुपए और घटने के बाद बाजार फिर से तेज हो जाएगा। यहां लेमन तवर 8350 रुपए प्रति क्विंटल बोलने लगे हैं, जो ऊपर में 8800 रुपए बन गई थी तथा इन भावों में ग्राहकी नहीं है पक्के मालों में भी 200/300 रुपए की गिरावट आ गई है। अत: अभी स्टाक के लिए व्यापार करना चाहिए।
मूंग- अब बढ़े भाव में बेचिए
मूंग की नई फसल मध्यप्रदेश के खरगोन, होशंगाबाद लाइन में आने लगेगी। वहां फसल तैयार हो चुकी है, केवल मौसम खराब होने से मूंग की फसल में विलंब हुआ है तथा इतने ऊँचे भाव में दाल धोया एवं छिलका की बिक्री पूरी तरह ठप पड़ गई है। पिछले दिनों की आई तेजी के बाद हल्के माल प्रेशर से बिकवाली में आने लगे हैं। उधर सरकार की दहशत में बनी हुई है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए मूंग में अब तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए तथा वर्तमान भाव पर अपना माल बेच कर निकल जाना ज्यादा लाभदायक रहेगा।
*उड़द-बिकवाली का प्रेशर नहीं*
रंगून में उड़द के ऊंचे भाव चल रहे हैं, जिस कारण वहां के निर्यातक भाव बढ़ा कर बोल रहे हैं। यहां हाजिर माल की कमी बनी हुई है तथा निकट भविष्य में कोई उड़द आने वाली नहीं है, इन परिस्थितियों को देखते हुए उड़द घटने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं है। यहां उड़द के भाव 200/300 रुपए तेज लग रहे हैं। चेन्नई से हाजिर लोडिंग में पड़ता महंगा लग रहा है तथा यहां दाल मिलों तथा स्टाकिस्टों के पास माल नहीं है, जिससे बाजार अभी और तेज लग रहा है।
*मसूर धीरे-धीरे बाजार सुर्ख रहेगा*
पिछले दिनों मंडियों में बेमौसमी बरसात से आवक पूरी तरह ठप हो गई थी, जिससे 50/60 रुपए प्रति क्विंटल की क्वालिटी अनुसार माल में तेजी आ गई। मंडियों में आवक नहीं बढ़ने से बाजार यहां बिल्टी में 6250/6260 रुपए पर ठहर गया है। फिलहाल तेजी का व्यापार तो नहीं करना चाहिए, लेकिन मंडियों में आवक बढ़ने तक बाजार कुछ दिन यहां टिक रहेंगे, उसके बाद फिर बाजार बढ़ना शुरू होगा तथा जड़ में मंदा नहीं है। इधर विदेशी मसूर का स्टाक भारतीय बंदरगाहों पर खपत के अनुरूप नहीं है तथा अभी लगातार रुक-रुक कर आयातकों के माल के भाव बढ़ रहे हैं, क्योंकि कनाडा में हाल ही में 25-30 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। मुंदड़ा बंदरगाह का माल दिल्ली पहुंच में 6150 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बोल रहे हैं।