Floating WhatsApp Button WhatsApp Icon

Rajasthan Barish: अगले 24 घंटो में राजस्थान के इन जिलों में मानसून करेगा एंट्री, इन जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी

Rajasthan Barish: अगले 24 घंटो में राजस्थान के इन जिलों में मानसून करेगा एंट्री, इन जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारीभारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सैटेलाइट के द्वारा ली गई एक तस्वीर की मदद से मॉनसून की ताजा जानकारी दी है। आईएमडी के मुताबिक आज दोपहर से देश के कई राज्यों में गरज और बिजली के साथ हल्की से भारी बारिश हो सकती है। मॉनसून की उत्तरी सीमा विभिन्न भागों से होकर गुजर रही है, जिसमें मुंद्रा, मेहसाणा, उदयपुर जैसे स्थान शामिल हैं।

विस्तृत भौगोलिक प्रभाव

मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि उत्तरी अरब सागर, गुजरात, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों और अन्य कई राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है। इस कारण उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों में भी अगले 3-4 दिनों में भारी वर्षा की संभावना है।

अगले 5 दिनों का मौसम पूर्वानुमान

आईएमडी के अनुसार अगले पांच दिनों में गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और अन्य कुछ राज्यों में 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएँ चलेंगी और बारिश होगी। सौराष्ट्र और कच्छ में भी भारी वर्षा की उम्मीद है। तेलंगाना, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी हल्की से मध्यम वर्षा होगी।

बिहार और पश्चिमी मध्य प्रदेश पर विशेष ध्यान

विशेष रूप से बिहार और पश्चिमी मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिनों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बिहार में तो 29 जून तक बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।

राजस्थान में मॉनसून का आगमन

राजस्थान में मॉनसून के पहुंचने की खबर है। मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून ने उत्तरी अरब सागर और गुजरात के साथ-साथ राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों को भी छू लिया है। अगले 24 घंटों में कोटा और उदयपुर संभाग के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।

उत्तर भारतीय राज्यों में बारिश

उत्तर भारत के राज्यों में भी मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना जताई है। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में 28 और 29 जून को गरज के साथ बारिश हो सकती है। इन राज्यों में चलने वाली हवाओं की गति 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, जिससे बारिश की तीव्रता में इजाफा हो सकता है। यह मौसमी परिवर्तन किसानों के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि यह खेती के लिए अनुकूल स्थितियां प्रदान करता है।