राजस्थान सरकार ने हाल ही में 19 नए जिलों की स्थापना की थी, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इन जिलों की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी ललित के पंवार करेंगे, जिससे इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कुछ जिले रद्द भी किए जा सकते हैं।
जिलों की समीक्षा की आवश्यकता
नवगठित जिलों में से कुछ ऐसे हैं जो सीमांकन और आबादी के मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। इस कारण से सरकार ने पंवार समिति को इन जिलों की गहन समीक्षा का जिम्मा सौंपा है। समिति जिलों की व्यवहार्यता, आवश्यकता और भौगोलिक पहलुओं की पड़ताल करेगी।
संभावित परिवर्तन और उनके प्रभाव
सूत्रों के अनुसार करीब 12 जिले ऐसे हैं जो मौजूदा मानदंडों पर फिट नहीं बैठते। इसमें दूदू, खैरथल-तिजारा, शाहपुरा, सांचौर, डीग, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, सलूम्बर, नीमकाथाना, केकड़ी, अनूपगढ़ और फलोदी जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों की समीक्षा से यह तय होगा कि इन्हें बनाए रखा जाए या नहीं।
पंवार समिति का कार्यक्षेत्र और उद्देश्य
पंवार समिति का मुख्य उद्देश्य नवगठित जिलों के गठन पर पुनर्विचार करना है। यह समिति उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समीक्षा से यह सुनिश्चित होगा कि प्रदेश में जिलों की संख्या और उनकी सीमाएं वास्तविक जरूरतों और संसाधनों के अनुरूप हों।