ग्वार गम किसानों और व्यापारियों ने सरकार से मांगी मदद, मुख्यमंत्री से लगाई ये गुहार

Rajasthan News: राजस्थान के प्रमुख जिलों में शुमार जोधपुर न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन के लिए विख्यात है, बल्कि यह औद्योगिक नगर के रूप में भी देश-दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। ग्वार गम, हैंडीक्राफ्ट और स्टील उत्पादन में यह शहर निर्यात के मामले में सदा अग्रणी रहा है। हालांकि हाल के वर्षों में बदलते टैक्स पैटर्न के कारण जोधपुर के उद्योग जगत पर गहरा प्रभाव पड़ा है खासकर ग्वार गम उद्योग पर।

ग्वार गम उद्योग पर टैक्स की मार

ग्वार गम उद्योग जो कि जोधपुर के लिए एक प्रमुख आय का स्रोत रहा है, आज बढ़ते टैक्स के चलते संकट में है। हाई कराधान (tax) ने न केवल उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की है, बल्कि स्थानीय उद्यमियों और किसानों को भी अपना माल पड़ोसी राज्यों में बेचने के लिए विवश कर दिया है, जहां टैक्स दरें कम हैं। यह स्थिति जोधपुर की आर्थिक स्थिति के लिए चिंताजनक है क्योंकि इससे रोजगार के अवसरों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।

आगामी बजट से उम्मीदें

10 जुलाई को पेश किए जाने वाले राज्य बजट से जोधपुर के ग्वार गम उद्योग को बड़ी उम्मीदें हैं। उद्योग जगत और किसान समुदाय आशा कर रहे हैं कि सरकार टैक्स में छूट देकर इस परेशानी का समाधान निकालेगी। यदि समय रहते उचित कदम उठाए गए तो न केवल ग्वार गम उद्योग बच सकता है, बल्कि इसे फिर से पुनर्जीवित भी किया जा सकता है।

किसानों और व्यापारियों की दुर्दशा

जोधपुर के किसान और व्यापारी आज भारी कर प्रणाली की मार झेल रहे हैं। हाई टैक्स रेट्स के चलते वे अपने उत्पाद पड़ोसी राज्यों में बेचने के लिए मजबूर हैं, जहां टैक्स रेट कम हैं। इससे न केवल स्थानीय उद्योग प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि राजस्व में भी गिरावट आ रही है।

मुख्यमंत्री से आग्रह

राजस्थान ग्वार गम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव श्रेयांश मेहता ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर टैक्स दरों में राहत प्रदान करने की मांग की है। मेहता का कहना है कि अगर राज्य सरकार ग्वार गम उद्योग के लिए टैक्स में छूट प्रदान करती है, तो इससे उद्योग को नया जीवन मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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