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Jeera Teji Mandi Report जीरा तेजी मंदी रिपोर्ट 2024 आज का जीरा भाव today
जीरा :तेजी के व्यापार से बचे,कीमत घटने के आसार।
25 फरवरी (MBR न्यूज़)वर्षा के कारण राजस्थान में जीरे की फसल को नुकसान होने का डर है लेकिन गुजरात के ऊंझा मंडी में जीरे की आवक और बढ़ी है क्योंकि धीरे धीरे बाजार में तेजी से व्यापारियों का रुझान नए अराइवल की कीमत मिलने से बढ़ने लगी है क्योंकि बीते सप्ताह के आरंभ में राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर आदि जैसे क्षेत्रों में वर्षा हुई। व्यापारिक सूत्रों ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा व्यक्त किए गए अनुमान के अनुरूप हुई इस वर्षा की वजह से जारे को फसल को नुकसान होने का डर है। यही वजह है कि उंझा में जीरे की आवक और बढ़ने के बाद भी इसकी थोक कीमत में तेजी जारी रही।
पिछले दिनों आई तेजी के बाद लिवाली सुस्त पड़ने से स्थानीय थोक किराना बाजार में जीरा सामान्य 26,500/27,700 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर रुका रहा।
इसे मिलाकर हाल ही में इसमें करीब 500-600 रुपए की तेजी आ चुकी है। व्यापारियों का कहना है कि राजस्थान के कुछ उत्पादक क्षेत्रों में बेशक जीरे की फसल को नुकसान होने का डर बताया जा रहा है और ऊंझा में आवक भी बढ़ती जा रही है। फिर भी वहां से बाजर कीमत में तेजी के समाचार आ रहे हैं।
बहरहाल, ऊंझा मंड़ी स्थित व्यापारीयों ने बताया कि मौसम विभाग ने पिछले सप्ताह अनुमान जताया था कि नए सप्ताह के आरंभिक कारोबारी दिन से लेकर तीन दिनों तक राजस्थान समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में वर्षा होने और ओले भी पड़ने की आशंका है। विभाग के इस अनुमान के अनुरूप ही राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर आदि जैसे उत्पादक क्षेत्रों के साथ-साथ कई अन्य हिस्सों में भी चालू सप्ताह के आरंभिक कारोबारी दिन वर्षा हुई।
अभी नवीनतम वर्षा के नकारात्मक असर की पुष्टि होने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा।
उन्होंने आगे बताया कि इस वर्षा की वजह से इन क्षेत्रों में जीरे की फसल को हानि होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि अभी नवीनतम वर्षा के नकारात्मक असर की पुष्टि होने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। इसके बाद भी मंड़ी में जीरे की थोक कीमत में मजबूती का रुख जारी है।
व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि इस वर्षा का असर दोतरफा होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे बताया कि नवीनतम वर्षा के कारण जहां आदर्श समयावधि के बाद बोई गई फसल को फायदा होने की संभावना है, वहीं इस अवधि से पूर्व बोई गई फसल को कुछ हानि हो सकती है।
हालांकि संभावित नुकसान की वास्तविकता आंकलन के बाद ही सामने आ पाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि हमारी मंड़ी में नए जीरे की आवक और बढ़कर आज करीब 17-18 हजार बोरियों की हुई। नवीनतम आवक पिछले कुछ दिनों की तुलना में ऊंची होने के बाद भी ‘जीएल गुलाब’ जीरा 50 रुपए और तेज होकर 6000/6050 रुपए प्रति 20 किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गया। ‘गणेश’ जीरा 6100/6150 रुपए प्रति 20 किलोग्राम पर 100 रुपए तेज हुआ।
सूत्रों ने आगे बताया कि जीरे की आवक बढ़ने का समय चल रहा है और उम्मीद है कि चालू फरवरी महीने के अंत तक ऊंझा मंड़ी में जीर की आवक बढ़ती हुई 30 हजार बोरियों के दैनिक स्तर को छू सकती है। हालांकि अभी जीरे की थोक कीमत मजबूत ही बनी हुई है और इसमें फिलहाल मजबूती ही बनी रहने की उम्मीद भी हैं लेकिन आवक बढ़ती हुई जैसे ही 30 हजार या इससे अधिक बोरियों की होने लगेगी तो बाजार की धारणा में बदलाव होना स्वाभाविक होगा।
जीरा के एक्सपोर्ट आंकड़े मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार
बीते सीजन के दौरान घरेलू बाजारों में जीरे की कीमत रिकॉर्डतोड़ ऊंचे स्तर पर जा पहुंचने का इसके निर्यात पर नकारात्मक असर हुआ है। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-नवम्बर अवधि में देश से 3481.56 करोड़ रुपए कीमत के कुल 93,502 टन जीरे का निर्यात हुआ है।
एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 1,33,291 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 2836.88 करोड़ रुपए की आय हुई थी।इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मात्रा के आधार पर जीरे के नवीनतम निर्यात में 29.85 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि आय 22.72 प्रतिशत उछल गई। इससे यह भी पता चलता है कि जीरे का मात्रात्मक निर्यात बेशक करीब एक तिहाई लुढ़क गया लेकिन इसके बाद भी आय में नवीनतम वृद्धि हुई है।व्यापारियों का मानना है कि आवक में दिनोंदिन होती जा रही वृद्धि की वजह से जल्दी ही बाजार की धारणा में बदलाव होने के आसार हैं। अतः व्यापारियों को जीरे का कारोबार बहुत सावधानी के साथ करना चाहिए।