खाद्य तेल मार्केट मे मंदी से सरसो मे भारी गिरावट बढ़ी

खाद्य तेल मार्केट मे मंदी से सरसो मे भारी गिरावट बढ़ी जानिए आगे पूरी जानकारी कैसे हुई और क्यों

सरसों की समीक्षा
खाद्य तेल मार्केट में मंदी से सरसो में गिरावट बढ़ी
बीते सप्ताह जयपुर में 375 सलोनी 175 और भरतपुर 160 रुपए की गिरावट दर्ज की गयी सप्ताह के अंत में बिकवाली घटने और मीलों की घंटे भाव पर लेवाली से भाव में थोड़ा सुधार हुआ जयपुर सरसो इस सप्ताह अपने प्रमुख 5380 के निचे फिसलकर 2 साल के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ सरसो तेल और खल की मांग कमजोर पड़ने तथा अन्य खाद्य तेलों में मंदी ने सरसो का सेंटीमेंट खराब किया
सरसो में उम्मीद से ज्यादा और समय से पहले बड़ी गिरावट आ गयी है।
क्यूंकि अभी शुरुआती समय है और आगे पूरा सीज़न पड़ा है, इसलिए सुधार की गुंजाईश बनी रहेगी सरकारी खरीदारी का भी कोई ख़ास सपोर्ट नहीं मिल रहा है और सरसो के भाव एमएसपी से 10-15% से निचे फिसल गए हैं
इन स्तरों से गिरावट बढ़ने पर किसान की बिकवाली घट जाएगी
स्टॉकिस्ट और मिलवाले ऊपर में माल स्टॉक कर चुके हैं जिसकी वजह से उनको काफी नुकसान हो रहा है सरसो की क्रशिंग में मीलों को नुकसान कुछ हद तक कम हुआ है
जहाँ पिछले सप्ताह 3000/ टन का नुकसान हो रहा था वही अब घटकर 2000 टन रह गया है घटे भाव पर कुछ लेवाली निकलने से

सरसो के भाव में सुधार की उम्मीद दिख रही है। हालाँकि विदेशी बाजारों का समर्थन जरुरी है और फ़िलहाल विदेशी बाज़ारों का सेंटीमेंट कमजोर है
जानकारों का मानना है की मौजूद भाव से गिरावट पर खरीदारी में जोखिम कम और लम्बे समय के नजरिये है तो नुकसान होने की गुंजाइश कम
सरसों में अभी पूरा सीज़न पड़ा है और बड़ी तेजी न सही लेकिन आगे चलके जरूर सरसो में सुधार होगा

सोया तेल रिपोर्ट
केएलसी में 10% और सीबीओटी सोया तेल में 3.5% की गिरावट से सोया तेल के भाव 5 रुपये / किलो टूटे लगातार गिरावट से व्यापारी को भारी नुकसान हो रहा
है जिससे नयी खरीदारी बेहद कमजोर पड़ी है पिछले साप्ताहिक रिपोर्ट में एग्रीवर्ल्ड ने आगे और गिरावट आने की उम्मीद जताई थी
कांडला का मुख्य सपोर्ट 1000 पर था जो की पिछले सप्ताह ही टूट गया था जिसको देख गिरावट बढ़ने की उम्मीद जताई थी
व्यापारी को हर परिस्थिति में नुकसान हो रहा है चाहे वो कितना ही संभलकर व्यापार करें सोया तेल का आयात पड़तल मुनाफे में है जिससे सोया
तेल का आयात बढ़ेगा वहीँ लोकल में भी सोया तेल की उपलबधताता बनी हुई
है जिससे लगातार दबाव बना हुआ है। पिछले दो वर्षों से मई महीना खाद्य तेलों के लिए काफी ख़राब रहता है
लेकिन इस वर्ष उम्मीद से पहले ही बड़ी मंदी आ गयी है
और आगे भी परसिथि ख़राब दिख रहा है ड्यूटी की अफवाहों से गिरावट पर थोड़ा लगाम लग जाता है लेकिन झूटी ख़बरों से कोई तेजी नै टिकती
सरकार को अब खाद्य तेल व्यापार को नुकसान से बचाने के लिए तत्काल इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाना चाहिए वायदा कारोबार भी शुरू करें तो काम से अपने स्टॉक को हेज करके नुकसान को काम कर सकते हैं
जब तक आयातित तेलों की सप्लाई कम नहीं होती या भाव ऊँचे नहीं होते तब बड़ी और टिकाऊ तेजी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए व्यापारी नुकसान से बचने के लिए जितना जरुरत है उतना ही माल लेकर चलें

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