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सरकार अलर्ट पर : फर्जी बिल के माध्यम से मंडी टैक्स चोरी करने वालों पर नकेल कसेगी सरकार

फर्जी बिलों के माध्यम से व्यापारियों द्वारा मंडी टेक्स,  कृषि कल्याण शुल्क चोरी करने का सिस्टम काफी लंबे समय से राजस्थान में चल रहा है, जिस वजह से कृषि उपज मंडियो में मंडी टैक्स रेवेन्यू लगातार घट रहा है। लगातार आ रही है शिकायतों की वजह से राजस्थान सरकार ने सभी मंडी सचिवों को ट्रेडिंग करने पर सभी लाइसेंस धारी व्यापारियों के मंडी शुल्क संबंधी कार्यों की  जानकारी मांगने के आदेश दिए हैं ।

हरियाणा से बड़ी मात्रा मे आये नोटिस

विगत कुछ दिनों से राजस्थान की कृषि उपज मंडियो में हरियाणा की ग्वार गम फैक्ट्री द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं। हरियाणा में हर साल लाखों बोरी राजस्थान की प्रमुख के माध्यम से खरीद होती है। कुछ व्यापारियों द्वारा लगातार फर्जी बिल के माध्यम से मंडी टैक्स को चोरी किया जा रहा है। जिसको देखते हुए हरियाणा की ग्वार गम फैक्ट्री की तरफ से नोटिस कृषि उपज मंडियो में आ रहे हैं जिस फर्म द्वारा खरीद की गई है उसके द्वारा मंडी टेक्स जमा करवाया है या नहीं उसकी पूरी जानकारी मांगी जा रही हैं।

हरियाणा की बड़ी फैक्ट्री द्वारा जानकारी मांगने के बाद राजस्थान के फैक्ट्री वालों ने भी व्यापार करने वाली फर्म के संबंध में जानकारी उक्त मंडी और मंडी सचिव कार्यालय में प्रेषित की है, और मंडी शुल्क जमा के बारे में जानकारी मांगी है।

मंडी टेक्स चोरी कैसे होती हैं?

अधिकतर मामलों में देखा गया है की मंडी टैक्स चोरी नों जीएसटी आइटम पर हो रही है, राजस्थान की मंडियो में मंडी शुल्क 1.60% और कृषि कल्याण शुल्क.50% है। साधारण भाषा में यह हुआ की मंडी में आए हुए माल को जब भी कोई व्यापारी खरीदता है तो उसको उसे माल पर 1. 60 परसेंट मंडी टैक्स पॉइंट 50 % कृषि कल्याण शुल्क देना होता है, इसके अलावा आढ़त भी देनी होती हैं। 

कुछ व्यापारी लोग जो गांव से माल खरीदते हैं और ग्वार गम मिलर को मंडी टैक्स पैड का बिल दे देते हैं, इसके एवज मे किसी तरह की कोई विक्रय पर्ची भी नहीँ काटी जाती। यानी फर्जी फर्म द्वारा लेनदेन होता हैं जिसे थोड़े दिनों बाद बंद कर दिया जाता हैं। जो भी मंडी टेक्स मिलता हैं  उसे गबन कर दिया जाता हैं। 

बीकानेर चूरू जोधपुर मे बड़े स्तर यह फ्रॉड हो रहा है,बीकानेर मे ₹20 प्रति क्विंटल के हिसाब में मंडी टैक्स पैड का बिल उपलब्ध हो जाता है।  सरदारशहर चूरू पल्लू से बड़ी मात्रा में बीकानेर और नोखा में मोठ भेजे जा रहे हैं जिनमें भी मंडी टैक्स पैड के बिल होते हैं। अधिकतर फर्म फर्जी बिलों का इस्तेमाल करती है। 

कुछ व्यापारिक फॉर्म केवल फ्रॉड के लिए ही बनाई जाती है। उनका काम कच्चे मे माल खरीदकर फैक्ट्री वालों को मंडी टैक्स पैड का बिल देना होता है।

अगर आपको इस जानकारी में किसी तरह का संसय है तो आप अपने मंडी कार्यालय  में जाकर जरूर संपर्क कर लेवे इस तरह के नोटिस सभी मंडियो में पहुंच गए हैं,  देर सवेरे फ्रोड काम करने वालों के पास भी मैसेज पहुंच जाएंगे l


राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान कृषि उपज मण्डी संशोधन अधिनियम 2022 द्वारा कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1961 की धारा 17, 17 (क) तथा नवीन धारा 17 (ख) अंतः स्थापना के संबध में जारी विधि विभाग (ग्रुप-02) की अधिसूचना द्वारा संशोधन किया गया है

कृषि उपज मण्डी समिति ( अनाज ) भगत की कोठी, जोधपुर के सचिव दुर्गा राम जाखड़ ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार अब व्यापारियों को मंडी से बाहर व्यापार करने पर भी मंडी शुल्क के साथ कृषक कल्याण शुल्क देना होगा। धारा-17 व 17 (क) के तहत कृषि उपज मण्डी समिति ( अनाज ) भगत की कोठी के सम्पूर्ण कृषि उपज मण्डी क्षेत्र मुख्य मण्डी तथा साथ ही गौण मण्डी क्षेत्र में कार्यरत अनुज्ञापत्रधारी व्यापारियों एवं व्यवसाईयों द्वारा अधिसूचित कृषि जिन्सों का क्रय-विक्रय करने पर कृषि जिन्स मोटा अनाज यथा ज्वार, बाजरा तथा जीरा व ईसबगोल पर 0.50 रूपया, तिलहन पर 1.00 रूपया तथा शेष अन्य समस्त अधिसूचित कृषि जिन्सों पर 1.60 रूपया प्रति सैकड़ा की निर्धारित दर से मण्डी शुल्क तथा समस्त अधिसूचित कृषि जिन्सों पर 0.50 रुपया प्रति सैकड़ा की दर से कृषक कल्याण शुल्क संग्रहित किये जाने का प्रावधान लागु कर दिया गया है
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त नवीन धारा 17-ख के तहत मुख्य तथा गौण मण्डी प्रांगणों की सीमाओं मे कार्यरत अनुज्ञापत्रधारी व्यापारियों एवं व्यवसाईयों द्वारा क्रीत-विक्रीत गैर अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य उत्पादों पर ऐसी दर से जो राज्य सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिदिष्ट की जाये, विहित रीति से उपयोक्ता प्रभार संग्रहित किया जावेगा
उक्त सभी संशोधन अधिसूचना जारी तिथि 19 जुलाई से प्रभावी होगें