सरसों चना गेहूं तेजी मन्दी रिपोर्ट ,AAJ KA MANDI BHAV 8 JUN 2023 सरसों भाव भविष्य 2023 चना भाव भविष्य 2023 गेहूं भाव भविष्य 2023 सरसों में तेजी कब आएगी चना में तेजी कब आएगी

नमस्कार किसान भाइयों हमारी वेबसाइट पर रोजाना मंडी भाव के साथ साथ फसलों के दामों में होने वाली तेजी मंदी के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है ।

*चना की कीमतों में और बढ़त की उम्मीद नयी दिल्ली उत्पादक मंडियों में चना की आवक के लगातार गिरावट देखी जा रही कमजोर आवक को देख चना में स्टाकिस्टों व दाल मिलर्स की पूछ परख बढ़ने लगी है। जिससे चना की कीमतों में आज सुधार दर्ज किया गया। दिल्ली लारेन्स रोड पर आज चना की आवक कमजोर रही  अवाक कमजोर रहने व दाल मिलर्स की लिवाली बढ़ने से दिल्ली चना की कीमतों 25 रुपए प्रति क्विटल का सुधार दर्ज किया गया और इस सुधार के साथ भाव मध्य प्रदेश लाइन 5150 रुपए व राजस्थान लाइन भी 5150 रुपए प्रति क्विटल हो गयी। मांग बढ़ने से इंदौर चना में भी 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़त देखी गयी और इस बढ़त के साथ भाव 5200 रुपए प्रति क्विंटल हो गए।*

*लिवाली बेहतर होने से महाराष्ट्र की मंडियों में चना की कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विटल की बढोतरी दर्ज की गयी और इस बढ़ोतरी के साथ भाव लातुर 5150/5160 रुपए प्रति क्विटल हो गए। इसी प्रकार राजस्थान चना में भी 25/50 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी देखी गयी और इस तेजी के साथ भाव जयपुर 5100/5135 रुपए व जोधपुर 4550/4600 रुपए प्रति क्विटल हो गए। मांग बनी रहने से चना की कीमतों में 100/200 रुपए प्रति क्विटल की बढ़त देखी जा सकती है।*

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*दैनिक समीक्षा- सरसों तेल मिलों की मांग घटने से सरसों में गिरावट दिल्ली लॉरेंस रोड पर आज 50 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के साथ भाव 4850 रुपए प्रति क्विंटल पर रह गये। राजस्थान की जयपुर मंडी में आज कोई उठा पटक नहीं देखने को मिला। इसी के साथ भाव 5100 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। जबकि भरतपुर मंडी में 10 रुपए घटाकर भाव खोले। इस गिरावट के साथ भाव 4800 रुपए प्रति क्विंटल पर देखने को मिले हरियाणा की चरखी दादरी मंडी में आज कोई उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिला। भाव 4800 रुपए प्रति क्विंटल पर सामान बने रहे। उत्तर प्रदेश की सलौनी प्लांट सरसों में आज 75 रुपए प्रति क्विंटल घटाकर भाव खोले। इसके साथ सलौनी शमशाबाद भाव 5475 रुपए दिग्नेर भाव 5475 रुपए अलवर भाव 5425 रुपए, कोटा भाव 5425 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। देश की उत्पादक मंडियों में आज सरसों की आवक 7 लाख 50 हजार बोरी हुई जोकि गत दिन के बराबर बनी रही। पशु आहार वालों की समान मांग के चलते सरसों खल में स्थिरता बनी हुई है।*

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*उद्योग-व्यापार क्षेत्र को गेहूं के सरकारी उत्पादन अनुमान पर संदेह केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने फरवरी 2023 में व्यक्त अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वर्ष के दौरान 1121.80 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड घरेलू उत्पादन की संभविना व्यक्त की थी। इसके बाद फरवरी में तापमान ऊंचा रहने एवं मार्च-अप्रैल में बेमौसमी वर्षा, आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि का भयंकर प्रकोप होने से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा और खासकर दाने की क्वालिटी बहुत खराब हो गई। इसे देखते हुए उद्योग-व्यापार क्षेत्र को उम्मीद थी कि जब कृषि मंत्रालय का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी होगा तब गेहं उत्पादन के आंकड़े में कटौती की जाएगी।*

*लेकिन इसके विपरीत मंत्रालय ने मई 2023 में जारी अपने तीसरे अग्रिम अनुमान में गेहूं का उत्पादन और भी बढ़कर 1127.30 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना व्यक्त कर दी जिससे उद्योग-व्यापार क्षेत्र को अत्यन्त हैरानी हुई। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से जो सर्वे करवाया, उसने गेहूं का घरेलू उत्पादन 1043 लाख टर्न होने का अनुमान लगाया। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों में चालू खरीफ सीजन के दौरान मंडियों में गेहं की आवक कम हो रही है। और कीमत बढ़ती जा रही है।*

*जबकि वहां आमतौर पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर अपना उत्पाद बेचना पड़ता था। इससे व्यापारियों एवं मिलर्स को गेहूं के सरकारी उत्पादन अनुमान पर संदेह होना स्वाभाविक ही है। बेशक, पंजाब, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा में पिछले साल के मुकाबले इस बार केन्द्रीय पूल के लिए गेहं की अधिक खरीद हुई है। मगर यहे नियत लक्ष्य से कॉफी पीछे रह गई। समीक्षकों के अनुसार सरकार ने उत्पादन अनुमान के आधार पर विभिन्न राज्यों में गेहूं की खरीद का लक्ष्य नियत किया था मगर केन्द्रीय पूल में सर्वाधिक योगदान देने वाले इन तीन राज्यों में वास्तविक खरीद नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह गई।*

*इसी तरह उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार में गेहूं की खरीद निर्धारित लक्ष्य की तुलना में नगण्य हुई है। उधर सरकारी सूत्रों का कहना है। कि कुछ लोग गेहूं के संभावित अभाव के बारे में अफवाह फैला सकते हैं। और विदेशों से इसके आयात की जरूरत भी बता सकते हैं क्योंकि वे चाहते हैं। कि गेहूं का बाजार भाव उछले और उन्हें मोटी कमाई करने का अवसर मिल जाए 10 ऐसे लोगों ने गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक पकड़ रखा है। व्यापारियों एवं मिलर्स को इससे सावधान रहना चाहिए।*

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