Rajasthan News: राजस्थान की सभी कृषि उपज मंडियों में इस सोमवार से कृषि मंडी शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई है। पहले जहां यह शुल्क आधा प्रतिशत था, अब इसे बढ़ाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से किसान और व्यापारी दोनों ही वर्गों में नाराजगी है। कल रात्रि सरकार और व्यापारियों के बीच सहमति बन गई इसलिए हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है मंडियां खुली रहेगी
चार दिवसीय व्यापार बंद का ऐलान
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने मंगलवार से चार दिनों तक व्यापार बंद की घोषणा की है। इस बंद के दौरान वे कृषि मंडी शुल्क में की गई इस बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे हैं। संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि इस बढ़ोतरी से व्यापारी समुदाय पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
मांगों का पुलिंदा
व्यापार संघ ने सरकार से कई मांगें की हैं। इनमें कृषक कल्याण फीस को समाप्त करना, मंडियों के बाहर और भीतर एक कर वसूलना और व्यापार संघ के भवन के लिए आवंटित भूखंड पर सरकार द्वारा मांगी जा रही एक प्रतिशत वार्षिक लीज मनी की मांग को समाप्त करना शामिल है।
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उद्योग और कृषि मंडी की मांगें
गुप्ता ने उद्योग और कृषि मंडी के संबंध में भी कई प्रस्ताव रखे हैं। उन्होंने मांग की है कि पुरानी औद्योगिक इकाईयों को भी नई इकाईयों की तरह रियायतें प्रदान की जाएं। वे चाहते हैं कि जयपुर सिटी के चारों ओर हाईटेक एरिया विकसित किया जाए और उद्योगों को बिजली भी समय पर और पूरी मात्रा में मिले।
औद्योगिक विकास के लिए सुझाव
गुप्ता ने सुझाव दिया है कि कृषि उत्पाद की मंडियों को उस क्षेत्र की पैदावार के अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में विकसित किया जाए। इससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा और स्थानीय उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग हो सकेगी।
चुनौतियां और समाधान
गुप्ता ने जीएसटी के संबंध में भी कई समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया है, जैसे कि फर्जी बिलों की समस्या, जीएसटी इनपुट मिलान की प्रक्रिया और जीएसटी अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया। वे चाहते हैं कि इन सभी मामलों में अधिक लचीलापन और पारदर्शिता लाई जाए।