इनकम टैक्स के सेक्शन 43B में नया प्रावधान(NEW PROVISION IN SECTION 43B OF INCOME TAX) (04/03/2024)

इनकम टैक्स के सेक्शन 43B में नया प्रावधान

(NEW PROVISION IN SECTION 43B OF INCOME TAX

04/03/2024

1. यह प्रावधान (PROVISION) सभी प्रकार के संस्थानों पर लागू होगा जिनका मुख्य व्यवसाय व्यापार है।

2. यह संशोधन 01.04.2023 यानि वित्त वर्ष 2023-2024 (निर्धारण वर्ष 2024-2025) से लागू होगा।

3. किसी भी व्यापारी को माल / सर्विस के बिल का भुगतान 15 दिन के अन्दर करना होगा। अगर सप्लायर MICRO ENTERPRISES* या SMALL ENTERPRISES* हो तो । (REGISTERED UNDER THE MSMED ACT)

4. अगर दोनों व्यापारियों के बीच में लिखित एग्रीमेंट हो (चाहे एग्रीमेंट 45 दिन से ज्यादा भी हो) तब भी यह समय सीमा 45 दिन से अधिक नही हो सकती ।

5. यदि उपरोक्त सप्लायर (MICRO ENTERPRISES / SMALL ENTERPRISES) के बिल का भुगतान उपरोक्त समय पर नही किया जाता तो उस बिल का अमाउंट व्यापारी की आय में जुड़ जायेगा और उस अमाउंट की छूट व्यापारी को उस साल में मिलेगी जिस साल में उस बिल का भुगतान किया जायेगा।

6. यह नियम सभी CREDITORS पर भी लागू होगा

7. अगर CREDITORS 01.04.2023 से भी पहले है किंतु Financial Year 2023 – 2024 (31.03.2024) समाप्त होने से पहले भुगतान कर दिया जाता है तो ऐसे case में उसका deduction इसी वर्ष में मिल जायेगा और इसका आय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

8. जिन CREDITORS का बैलेंस 31.03.2024 की BALANCE SHEET में आयेगा उन सब पर यह नियम लागु होगा।
9. उदहारण के लिए :

क्रमांक

1  DATE OF PURCHASE

PAYMENT DATE

REMARKS

15.02.2024

31.03.2024

इस केस में छूट मिल जाएगी

15.02.2024

01.04.2024

इस केस में छूट नहीं मिलेगी

3

15.03.2024

31.03.2024

इस केस में छूट मिल जाएगी

4

15.03.2024

01.04.2024

इस केस में छूट नहीं मिलेगी *

क्रमांक 4 के लिए यदि WRITTEN CONTRACT 45 दिन या उससे ज्यादा का है तो 29.04.2024 तक भुगतान करने पर छूट मिल जाएगी। इसी प्रकार 16.02.2024 को आये बिल का भुगतान 01.04.2024, 17.04.2024 को आये बिल का भुगतान 02.04.2024 (और आगे भी इसी प्रकार) कर देना पड़ेगा। अन्यथा इस बिल की अमाउंट आय में जुड़ जायेगी और उस पर टैक्स लगेगा।

10.

अतः इस नियम से बचने के लिए 15.02.2024 तक आये सभी बिलों का भुगतान 31.03.2024 तक हो जाना आवश्यक है जिससे वो अमाउंट बैलेंस शीट में न आये।

11.

यदि Income Tax Scrutiny के दौरान आयकर विभाग के cross confirmation से यह पता चलता है की आपका Supplier Micro या Small unit है और उसका payment Time limit के बाद में किया है तो वह उस समय भी Outstanding payment को Income में Add कर सकता है और उस अमाउंट पर पेनल्टी भी लगेगी।

MICRO ENTERPRISE का अभिप्राय ऐसी फ़र्म से है जिसका Plant and Machinery में Investment 1 Crore से ज्यादा नहीं हो और टर्नओवर 5 Crore से ज्यादा नहीं हो, और वह ENTERPRISES मैन्युफैक्चरर / सर्विस प्रोवाइडर हो।

SMALL ENTERPRISE का अभिप्राय ऐसी फ़र्म से है जिसका Plant and Machinery में

Investment 10 Crore से ज्यादा नहीं हो और टर्नओवर 50 Crore से ज्यादा नहीं हो, और वह

ENTERPRISES मैन्युफैक्चरर / सर्विस प्रोवाइडर हो।

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