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चना भाव मे और तेजी आएगी या होंगी मुनाफावसूली, जानिए चना तेजी मंदी रिपोर्ट

आज जानेंगे चना भाव की तेजी और मंदी रिपोर्ट।चना तेजी मंदी रिपोर्ट |उत्पादक मंडियों में आवक टूट जाने से देसी चने में नीचे के भाव से 1100 रुपए प्रत्ति किंटल की तेजी आ गयी है, लेकिन इन भावों में उत्पादक मंडियों से माल मिलना मुश्किल हो गया है, इसे देखते हुए 8500 रुपए पार कर जाने की संभावना दिखाई दे रही है।

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देसी चना:मुनाफावसूली सर्वोत्तम ।

देसी चना:मुनाफावसूली सर्वोत्तम ।

19 अगस्त (MBR न्यूज़)उत्पादक मंडियों में आवक टूट जाने से देसी चने में नीचे के भाव से 1100 रुपए प्रत्ति किंटल की तेजी आ गयी है, लेकिन इन भावों में उत्पादक मंडियों से माल मिलना मुश्किल हो गया है, इसे देखते हुए 8500 रुपए पार कर जाने की संभावना दिखाई दे रही है।


देसी चने में आई तेजी को देखकर सरकार द्वारा डेढ़ महीने पहले थोक व्यापारियों के लिए 200 टन की स्टॉक सीमा लगा दी गई है, इसकी दहशत में लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में गिरकर पिछले महीने नीचे में 6850 रुपए रह गया था, लेकिन इन भावों पर दाल मिलों को माल नहीं मिलने तथा उत्पादक मंडियों में आवक टूट जाने से पुनः उछलकर 7900 रुपए प्रति कुतल यहां खड़ी मोटर में पहुंच गया है।

वास्तविकता यह है कि मध्य प्रदेश के इंदौर ग्वालियर भोपाल बीनागंज आदि उत्पादक मंडियों में देसी चने को आवक पूरी तरह टूट गई है।

चना तेजी मंदी रिपोर्ट

महाराष्ट्र में 2 माह पहले ही माल आना काफी कम हो गया था, वर्तमान में केवल राजस्थान के शेखावाटी नोहर भादरा सवाई माधोपुर तारानगर सरदारशहर आदि उत्पादक मंडियों से ही माल आ रहा है, लेकिन वहां भी आवक टूट जाने से दिल्ली के पड़ते काफी ऊंचे लग रहे हैं।

सरकार की दहशत से यहां 20- 25 दिनों के अंतराल स्टॉक के माल कारोबारी घटाकर बेच गए थे, क्योंकि सरकार पोर्टल पर स्टॉक प्रत्येक शुक्रवार को लोड करने की बात कही है।

गौरतलब है कि देश में देसी चने की खपत 120 लाख मैट्रिक टन की है, जबकि कुल उत्पादन 70-75 लाख मीट्रिक टन मुश्किल से व्यापारिक अनुमान है, वहीं सरकारी उत्पादक अनुमान 115-120 लाख मीट्रिक टन के आसपास आया था, जो कि मंडियों में आपूर्ति एवं स्टाक को देखकर यह अनुमान व्यापारियों के दिमाग से परे लग रहा हैकाफी अधिक लग रहा है।

इधर दिल्ली-एनसीआर में चने का ज्यादा स्टॉक नहीं है। दूसरी ओर स्टॉक सीमा की दहशत में काफी माल निकल चुके हैं, इस वजह से वर्तमान भाव के देसी चने में और घटने को गुंजाइश नहीं है।

सरकार द्वारा 200 टन की स्टॉक सीमा लगाई गई है, जबकि सामान्य व्यापारी एक दिन में ही 100 टन माल बेच जाते हैं, इस स्थिति में यदि स्टॉक सीमा नहीं बढ़ाई गई तो, पाइपलाइन में माल धीरे-धीरे निपट जाएंगे। सरकार को दहशत से मंदे में एक बार औने-पौने भाव में माल कट चुके हैं, जिससे देसी चना शॉर्टज में आ चुका है।

यही कारण है कि बाजार 7900 रुपए खड़ी मोटर में हो गया है तथा आपूर्ति में कमी को देखते ही 8500 बन सकता है। इन सबके बावजूद भी इन बढ़े भाव में मुनाफावसूली भी लेते रहना चाहिए क्योंकि सरकार का कुछ पता नहीं है, कब नेफेड मंदे भाव में बेचने लगे।

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डिस्क्लेमर :- मंडी भाव rajasthan.com पर दी जाने वाली जानकारी हमारे स्रोत से प्राप्त डाटा के हिसाब से दी जाती है आप व्यापार अपने विवेक से करें आपको होने वाले लाभ और हानि के प्रति हमारे जवाबदारी नहीं रहेगी ।